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Vehicle modification : बदलते दौर के साथ बदलेगी आपके वाहन की दुनिया, जानिए क्या हो रहे बदलाव

ऑटोमोबाइल्स कंपनियां अब वाहनों में तरह तरह के आरामदायक सुविधाओं के साथ सुरक्षा के लिहाज से कई तरह परिवर्तन (Vehicle modification ) कर रही हैं. वाहनों में जरूरत के अनुसार सेफ्टी फीचर्स बढ़ाने को लेकर आरटीओ और मोटर मैकेनिक अपने अपने तरह के तर्क दे रहे हैं.

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Published : Jan 16, 2023, 7:04 PM IST

Updated : Jan 17, 2023, 11:35 AM IST

देखें पूरी खबर.

लखनऊ : ऑटोमोबाइल सेक्टर की दोपहिया और चार पहिया वाहन निर्माता कंपनियां लगातार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहनों में परिवर्तन कर रही हैं. वाहनों में जरूरत के अनुसार सेफ्टी फीचर्स बढ़ा रही हैं. कंपनियों की यह तब्दीलियां वाहन स्वामियों को काफी रास भी आ रही हैं. लोगों को लग रहा है कि आखिर पहले इस तरह के परिवर्तन क्यों नहीं हुए? यह तो काफी आवश्यक हैं. भविष्य में भी कंपनियां सड़क दुर्घटनाओं को रोकने से संबंधित अन्य सेफ्टी फीचर्स को वाहनों में बढ़ाने की दिशा में काम कर रही हैं.

वाहनों में सेफ्टी फीचर्स पर राय.
वाहनों में सेफ्टी फीचर्स पर राय.



दोपहिया वाहनों में रिवर्स गियर की सुविधा : पिछले तीन से चार सालों में वाहनों में विनिर्माता कंपनियों ने तमाम बदलाव किए हैं. इन बदलावों का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को रोकना है. वाहन स्वामियों को सजग करना है. महिलाओं और कम लंबाई वाले वाहन चालकों को अक्सर दोपहिया वाहन चलाते समय ऊंचे नीचे स्थानों या फिर संकरे गली कूचों में पीछे की तरफ गाड़ी खींचने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों ने पहली बार इस समस्या का हल निकाला. दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में भी रिवर्स गियर की सुविधा दे दी है. अब आराम से कम लंबाई वाले और महिलाएं अपने दोपहिया वाहनों को रिवर्स मोड में लगाकर रिवर्स कर सकते हैं. इससे उनकी परेशानी समाप्त हो गई है. अभी तक किसी भी दुपहिया वाहन में इस तरह की व्यवस्था नहीं थी.



हेडलाइट ऑन रहने की व्यवस्था : पहले जहां वाहनों में हेड लाइट ऑन करना भूल जाने पर उस वाहन से सामने आने वाला कोई भी दुर्घटना का शिकार हो सकता था. कंपनियों ने इस पर गंभीरता से विचार किया और यूरो 4 वाहनों में चाबी लगाते ही ऑटोमेटिक हेड लाइट करने की व्यवस्था कर दी. वाहन चालक लाइट को बंद ही नहीं कर सकता. इसका फायदा यह मिल रहा है कि अब वाहनों की हेड लाइट लगातार जलती रहती है जिससे कम से कम हेड लाइट न जलने की वजह से दुर्घटनाओं का अनुपात कम हो गया है.

सिंगल स्टैंड हटाते ही गाड़ी स्टार्ट, लगाते ही बंद : दोपहिया वाहनों में सिंगल स्टैंड दुर्घटना का कारण बनता था. लोग गाड़ी चलाते समय सिंगल स्टैंड हटाना ही भूल जाते थे. इससे वे दुर्घटना का शिकार हो जाते थे. वाहन निर्माता कंपनियों ने इस ओर भी ध्यान दिया और अब दोपहिया वाहनों में ऐसी सुविधा दे दी है कि जब तक वाहन स्वामी वाहन स्टार्ट करने से पहले स्टैंड नहीं हटाएगा तब तक वाहन स्टार्ट ही नहीं होता. स्टैंड हटाते ही वाहन स्टार्ट हो जाता है, वहीं अगर गाड़ी स्टार्ट है और स्टैंड लगाते हैं वैसे ही ऑटोमेटिक गाड़ी बंद भी हो जाती है. इससे अब सिंगल स्टैंड से होने वाली दुर्घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित हो रहा है.


