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लखनऊ: पहले दिन मशीनों से फिटनेस की जांच में 80 में 71 गाड़ियां फेल

यूपी के लखनऊ में मंगलवार से आरटीओ कार्यालय में वाहन इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर की शुरुआत हुई है. ऐसे में जो वाहन फिट नहीं हैं, उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र मिलना अब नामुमकिन हो गया है. पहले दिन की जांच में आए 80 में से 71 वाहन फिटनेस की जांच पास नहीं कर पाए.

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Published : Oct 1, 2019, 9:25 PM IST

वाहनों के इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर की शुरुआत

लखनऊ: रोजाना जितने भी वाहन आरटीओ कार्यालय के फिटनेस सेंटर में फिटनेस कराने जाते थे. उनमें से ज्यादातर वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट मिल ही जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब जितने वाहन जाते हैं उसमें से कुछ वाहनों को ही फिटनेस प्रमाण पत्र मिल पाता है. पहले मशीनों से मैनुअल जांच होती थी और इसमें इंसानी दखल थी. ले-देकर अनफिट वाहन को भी फिटनेस प्रमाण पत्र मिल जाता था.

आरटीओ कार्यालय में इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर की शुरुआत.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: एसटीएफ की टीम को मिली बड़ी सफलता, चार शातिर अभियुक्त गिरफ्तार

इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर में वाहनों की फिटनेस जांच शुरू
इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर (आइसीसी) में सुबह से ही वाहन फिटनेस के लिए पहुंचने लगते हैं. जितने भी वाहनों की जांच पहले दिन की गई, उनमें अधिकांश वाहन फिटनेस में फेल पाए गए. वाहन स्वामी को फिटनेस का रिपोर्ट कार्ड और अनफिट का सर्टिफिकेट देकर रवाना कर दिया गया. सेंटर से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन फिटनेस के लिए 110 वाहनों का पंजीकरण किया गया था. इन 80 वाहनों की चेकिंग के दौरान सिर्फ नौ वाहन ही फिटनेस जांच में पास हो पाए. अधिकांश वाहनों में बल्ब संबंधी समस्या सामने आ रही थी. खास बात यह है कि एक बार अनफिट पाए जाने के बाद वाहन मालिक को दोबारा ऑनलाइन आवेदन करना होगा और इसके लिए फिर से फीस भी जमा करनी होगी.

चार तरह की होती है फिटनेस जांच
मशीनों से चार तरह की जांच की जा रही है. इसमें प्रदूषण, ब्रेक, स्पीड लिमिटिंग डिवाइस और बीम लाइट की जांच की जा रही है. इसमें सबसे बड़ी समस्या लाइटों को लेकर आ रही है. अधिकांश वाहनों की बीम लाइट ऊपर नीचे पाई गई. जिन वाहनों में बीम लाइट सही है तो उसमें बैक लाइट नहीं काम कर रही थी. अधिकांश वाहनों में स्टॉप लाइट वाले बल्ब ही गायब पाए गए. अधिकारियों ने बताया कि इन चार लाइटों के अलावा दो जांचे मैनुअली होनी है. यह जांच यहां लगी मशीनों के ऑपरेटर और आरटीओ ऑफिस के आरआई करेंगे. अगर उन्हें लगता है कि वाहन में किसी तरह की कमी है जिससे वाहन आगे दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है, तो ऐसे में वह उसमें अपनी डिटेल भरेंगे. इसके बाद वाहन को फिटनेस नहीं दिया जाएगा. इसके बाद छह अन्य प्वाइंट चेक किए जाएंगे. इनमें वाहनों की खराबी के बारे में वाहन मालिक को बताया जाएगा. फिटनेस न पास कर पाने वाले वाहन स्वामियों को भी यह बताया जाएगा कि उनकी गाड़ी में क्या कमियां है, जिसे वह जल्द ठीक करा लें.

सड़क दुर्घटनाओं में आएगी कमी
इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर के शुरू होने से अब सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी. अब मशीनों से ही वाहनों की फिटनेस जांची जाएगी जिससे फिट वाहन ही फिटनेस पा सकेंगे. नए नियमों के अनरूप मशीनों से की जाने वाली फिटनेस के लिए फीस बढ़ गई है. अब तक लाइट मोटर व्हेकिल (चार पहिया और तीन पहिया) के लिए फिटनेस की फीस जहां 400 रुपए थी, वहीं अब बढ़कर 800 रुपए हो गई है. 600 रुपए फिटनेस फीस और 200 रुपए फिटेनस के लिए दिया जाने वाले सर्टिफिकेट के देने होंगे. इसी तरह से हैवी वाहनों के लिए (चार पहिया से ऊपर) फिटनेस फीस 1200 रुपए कर दी गई है. 1000 रुपए फीस है और 200 रुपए फिटेनस प्रमाण पत्र की कीमत तय कर दी गई है.

