ETV Bharat / state

लखनऊः वाहनों के प्रदूषण जांच की निर्धारित हुई प्रक्रिया

प्रदेश में ऑनलाइन मोटरयान प्रदूषण जांच केंद्र योजना के तहत वाहनों के प्रदूषण की जांच निर्धारित की गई है. इसमें वाहन के मालिक को शुल्क भी अदा करना होगा.

परिवहन आयुक्त कार्यालय
परिवहन आयुक्त कार्यालय
author img

By

Published : Nov 11, 2020, 5:08 AM IST

लखनऊ. उत्तर प्रदेश ऑनलाइन मोटरयान प्रदूषण जांच केंद्र योजना के अन्तर्गत वाहनों के प्रदूषण की जांच की प्रक्रिया निर्धारित की गई है. इस प्रक्रिया के तहत प्रदूषण जांच करने के लिए वाहन स्वामी को निर्धारित शुल्क देना होगा. वाहन स्वामी को यह शुल्क प्रदूषण जांच केंद्र के समक्ष प्रस्तुत करना होगा.

स्मोक मीटर से होगी जांच
परिवहन विभाग ने इस संबंध में जारी नियमावली के अनुसार जांच केंद्र द्वारा गैस एनाॅलाइजर या स्मोक मीटर से वाहन के प्रदूषण स्तर की जांच की जाएगी. अगर माप अधिकतम उत्सर्जन प्रदूषण स्तर पर होगा तो निर्धारित प्रारूप पर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. इसमें प्रदूषण स्तर की माप का भी उल्लेख होगा. प्रमाण पत्र पर जांच केन्द्र की कोड संख्या भी अंकित की जाएगी और प्राप्त जांच शुल्क का उल्लेख भी किया जाएगा. इसके बाद प्रमाण पत्र की प्रति वाहन स्वामी को दी जाएगी.

वाहन स्वामी को देना होगा पूरा शुल्क
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू ने बताया कि निर्धारित प्रक्रिया में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानक सीमा से अधिक आता है तो ऐसे वाहन की जांच की निर्धारित फीस ही वसूल की जाएगी और वाहन स्वामी को रिजेक्शन प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. जांच की तारीख के अगले सात दिनों में किसी भी प्रदूषण जांच केंद्र पर वाहन का प्रदूषण जांच कराया जाना आवश्यक होगा जिसके लिए वाहन स्वामी को पूरा शुल्क देना होगा.

परिसर में ही की जाएगी वाहनों की जांच
उन्होंने बताया कि प्रदूषण जांच केंद्र के परिसर में मोटर वाहनों की पार्किंग की समुचित व्यवस्था इस प्रकार की जाएगी कि परिसर के आसपास सार्वजनिक मार्ग पर यातायात में रुकावट न आए और परिसर के अन्दर वाहनों की प्रदूषण संबंधी जांच क्रमानुसार हो सके. प्रदूषण संबंधी जांच का कार्य जांच केंद्र परिसर में ही किया जाएगा. प्राधिकृत अधिकारी की तरफ से प्राधिकार पत्र निरस्त या निलंबित करने पर प्रदूषण जांच केंद्र वाहनों की जांच तत्काल बंद कर देगा.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश ऑनलाइन मोटरयान प्रदूषण जांच केंद्र योजना के अन्तर्गत वाहनों के प्रदूषण की जांच की प्रक्रिया निर्धारित की गई है. इस प्रक्रिया के तहत प्रदूषण जांच करने के लिए वाहन स्वामी को निर्धारित शुल्क देना होगा. वाहन स्वामी को यह शुल्क प्रदूषण जांच केंद्र के समक्ष प्रस्तुत करना होगा.

स्मोक मीटर से होगी जांच
परिवहन विभाग ने इस संबंध में जारी नियमावली के अनुसार जांच केंद्र द्वारा गैस एनाॅलाइजर या स्मोक मीटर से वाहन के प्रदूषण स्तर की जांच की जाएगी. अगर माप अधिकतम उत्सर्जन प्रदूषण स्तर पर होगा तो निर्धारित प्रारूप पर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. इसमें प्रदूषण स्तर की माप का भी उल्लेख होगा. प्रमाण पत्र पर जांच केन्द्र की कोड संख्या भी अंकित की जाएगी और प्राप्त जांच शुल्क का उल्लेख भी किया जाएगा. इसके बाद प्रमाण पत्र की प्रति वाहन स्वामी को दी जाएगी.

वाहन स्वामी को देना होगा पूरा शुल्क
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू ने बताया कि निर्धारित प्रक्रिया में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानक सीमा से अधिक आता है तो ऐसे वाहन की जांच की निर्धारित फीस ही वसूल की जाएगी और वाहन स्वामी को रिजेक्शन प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. जांच की तारीख के अगले सात दिनों में किसी भी प्रदूषण जांच केंद्र पर वाहन का प्रदूषण जांच कराया जाना आवश्यक होगा जिसके लिए वाहन स्वामी को पूरा शुल्क देना होगा.

परिसर में ही की जाएगी वाहनों की जांच
उन्होंने बताया कि प्रदूषण जांच केंद्र के परिसर में मोटर वाहनों की पार्किंग की समुचित व्यवस्था इस प्रकार की जाएगी कि परिसर के आसपास सार्वजनिक मार्ग पर यातायात में रुकावट न आए और परिसर के अन्दर वाहनों की प्रदूषण संबंधी जांच क्रमानुसार हो सके. प्रदूषण संबंधी जांच का कार्य जांच केंद्र परिसर में ही किया जाएगा. प्राधिकृत अधिकारी की तरफ से प्राधिकार पत्र निरस्त या निलंबित करने पर प्रदूषण जांच केंद्र वाहनों की जांच तत्काल बंद कर देगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.