गाड़ी मोड़ने से पहले ही ऑटोमेटिक इंडिकेटर : अक्सर दुर्घटनाओं में यह सामने आता है कि वाहन चालक ने गाड़ी मोड़ने से पहले कोई संकेत नहीं दिया. वाहन का इंडिकेटर बिना दिए ही गाड़ी मोड़ दी और दुर्घटना हो गई. अक्सर यह देखने में आता है कि लोग किसी मोड़ से पहले हाथ देते हैं या फिर सिर्फ पीछे की तरफ अपने सिर से ही मुड़ने का इशारा कर देते हैं, लेकिन पीछे चलने वाले लोग कई बार समझ नहीं पाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इसी को ध्यान में रखकर अब कंपनियों ने ऑटोमेटिक इंडिकेटर की भी व्यवस्था गाड़ियों में दे दी है. अब वाहन मोड़ने से पहले वाहन चालक को इंडिकेटर देने की जरूरत नहीं. जैसे ही मोड़ की दिशा की तरफ गाड़ी का बढ़ना शुरू होता है वैसे ही उधर की तरफ का इंडिकेटर ऑटोमेटिक ऑन हो जाता है. इससे अब हादसों पर लगाम लग रही है.

ड्राइविंग सीट पर सीट बेल्ट नहीं पहनी तब तक बीप : चार पहिया वाहन चलाते समय या फिर बैठे हुए लोगों के लिए सीट बेल्ट हादसों से बचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अक्सर जब कोई दुर्घटना होती है तो सामने आता है कि ड्राइवर सीट पर या बगल वाली सीट पर बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी. अगर सीट बेल्ट लगाए होते तो फिर जान बच सकती थी या फिर इतनी गंभीर चोट नहीं आती. कंपनियों ने इस ओर विशेष तौर पर ध्यान दिया और ड्राइविंग सीट के साथ ही बगल की सीट पर बैठने वाले व्यक्ति के जब तक सीट बेल्ट नहीं लगाए तब तक बीप बजते रहने की व्यवस्था कर दी. इससे वाहन चलाने से पहले ही ड्राइवर सीट बेल्ट लगाने के लिए सजग हो रहे हैं. यह प्रयास दुर्घटना में जान जाने से रोकने में मददगार साबित हो रहा है.

गियरलेस की जा रही गाड़ियां : दुर्घटना का एक बड़ा कारण दुपहिया और चार पहिया वाहनों में गियर भी बनता है. कभी गियर फंसने और कभी जो गियर लगाना है उस गियर के न लगने से अचानक वाहन सड़क पर रुक जाता है या फिर तेजी से आगे की तरफ बढ़ जाता है तो यह भी दुर्घटना का सबब बनता है. इसी को ध्यान में रखकर अब कंपनियां वाहनों को धीरे-धीरे गियरलेस करती जा रही हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों में गियर का कोई झंझट ही नहीं बचा है. वहीं महंगी गाड़ियों में ऑटोमेटिक सुविधा दे दी गई है. लिहाजा, गियर और क्लच का वाहनों में धीरे-धीरे काम खत्म होता जा रहा है. यह भी दुर्घटना को रोकने में अहम साबित हो रहा है.

यह भी पढ़ें : firing in Meerut Degree College: डिग्री कॉलेज में दो गुटों में मारपीट और फायरिंग, तीन छात्र घायल

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लखनऊ : ऑटोमोबाइल सेक्टर की दोपहिया और चार पहिया वाहन निर्माता कंपनियां लगातार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहनों में परिवर्तन कर रही हैं. वाहनों में जरूरत के अनुसार सेफ्टी फीचर्स बढ़ा रही हैं. कंपनियों की यह तब्दीलियां वाहन स्वामियों को काफी रास भी आ रही हैं. लोगों को लग रहा है कि आखिर पहले इस तरह के परिवर्तन क्यों नहीं हुए? यह तो काफी आवश्यक हैं. भविष्य में भी कंपनियां सड़क दुर्घटनाओं को रोकने से संबंधित अन्य सेफ्टी फीचर्स को वाहनों में बढ़ाने की दिशा में काम कर रही हैं.

वाहनों में सेफ्टी फीचर्स पर राय.
वाहनों में सेफ्टी फीचर्स पर राय.



दोपहिया वाहनों में रिवर्स गियर की सुविधा : पिछले तीन से चार सालों में वाहनों में विनिर्माता कंपनियों ने तमाम बदलाव किए हैं. इन बदलावों का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को रोकना है. वाहन स्वामियों को सजग करना है. महिलाओं और कम लंबाई वाले वाहन चालकों को अक्सर दोपहिया वाहन चलाते समय ऊंचे नीचे स्थानों या फिर संकरे गली कूचों में पीछे की तरफ गाड़ी खींचने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों ने पहली बार इस समस्या का हल निकाला. दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में भी रिवर्स गियर की सुविधा दे दी है. अब आराम से कम लंबाई वाले और महिलाएं अपने दोपहिया वाहनों को रिवर्स मोड में लगाकर रिवर्स कर सकते हैं. इससे उनकी परेशानी समाप्त हो गई है. अभी तक किसी भी दुपहिया वाहन में इस तरह की व्यवस्था नहीं थी.