लखनऊ: रोजाना जितने भी वाहन आरटीओ कार्यालय के फिटनेस सेंटर में फिटनेस कराने जाते थे. उनमें से ज्यादातर वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट मिल ही जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब जितने वाहन जाते हैं उसमें से कुछ वाहनों को ही फिटनेस प्रमाण पत्र मिल पाता है. पहले मशीनों से मैनुअल जांच होती थी और इसमें इंसानी दखल थी. ले-देकर अनफिट वाहन को भी फिटनेस प्रमाण पत्र मिल जाता था.

आरटीओ कार्यालय में इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर की शुरुआत.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: एसटीएफ की टीम को मिली बड़ी सफलता, चार शातिर अभियुक्त गिरफ्तार

इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर में वाहनों की फिटनेस जांच शुरू
इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर (आइसीसी) में सुबह से ही वाहन फिटनेस के लिए पहुंचने लगते हैं. जितने भी वाहनों की जांच पहले दिन की गई, उनमें अधिकांश वाहन फिटनेस में फेल पाए गए. वाहन स्वामी को फिटनेस का रिपोर्ट कार्ड और अनफिट का सर्टिफिकेट देकर रवाना कर दिया गया. सेंटर से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन फिटनेस के लिए 110 वाहनों का पंजीकरण किया गया था. इन 80 वाहनों की चेकिंग के दौरान सिर्फ नौ वाहन ही फिटनेस जांच में पास हो पाए. अधिकांश वाहनों में बल्ब संबंधी समस्या सामने आ रही थी. खास बात यह है कि एक बार अनफिट पाए जाने के बाद वाहन मालिक को दोबारा ऑनलाइन आवेदन करना होगा और इसके लिए फिर से फीस भी जमा करनी होगी.

चार तरह की होती है फिटनेस जांच
मशीनों से चार तरह की जांच की जा रही है. इसमें प्रदूषण, ब्रेक, स्पीड लिमिटिंग डिवाइस और बीम लाइट की जांच की जा रही है. इसमें सबसे बड़ी समस्या लाइटों को लेकर आ रही है. अधिकांश वाहनों की बीम लाइट ऊपर नीचे पाई गई. जिन वाहनों में बीम लाइट सही है तो उसमें बैक लाइट नहीं काम कर रही थी. अधिकांश वाहनों में स्टॉप लाइट वाले बल्ब ही गायब पाए गए. अधिकारियों ने बताया कि इन चार लाइटों के अलावा दो जांचे मैनुअली होनी है. यह जांच यहां लगी मशीनों के ऑपरेटर और आरटीओ ऑफिस के आरआई करेंगे. अगर उन्हें लगता है कि वाहन में किसी तरह की कमी है जिससे वाहन आगे दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है, तो ऐसे में वह उसमें अपनी डिटेल भरेंगे. इसके बाद वाहन को फिटनेस नहीं दिया जाएगा. इसके बाद छह अन्य प्वाइंट चेक किए जाएंगे. इनमें वाहनों की खराबी के बारे में वाहन मालिक को बताया जाएगा. फिटनेस न पास कर पाने वाले वाहन स्वामियों को भी यह बताया जाएगा कि उनकी गाड़ी में क्या कमियां है, जिसे वह जल्द ठीक करा लें.

सड़क दुर्घटनाओं में आएगी कमी
इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर के शुरू होने से अब सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी. अब मशीनों से ही वाहनों की फिटनेस जांची जाएगी जिससे फिट वाहन ही फिटनेस पा सकेंगे. नए नियमों के अनरूप मशीनों से की जाने वाली फिटनेस के लिए फीस बढ़ गई है. अब तक लाइट मोटर व्हेकिल (चार पहिया और तीन पहिया) के लिए फिटनेस की फीस जहां 400 रुपए थी, वहीं अब बढ़कर 800 रुपए हो गई है. 600 रुपए फिटनेस फीस और 200 रुपए फिटेनस के लिए दिया जाने वाले सर्टिफिकेट के देने होंगे. इसी तरह से हैवी वाहनों के लिए (चार पहिया से ऊपर) फिटनेस फीस 1200 रुपए कर दी गई है. 1000 रुपए फीस है और 200 रुपए फिटेनस प्रमाण पत्र की कीमत तय कर दी गई है.

