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हाय! रे महंगाई, प्याज के दाम सुनकर निकले लोगों के आंसू

प्रदेश में बढ़ती महंगाई से आम आदमी कराह रहा है. फलों और सब्जियों के दाम बढ़ने से किचन की रौनक गायब हो गई है. इसका खासा असर यूपी की राजधानी लखनऊ में भी देखने को मिल रहा है. लोगों का कहना है कि अब प्याज का दाम सुनकर ही आंसू निकलने लगे हैं. देखें वीडियो...

सब्जियां हुई महंगी.
सब्जियां हुई महंगी.
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Published : Oct 23, 2020, 10:33 AM IST

लखनऊ: आम आदमी इन दिनों महंगाई की वजह से सबसे ज्यादा परेशान है. बाजार में इन दिनों खाद्य पदार्थों से लेकर सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. खाद्य पदार्थों की बात करें, तो अरहर की दाल हो या चने की दाल, सबके दाम इन दिनों 20 से 25 रुपये प्रति किलो बढ़े हैं. वहीं अब प्याज के दामों ने लोगों के आंसू निकालना शुरू कर दिए हैं. 1 सप्ताह के भीतर प्याज के दाम 40 रुपये से बढ़कर 80 रुपये तक पहुंच गए हैं. त्योहार के मौसम में महंगाई की वजह से लोगों की कमर टूट चुकी है. सब्जी मंडियां अब खाली पड़ी हुई हैं. अब आम आदमी क्या खाए, उसे समझ में नहीं आ रहा. आलू प्याज की थोक मंडी में बाहर से प्याज जरूरत के अनुपात में नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से दाम बढ़ रहे हैं.

सब्जियां हुई महंगी.
सब्जियों की कीमतों में उछाल
1 सप्ताह के भीतर प्याज के दामों में 40 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. पहले तो सब्जी मंडी में प्याज के दाम ₹30 किलो से लेकर ₹35 किलो तक थे. वहीं अब यह दाम 50 से ₹55 किलो पहुंच चुके हैं. इसकी वजह से फुटकर में जहाज 70 से ₹80 प्रति किलो बिक रही है. मंडी के बड़े थोक व्यापारी नरेश सोनकर बताते हैं कि राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र इन दिनों प्याज आती थी, लेकिन बारिश की वजह से प्याज की फसल खराब हो चुकी है. इस वजह से मंडी में जरूरत के मुताबिक प्याज नहीं आ रही है. लखनऊ में प्रतिदिन 10 से 15 टन प्याज की खपत है, लेकिन इन दिनों जरूरत के अनुपात में अच्छी प्याज नहीं आ रही है. इसी वजह से दाम बढ़ रहे हैं और यह ₹100 किलो तक पहुंच सकते हैं.

महंगाई से जीना हुआ मुश्किल
बाजार में खाद्य पदार्थों के दाम पहले से ही बढ़ें हुए हैं. अरहर की दाल इन दिनों 120 से 130 रुपये किलो बिक रही है, तो वहीं उड़द, मसूर और चना के दाम उछाल आया हुआ है. हरी सब्जियों के दाम महंगे हैं, तो वहीं राजधानी लखनऊ में आलू 50 से ₹60 किलो तो प्याज अब ₹80 किलो बिक रही है. मेहनत मजदूरी करने वालों के सामने अब अपनी गृहस्थी को चलाना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि पहले महंगाई में आलू खाकर काम चला लेते थे, लेकिन अब आलू भी काफी महंगी हो गई है.

निकल रहे लोगों के आंसू
सुनील गुप्ता बताते हैं कि वह मेहनत मजदूरी करके अपना परिवार पालते हैं, लेकिन आलू और प्याज की महंगाई की वजह से अब घर चलाने में मुश्किल हो रही है. पहले प्याज खाते समय आंसू निकलते थे, अब प्याज के दाम सुनकर ही आंसू निकल रहे हैं.होमगार्ड का काम करने वाली इंदुमती बताती हैं कि मोदी सरकार अनाज तो मुफ्त में दे रही है, लेकिन आलू प्याज को खरीदना ही पड़ता है. ऐसे में 5000 की नौकरी करने वाला व्यक्ति इतनी महंगाई में कैसे घर चलाएगा. अब तो प्याज और आलू के दाम सुनकर ही आंसू निकल रहे हैं.

इसका प्रभाव
लखनऊ की सब्जी मंडी में आलू इन दिनों ₹40 से लेकर ₹60 प्रति किलो तक बिक रहा है, तो वहीं प्याज के दाम 70 से ₹80 किलो तक पहुंच गए हैं. प्याज के महंगे दामों की वजह से इन दिनों मंडी में प्याज की बिक्री में काफी गिरावट आई है. महिला दुकानदार इंदुमती बताती हैं पिछले 3 दिनों के भीतर प्याज और आलू की बहुत कम बिक्री हुई है. लोग दाम सुनकर ही बिना खरीदें चले जाते हैं. आलू और प्याज की बढ़ती महंगाई को अब सरकार भी काबू करने के प्रयास में जुट गई है, जिससे कि लोगों को दीपावली से पहले महंगाई से निजात दिलाया जा सके.

