लखनऊ : गर्मी बढ़ने के साथ ही सब्जियों के दाम भी बढ़ने लगेंगे, क्योंकि तेज गर्मी से पैदावार कम होगी और फसल जल्दी आ जाएगी. इससे सब्जियों की फसल को नुकसान होगा. सब्जी मंडी व्यापारियों का कहना है कि इस वक्त मंडी में बाहर से सब्जियां आ रही हैं. साथ ही स्थानीय किसान का माल भी भरपूर आ रहा है. इसलिए व्यापारी भी सब्जी खरीदने में उत्साह नहीं दिखा रहे. यही कारण है कि सब्जियों के दाम कम हैं. हालांकि अप्रैल के आखिरी में सब्जियों के दाम तेजी से बढे़ेंगे.
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यदि मौसम में तापमान में कमी अधिक समय तक रहती तो सब्जियां पकने में लंबा समय लेती हैं. बेमौसम बारिश और ओले गिरने से तापमान गिर गया था जो अब धीरे धीरे बढ़ने लगा है. वहीं स्थानीय किसान आलू, बैंगन, टमाटर, धनिया, पालक, मैथी, कद्दू आदि सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. मौसम में गर्मी बढ़ने से सब्जियां तेजी से पकती हैं. जिससे किसान सब्जियां खेतों से सीधे मंडी भेज रहे हैं.
थोक सब्जी विक्रेता बनवारी लाल का कहना है कि फिलहाल बाहर और स्थानीय स्तर से सब्जियों की आवक बढ़ गई है. जिसके कारण सब्जियों के दाम काफी नीचे आ चुके हैं. हालात यह है कि जितनी मात्रा में सब्जियां आ रही हैं, उतनी मात्रा में खरीदार नहीं हैं. इस वक्त केवल तरोई और भिंडी के दाम बढ़े हुए हैं. बाकी सब सब्जियों के दाम कम हैं. मौसम में अचानक से से खेतों में फसलें तेजी से पक रही हैं. जिसके कारण स्थानीय सब्जियों की आवक ने आलू, कद्दु, बंदगोभी, तरोई, टमाटर के दाम जमीन पर ला दिए हैं.
मंडी में सब्जियों के भाव : हरी मिर्च -30 रुपये किलो, अदरक-80 रुपये किलो, फूल गोभी- 8 रुपये/प्रति पीस, टमाटर 14 रुपये किलो, हरा मटर-60 रुपये किलो, पालक-10 रुपये किलो, गाजर-10 रुपये किलो, आलू -8 रुपये किलो, कटहल - 20 रुपये किलो, लहसुन- 95 रुपये किलो, प्याज 15 रुपये किलो, नीबू -80 रुपये किलो, भिंडी-50 रुपये किलो, तरोई-40 रुपये किलो, कद्दू-6 रुपये किलो, लौकी- 12 रुपये किलो, सेम-20 रुपये किलो, परवल- 25 रुपये किलो, करेला-25 रुपये किलो, धनिया-80 रुपये किलो, शिमला मिर्च- 20 रुपये किलो, खीरा- 6 रुपये किलो, अरबी- 45 रुपये किलो, बीन- 20 रुपये किलो.
यह भी पढ़ें : LDA और RTI के नाम पर डराकर डाॅक्टरों को किया जा रहा ब्लैकमेल, 10-10 लाख रुपये मांगे