लखनऊ: मानसून कमजोर होने के कारण उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ही बारिश हो रही है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, आने वाले तीन-चार दिनों बाद फिर से मानसून सक्रिय होगा. जिसके बाद पूर्वी तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है. राजधानी लखनऊ में रविवार को सुबह से ही मौसम साफ रहा, जिसके चलते तेज धूप निकली. जिसके चलते वातावरण में उमस से लोग परेशान रहे. हालांकि इस दौरान बादलों की आवा-जाही लगी रही.
राजधानी में बारिश न होने से बढ़ा तापमान
राजधानी लखनऊ में रविवार को बारिश न होने के कारण तापमान में वृद्धि दर्ज की गई. रविवार को राजधानी लखनऊ में अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री सेल्सियस कम है. वहीं न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य है. सोमवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
मानसून हुआ कमजोर
मौसम वैज्ञानिक डॉ जेपी गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस समय मानसून कमजोर हुआ है. जिसके कारण बारिश में कुछ कमी आई है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश हो रही है. तीन-चार दिन बाद फिर से मानसून सक्रिय होगा, मानसून सक्रिय होने के बाद पूर्वी तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश होने की संभावना है.
रविवार को बलिया में हुई सबसे ज्यादा बारिश
रविवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में सबसे अधिक 50 मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. सोनभद्र जिले में 1.6 मिलीमीटर, बहराइच में 2 मिलीमीटर और प्रयागराज में 2 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई. मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार, राजधानी लखनऊ में सोमवार को आंशिक रूप से बादलों की आवा-जाही जारी रहेगी. ज्यादातर जिलों में मौसम साफ रहेगा. राजधानी के कुछ नम स्थानों पर बारिश होने की संभावना है. पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नम स्थानों पर कहीं मध्यम तो कहीं तेज बारिश होने के साथ-साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है.
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इन जिलों में जारी यलो अलर्ट
मौसम विज्ञान विभाग में सोमवार को राजधानी लखनऊ समेत लखीमपुर खीरी, उन्नाव और इसके आसपास के जिलों में तेज हवा चलने के साथ बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया है.
क्या होते हैं ग्रीन, रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट
मौसम विज्ञान विभाग ग्रीन, रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी करता है. ग्रीन अलर्ट में संदेश होता है कि कोई खतरा नहीं है. येलो अलर्ट आने वाले खतरे के प्रति सचेत करता है. येलो अलर्ट को मौसम विज्ञान विभाग जैसे-जैसे मौसम खराब होता है, ऑरेंज अलर्ट में परिवर्तित कर देता है. ऑरेंज अलर्ट में बारिश व आंधी की पूरी संभावनाएं होती हैं. इस अलर्ट के बाद लोगों को सावधान होना चाहिए और इधर-उधर जाने पर सावधानी बरतनी चाहिए.रेड अलर्ट का मतलब है कि स्थिति अत्यंत खतरनाक है. मौसम विभाग के अनुसार ऐसे मौसम में इधर-उधर नहीं निकलना चाहिए. इस अलर्ट का अर्थ है, मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. भारी बारिश होने की अधिक संभावना होती है.