लखनऊ: आम आदमी इन दिनों महंगाई की वजह से सबसे ज्यादा परेशान है. बाजार में इन दिनों खाद्य पदार्थों से लेकर सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. खाद्य पदार्थों की बात करें, तो अरहर की दाल हो या चने की दाल, सबके दाम इन दिनों 20 से 25 रुपये प्रति किलो बढ़े हैं. वहीं अब प्याज के दामों ने लोगों के आंसू निकालना शुरू कर दिए हैं. 1 सप्ताह के भीतर प्याज के दाम 40 रुपये से बढ़कर 80 रुपये तक पहुंच गए हैं. त्योहार के मौसम में महंगाई की वजह से लोगों की कमर टूट चुकी है. सब्जी मंडियां अब खाली पड़ी हुई हैं. अब आम आदमी क्या खाए, उसे समझ में नहीं आ रहा. आलू प्याज की थोक मंडी में बाहर से प्याज जरूरत के अनुपात में नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से दाम बढ़ रहे हैं.

सब्जियां हुई महंगी.
सब्जियों की कीमतों में उछाल
1 सप्ताह के भीतर प्याज के दामों में 40 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. पहले तो सब्जी मंडी में प्याज के दाम ₹30 किलो से लेकर ₹35 किलो तक थे. वहीं अब यह दाम 50 से ₹55 किलो पहुंच चुके हैं. इसकी वजह से फुटकर में जहाज 70 से ₹80 प्रति किलो बिक रही है. मंडी के बड़े थोक व्यापारी नरेश सोनकर बताते हैं कि राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र इन दिनों प्याज आती थी, लेकिन बारिश की वजह से प्याज की फसल खराब हो चुकी है. इस वजह से मंडी में जरूरत के मुताबिक प्याज नहीं आ रही है. लखनऊ में प्रतिदिन 10 से 15 टन प्याज की खपत है, लेकिन इन दिनों जरूरत के अनुपात में अच्छी प्याज नहीं आ रही है. इसी वजह से दाम बढ़ रहे हैं और यह ₹100 किलो तक पहुंच सकते हैं.

महंगाई से जीना हुआ मुश्किल
बाजार में खाद्य पदार्थों के दाम पहले से ही बढ़ें हुए हैं. अरहर की दाल इन दिनों 120 से 130 रुपये किलो बिक रही है, तो वहीं उड़द, मसूर और चना के दाम उछाल आया हुआ है. हरी सब्जियों के दाम महंगे हैं, तो वहीं राजधानी लखनऊ में आलू 50 से ₹60 किलो तो प्याज अब ₹80 किलो बिक रही है. मेहनत मजदूरी करने वालों के सामने अब अपनी गृहस्थी को चलाना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि पहले महंगाई में आलू खाकर काम चला लेते थे, लेकिन अब आलू भी काफी महंगी हो गई है.

निकल रहे लोगों के आंसू
सुनील गुप्ता बताते हैं कि वह मेहनत मजदूरी करके अपना परिवार पालते हैं, लेकिन आलू और प्याज की महंगाई की वजह से अब घर चलाने में मुश्किल हो रही है. पहले प्याज खाते समय आंसू निकलते थे, अब प्याज के दाम सुनकर ही आंसू निकल रहे हैं.होमगार्ड का काम करने वाली इंदुमती बताती हैं कि मोदी सरकार अनाज तो मुफ्त में दे रही है, लेकिन आलू प्याज को खरीदना ही पड़ता है. ऐसे में 5000 की नौकरी करने वाला व्यक्ति इतनी महंगाई में कैसे घर चलाएगा. अब तो प्याज और आलू के दाम सुनकर ही आंसू निकल रहे हैं.

इसका प्रभाव
लखनऊ की सब्जी मंडी में आलू इन दिनों ₹40 से लेकर ₹60 प्रति किलो तक बिक रहा है, तो वहीं प्याज के दाम 70 से ₹80 किलो तक पहुंच गए हैं. प्याज के महंगे दामों की वजह से इन दिनों मंडी में प्याज की बिक्री में काफी गिरावट आई है. महिला दुकानदार इंदुमती बताती हैं पिछले 3 दिनों के भीतर प्याज और आलू की बहुत कम बिक्री हुई है. लोग दाम सुनकर ही बिना खरीदें चले जाते हैं. आलू और प्याज की बढ़ती महंगाई को अब सरकार भी काबू करने के प्रयास में जुट गई है, जिससे कि लोगों को दीपावली से पहले महंगाई से निजात दिलाया जा सके.
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