हेडलाइट ऑन रहने की व्यवस्था : पहले जहां वाहनों में हेड लाइट ऑन करना भूल जाने पर उस वाहन से सामने आने वाला कोई भी दुर्घटना का शिकार हो सकता था. कंपनियों ने इस पर गंभीरता से विचार किया और यूरो 4 वाहनों में चाबी लगाते ही ऑटोमेटिक हेड लाइट करने की व्यवस्था कर दी. वाहन चालक लाइट को बंद ही नहीं कर सकता. इसका फायदा यह मिल रहा है कि अब वाहनों की हेड लाइट लगातार जलती रहती है जिससे कम से कम हेड लाइट न जलने की वजह से दुर्घटनाओं का अनुपात कम हो गया है.

सिंगल स्टैंड हटाते ही गाड़ी स्टार्ट, लगाते ही बंद : दोपहिया वाहनों में सिंगल स्टैंड दुर्घटना का कारण बनता था. लोग गाड़ी चलाते समय सिंगल स्टैंड हटाना ही भूल जाते थे. इससे वे दुर्घटना का शिकार हो जाते थे. वाहन निर्माता कंपनियों ने इस ओर भी ध्यान दिया और अब दोपहिया वाहनों में ऐसी सुविधा दे दी है कि जब तक वाहन स्वामी वाहन स्टार्ट करने से पहले स्टैंड नहीं हटाएगा तब तक वाहन स्टार्ट ही नहीं होता. स्टैंड हटाते ही वाहन स्टार्ट हो जाता है, वहीं अगर गाड़ी स्टार्ट है और स्टैंड लगाते हैं वैसे ही ऑटोमेटिक गाड़ी बंद भी हो जाती है. इससे अब सिंगल स्टैंड से होने वाली दुर्घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित हो रहा है.


गाड़ी मोड़ने से पहले ही ऑटोमेटिक इंडिकेटर : अक्सर दुर्घटनाओं में यह सामने आता है कि वाहन चालक ने गाड़ी मोड़ने से पहले कोई संकेत नहीं दिया. वाहन का इंडिकेटर बिना दिए ही गाड़ी मोड़ दी और दुर्घटना हो गई. अक्सर यह देखने में आता है कि लोग किसी मोड़ से पहले हाथ देते हैं या फिर सिर्फ पीछे की तरफ अपने सिर से ही मुड़ने का इशारा कर देते हैं, लेकिन पीछे चलने वाले लोग कई बार समझ नहीं पाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इसी को ध्यान में रखकर अब कंपनियों ने ऑटोमेटिक इंडिकेटर की भी व्यवस्था गाड़ियों में दे दी है. अब वाहन मोड़ने से पहले वाहन चालक को इंडिकेटर देने की जरूरत नहीं. जैसे ही मोड़ की दिशा की तरफ गाड़ी का बढ़ना शुरू होता है वैसे ही उधर की तरफ का इंडिकेटर ऑटोमेटिक ऑन हो जाता है. इससे अब हादसों पर लगाम लग रही है.

ड्राइविंग सीट पर सीट बेल्ट नहीं पहनी तब तक बीप : चार पहिया वाहन चलाते समय या फिर बैठे हुए लोगों के लिए सीट बेल्ट हादसों से बचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अक्सर जब कोई दुर्घटना होती है तो सामने आता है कि ड्राइवर सीट पर या बगल वाली सीट पर बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी. अगर सीट बेल्ट लगाए होते तो फिर जान बच सकती थी या फिर इतनी गंभीर चोट नहीं आती. कंपनियों ने इस ओर विशेष तौर पर ध्यान दिया और ड्राइविंग सीट के साथ ही बगल की सीट पर बैठने वाले व्यक्ति के जब तक सीट बेल्ट नहीं लगाए तब तक बीप बजते रहने की व्यवस्था कर दी. इससे वाहन चलाने से पहले ही ड्राइवर सीट बेल्ट लगाने के लिए सजग हो रहे हैं. यह प्रयास दुर्घटना में जान जाने से रोकने में मददगार साबित हो रहा है.

गियरलेस की जा रही गाड़ियां : दुर्घटना का एक बड़ा कारण दुपहिया और चार पहिया वाहनों में गियर भी बनता है. कभी गियर फंसने और कभी जो गियर लगाना है उस गियर के न लगने से अचानक वाहन सड़क पर रुक जाता है या फिर तेजी से आगे की तरफ बढ़ जाता है तो यह भी दुर्घटना का सबब बनता है. इसी को ध्यान में रखकर अब कंपनियां वाहनों को धीरे-धीरे गियरलेस करती जा रही हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों में गियर का कोई झंझट ही नहीं बचा है. वहीं महंगी गाड़ियों में ऑटोमेटिक सुविधा दे दी गई है. लिहाजा, गियर और क्लच का वाहनों में धीरे-धीरे काम खत्म होता जा रहा है. यह भी दुर्घटना को रोकने में अहम साबित हो रहा है.

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Last Updated : Jan 17, 2023, 11:35 AM IST
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