लखनऊ: राजभवन में दो दिवसीय बैठक में आठ कुलपतियों ने विश्वविद्यालयों के नैक मूल्यांकन के संबंध में की गई तैयारियों का प्रस्तुतिकरण दिया. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर विश्वविद्यालयों के राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की बैठक हुई. राज्यपाल ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विश्वविद्यालयों के नैक मूल्यांकन को आवश्यक माना है. इससे पूर्व राज्यपाल ने 6 सितम्बर 2019 को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों संग नैक मूल्यांकन के संबंध में विचार-विमर्श किया था.
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालयों को नैक मूल्यांकन में ए प्लस लाना है. इसके लिए मानक के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाते हुए अपना प्रस्तुतिकरण तैयार करें. इसमें किसी तरह की कोताही न बरती जाए. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण में परिलक्षित कमियों को आपस में समन्वय स्थापित करने के लिए प्रस्तुतिकरण तैयार करें, जिससे नैक मूल्यांकन के समय कोई कठिनाई उत्पन्न न हो.
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राज्यपाल ने कहा कि समाज, गैर सरकारी संगठन और विश्वविद्यालय आपस में कैसे जुड़ें, इस पर विश्वविद्यालयों को विचार करना चाहिए. विश्वविद्यालय समाज की समस्याओं को हल करने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दें. इसके लिए विश्वविद्यालय छात्रों को स्थानीय आवश्यकताओं एवं समस्याओं के अनुरूप प्रोजेक्ट बनाकर उन्हें कार्य आवंटित कर उनसे फीड बैक प्राप्त करें. विश्वविद्यालय अपने संसाधनों के अधिकतम उपयोग हेतु छात्र-छात्राओं के साथ-साथ समाज के लोगों को भी सहभागी बनाएं.
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इससे पूर्व राज्यपाल ने राजभवन की वेबसाइट में दो माड्यूल को जोड़ने का शुभारम्भ किया. वेबसाइट में नए जुड़ने वाले माड्यूल के माध्यम से कुलपति एवं निदेशक के अवकाश और कुलपति एवं निदेशक के पद हेतु आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है.