Intro:पहले दिन मशीनों से फिटनेस की जांच में 80 में 71 गाड़ियां फेल


- इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर में वाहनों फिटनेस आज से हुई शुरू


लखनऊ। अब तक रोजाना जितने भी वाहन आरटीओ कार्यालय के फिटनेस सेंटर में फिटनेस कराने जाते थे उनमें से ज्यादातर वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट मिल ही जाता था, लेकिन अब इसका उल्टा हो गया है। अब जितने वाहन जाते हैं उसमें से बहुत कम ही ऐसे वाहन होते हैं जिन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र मिल पाता है। वजह है कि पहले मशीनों से मैनुअल जांच होती थी और इसमें इंसानी दखल था।लिहाजा, जुगाड़ चल जाता था। ले-देकर अनफिट वाहन को भी फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल हो जाता था, लेकिन अब मशीनों से यह खेल संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जो वाहन फिट नहीं हैं उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र मिलना नामुमकिन हो गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नवरात्र के दिन दूसरे दिन सोमवार से वाहनों की फिटनेस ऑनलाइन प्रक्रिया का शुभारंभ हुआ और पहले दिन 80 वाहनों में से 71 वाहन फिटनेस की जांच में पास नहीं हो पाए। सिर्फ 9 वाहनों को ही फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल हो पाया। पहले यह आंकड़ा लगभग उल्टा ही रहता था।



Body:इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर (आइसीसी) में सुबह से ही वाहनों की फिटनेस के लिए वाहन पहुंचने लगे। जितने भी वाहनों की जांच आज पहले दिन की गई, उनमें अधिकांश वाहन फिटनेस में फेल पाए गए। वाहन स्वामी को फिटनेस का रिपोर्ट कार्ड और अनफिट का सर्टिफिकेट देकर रवाना कर दिया गया। सेंटर से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन 110 वाहनों का पंजीकरण फिटनेस के लिए किया गया था। इसमें 80 वाहनों की चेकिंग के दौरान सिर्फ नौ वाहन ही फिटनेस की जांच में पास हो पाए। अधिकांश वाहनों में बल्ब संबंधी समस्या सामने आ रही थी। खास बात यह है कि एक बार अनफिट पाए जाने के बाद वाहन मालिक को दोबारा ऑनलाइन आवेदन करना होगा और इसके लिए फिर से फीस जमा करनी होगी। मशीनों से चार तरह की जांच की जा रही है।इसमें प्रदूषण, ब्रेक, स्पीड लिमिटिंग डिवाइस और बीम लाइट की जांच की जा रही है। इसमें सबसे बड़ी समस्या लाइटों को लेकर आ रही है। अधिकांश वाहनों की बीम लाइट ऊपर नीचे पाई गई। जिन वाहनों में बीम लाइट सही है तो उसमें स्टॉप लाइट नहीं काम कर रही है। अधिकांश वाहनों में स्टॉप लाइट वाले बल्ब ही गायब पाए गए। अधिकारियों ने बताया कि इन चार लाइटों के अलावा दो जांचे मैनुअली होनी हैंम यह जांच यहां लगी मशीनों के ऑपरेटर और आरटीओ ऑफिस के आरआई करेंगे। अगर उन्हें लगता है कि वाहन में कोई इस तरह की कमी है जिससे वाहन आगे दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है, ऐसे में वह उसमें अपनी डिटेल भरेंगे। इसके बाद भी वाहन को फिटनेस नहीं दी जाएगी। इसके बाद छह अन्य प्वाइंट चेक किए जाएंगे। इनमें वाहनों की खराबी के बारे में वाहन मालिक को बताया जाएगा। फिटनेस पास न कर पाने वाले वाहनों को भी यह नसीहत दी जाएगी कि उनकी गाड़ी में क्या कमियां है, जिसे वह जल्द ठीक करा लें। फिटनेस सेंटर पर गाड़ी के सभी हिस्सों की जांच की जाएगी। Conclusion:बाइट: संजय तिवारी: एआरटीओ (प्रशासन)

इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर के शुरू होने से अब सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी। वजह है अब मशीनों से ही वाहनों की फिटनेस जांची जाएगी जिससे फिट वाहन ही फिटनेस पा सकेंगे। इससे रोड पर दुर्घटनाएं कम होंगी। नए नियमों के अनरूप मशीनों से की जाने वाली फिटनेस के लिए फीस बढ़ गई है। अब तक लाइट मोटर व्हेकिल (चार पहिया और तीन पहिया) के लिए फिटनेस की फीस जहां 400 रुपए थी वहीं अब बढ़कर 800 रुपए हो गई है। 600 रुपए फिटनेस फीस और 200 रुपए फिटेनस के लिए दिया जाने वाले सर्टिफिकेट के देने होंगे। इसी तरह से हैवी वाहनों के लिए (चार पहिया से ऊपर) फिटनेस फीस 1200 रुपए कर दी गई है। 1000 रुपए फीस है और 200 रुपए फिटेनस प्रमाण पत्र की कीमत तय कर दी गई।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 93368 64096
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