लखनऊ : राजधानी समेत उत्तर प्रदेश की सड़कों पर दौड़ रहे ऐसे वाहन जो टैक्स के बकायेदार हैं, बिना एचएसआरपी लगाए दौड़ रहे हैं या फेक ओवरलोड संचालित हो रहे हैं उन पर विभाग के अधिकारी सख्त कार्यवाही कर रहे हैं. इसका नतीजा यह है कि राजस्व वसूली भरपूर हो रही है. 1 से 14 मई तक के परिवहन विभाग ने राजस्व प्राप्ति के जो आंकड़े जारी किए हैं, उनमें वाराणसी टॉपर है, जबकि लखनऊ जोन सेकेंड स्थान पर है. एक मई से 22 मई तक राजस्व प्राप्ति के वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष विभाग का राज्य स्तरीय औसत उपलब्धि 53.72 प्रतिशत है.
अपर परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद ने बताया कि 'परिक्षेत्रवार वाराणसी का राजस्व प्राप्ति 22 मई तक 59.02 प्रतिशत है और लखनऊ का 56.77 प्रतिशत, बरेली का 52.97 प्रतिशत, कानपुर का 52.22 प्रतिशत, आगरा का 50.8 प्रतिशत और मेरठ परिक्षेत्र का 50.22 प्रतिशत है. लखनऊ परिक्षेत्र राजस्व प्राप्ति में वाराणसी परिक्षेत्र के बाद दूसरे स्थान पर है. अगर संभागवार देखा जाए तो लखनऊ संभाग 53.18 प्रतिशत के साथ 11वें स्थान पर है. सभी 19 संभागों में राजस्व प्राप्ति में देवीपाटन संभाग 69.63 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर और बस्ती संभाग 67.3 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है. कानपुर संभाग राजस्व प्राप्ति में सबसे निचले स्थान पर है.
अपर परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद ने बताया कि 'जनपदवार राजस्व प्राप्ति में बलरामपुर का प्रदर्शन बेहतर है. बलरामपुर राजस्व प्राप्ति में 76.4 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर है. कौशाम्बी दूसरे स्थान और संतकबीरनगर राजस्व प्राप्ति में तीसरे स्थान पर है. बागपत अंतिम स्थान पर है. उन्होंने बताया कि सभी संभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने जनपदों में राजस्व प्राप्ति में वृद्धि के लिए कार्रवाई करें.'
लगातार सक्रिय है प्रवर्तन टीम : उन्होंने बताया कि 'परिवहन मंत्री से प्राप्त निर्देशों का परिवहन विभाग के अधिकारी पालन कर रहे हैं, जिससे राजस्व प्राप्ति के साथ-साथ अवैध संचालन, ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो रहा है. परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम एचएसआरपी, ओवरलोडिंग, अवैध संचालन के खिलाफ अभियान चला रहा है.'
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