लखनऊ: दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध में राजधानी लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस प्रदर्शन के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया था. प्रदर्शन में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था. हिंसक प्रदर्शनों में शामिल लोगों के लिए गुरुवार का दिन बहुत अहम है. इस दिन सरकारी संपत्तियों की भरपाई के लिए फैसला आना है.
CAA: 150 लोगों के लिए आज का दिन अहम, आएगा फैसला
सीएए को लेकर पिछले साल दिसंबर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसमें सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना गया था. प्रदर्शन में 150 लोगों के नाम संपत्ति की भरपाई के लिए सामने आए थे. 13 फरवरी को सरकारी संपत्तियों की भरपाई करने के लिए फैसला आना है.
सीएए हिंसा.
लखनऊ: दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध में राजधानी लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस प्रदर्शन के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया था. प्रदर्शन में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था. हिंसक प्रदर्शनों में शामिल लोगों के लिए गुरुवार का दिन बहुत अहम है. इस दिन सरकारी संपत्तियों की भरपाई के लिए फैसला आना है.
राजधानी के पुराने इलाके में 19 दिसंबर को हिंसा और आगजनी से करीब साढ़े 4 करोड़ की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था. प्रशासन ने प्रदर्शन में शामिल 150 लोगों की पहचान की थी. सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए 13 फरवरी को फैसला आएगा.
प्रभारी अधिकारी ने दिया बयान
इस मामले में प्रभारी अधिकारी और एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्र ने कहा कि सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए चिह्नित आरोपियों को एडीएम ट्रांस गोमती सहित दो अन्य एडीएम कोर्ट से नोटिस जारी की गई थी.
नोटिस के खिलाफ रिट दाखिल
विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि इन नोटिस पर आपत्ति जताते हुए आरोपियों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी. इसकी सुनवाई के कारण प्रशासन ने इस मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी थी. जस्टिस पंकज कुमार की खंडपीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार न कर खारिज कर दिया था.
प्रशासन करेगा आगे की कार्रवाई
विश्व भूषण मिश्र ने जानकारी दी कि इस फैसले के बाद प्रशासन सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने में चिह्नित आरोपियों के खिलाफ वसूली में तेजी लाने के लिए 13 फरवरी को आगे की कार्रवाई करेगा. उन्होंने बताया कि नुकसान की भरपाई के लिए करीब 150 आरोपियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का मौका दिया जा चुका है. 13 फरवरी को एडीएम ट्रांस गोमती कोर्ट में होने वाली सुनवाई में नोटिस पर दिए गए जवाब से संतुष्ट न होने या नोटिस का कोई जवाब न देने वाले आरोपियों से नुकसान की भरपाई के लिए वसूली की प्रक्रिया शुरू करने की कार्रवाई होगी.
राजधानी के पुराने इलाके में 19 दिसंबर को हिंसा और आगजनी से करीब साढ़े 4 करोड़ की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था. प्रशासन ने प्रदर्शन में शामिल 150 लोगों की पहचान की थी. सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए 13 फरवरी को फैसला आएगा.
प्रभारी अधिकारी ने दिया बयान
इस मामले में प्रभारी अधिकारी और एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्र ने कहा कि सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए चिह्नित आरोपियों को एडीएम ट्रांस गोमती सहित दो अन्य एडीएम कोर्ट से नोटिस जारी की गई थी.
नोटिस के खिलाफ रिट दाखिल
विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि इन नोटिस पर आपत्ति जताते हुए आरोपियों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी. इसकी सुनवाई के कारण प्रशासन ने इस मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी थी. जस्टिस पंकज कुमार की खंडपीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार न कर खारिज कर दिया था.
प्रशासन करेगा आगे की कार्रवाई
विश्व भूषण मिश्र ने जानकारी दी कि इस फैसले के बाद प्रशासन सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने में चिह्नित आरोपियों के खिलाफ वसूली में तेजी लाने के लिए 13 फरवरी को आगे की कार्रवाई करेगा. उन्होंने बताया कि नुकसान की भरपाई के लिए करीब 150 आरोपियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का मौका दिया जा चुका है. 13 फरवरी को एडीएम ट्रांस गोमती कोर्ट में होने वाली सुनवाई में नोटिस पर दिए गए जवाब से संतुष्ट न होने या नोटिस का कोई जवाब न देने वाले आरोपियों से नुकसान की भरपाई के लिए वसूली की प्रक्रिया शुरू करने की कार्रवाई होगी.