लखनऊ: यूपी सरकार अब जातिसूचक स्टीकर लगे होने पर गाड़ियों को सीज करने की कार्रवाई करेगी. ऐसी गाड़ियों को मौके पर ही सीज कर दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) मुकेश चंद्रा ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. वहीं इस आदेश के बाद लखनऊ पुलिस ने की पहली कार्रवाई करते हुए एक गाड़ी को सीज कर दिया है.
धारा 177 में होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) मुकेश चंद्रा ने जाति लिखे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने और उन्हेंं जब्त करने का आदेश दे दिए हैं. एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश चंद्रा ने बताया कि अब वाहनों पर जाति सूचक शब्द होने पर धारा 177 में चालान या सीज करने की कार्रवाई होगी. यह आदेश प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालयों को भेज दिया गया है और निर्देश दिया गया है कि नंबर प्लेट पर जाति लिखने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करें. उन वाहनों को सीज करने के साथ जुर्माना भी करें. चेकिंग में दोबारा पकड़े जाने पर उन वाहनों पर दोगुना जुर्माना लगाया जाए. तीसरी बार पकड़े जाने पर उनके खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाए.
नंबर के अलावा प्लेट पर कुछ न हो अंकित
परिवहन विभाग की मोटरयान नियमावली के अनुसार वाहनों की नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ भी नहीं लिखा जा सकता है. गाड़ी पर लिखे नंबर स्पष्ट दिखाई देने चाहिए. परिवहन विभाग के मुताबिक वाहनों के नंबर प्लेट पर कोई जाति सूचक शब्द लिखता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है.
लखनऊ पुलिस ने की पहली कार्रवाई, गाड़ी सीज
अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन मुकेश चंद्रा ने गाड़ी पर किसी तरह के जाति सूचक शब्द लिखें जाने पर अभियान चलाने के आदेश दिए, जिसके बाद इसके तहत कार्रवाई की भी शुरुआत हो गई. कानपुर की एक मारुति वैन के पिछले शीशे पर 'सक्सेना जी' लिखा हुआ था. UP 78 EW 3616 नंबर की इस गाड़ी का पुलिस ने रोककर चालान कर दिया. यह लखनऊ की पहली करवाई है, जिसमे गाड़ी को सीज किया गया है.
समाज में जाता है गलत संदेश
अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) मुकेश चंद्रा बताते हैं कि "नंबर प्लेट पर जाति सूचक शब्द लिखने वाले लोग समाज में गलत संदेश देते हैं. वाहन स्वामी अक्सर ब्राह्मण, क्षत्रिय, यादव आदि लिखे रहते हैं जो पूरी तरह से गलत है, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
महाराष्ट्र के शिक्षक ने पीएमओ में दर्ज कराई थी आपत्ति
परिवहन विभाग की तरफ से यह आदेश उत्तर प्रदेश सरकार को प्रधानमंत्री कार्यालय से भेजे गए एक पत्र के बाद जारी किया गया है. महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. आइजीआरएस पर उन्होंने उत्तर प्रदेश में दौड़ते इस प्रकार के जातिवादी वाहनों को सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा बताया था.