लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने सूबे के मुख्य योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. पत्र में जयंत ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि राष्ट्र के विकास की बुनियादी संकल्पना को नौकरशाही पर ही आश्रित न करें. ब्लॉक प्रमुख के अधिकार फिर से बहाल करते हुए शासन आदेश को निरस्त करने का कष्ट करे.
शासनादेश के बाद पंचायत निधी के खातों का संचालन नहीं कर सकेंगे ब्लॉक प्रमुख
जयंत ने पत्र में लिखा है कि 16 जून को एक शासनादेश में उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से ब्लॉक प्रमुखों की तरफ से कराए जाने वाले क्षेत्र विकास निधि के खातों के संचालन पर रोक लगा दी गई है. नए आदेश के तहत राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग से ग्राम विकास के लिए आई राशि के खातों का संचालन सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) और खंड विकास अधिकारी करेंगे. ब्लॉक प्रमुख की भूमिका संबंधित फाइल पर मात्र अनुमोदन करने तक सीमित कर दी गई है.
पंचायती राज अधिनियम का उलंघन ब्लॉक प्रमुखों से अधिकार छीनना
रालोद उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत और पंचायती राज अधिनियम 1961 की धारा 101 (क) में स्पष्ट उल्लेख है कि क्षेत्र पंचायत निधि में से धन का समस्त आहरण और उसका वितरण ब्लॉक प्रमुख और खंड विकास अधिकारी संयुक्त रूप से करेंगे. इसलिए 16 जून को जारी शासनादेश न केवल पंचायती राज अधिनियम 1961 की धारा 101 (क) का स्पष्ट उलंघन है, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद पंचायती राज व्यवस्था पर सीधी चोट है.
रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि बीडीसी के सदस्यों का चयन सीधे जनता करती है और यह सदस्य ही ब्लॉक प्रमुखों का चयन करते हैं. जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही होती है. इसलिए इन पर अविश्वास करना जनता पर अविश्वास करना है. फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के पत्र पर ध्यान देते हैं या नहीं, सरकार ब्लॉक प्रमुखों के अधिकारों को बहाल करती है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी.