लखनऊ: लंबे समय से खाली पड़ी उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की चेयरमैन की कुर्सी पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के वरिष्ठ समाजसेवी चौधरी कैफुलवरा को बीते दिनों मनोनीत किया. चेयरमैन ने कुर्सी संभालने के साथ ही उत्तरप्रदेश में उर्दू के उत्थान के लिए और उर्दू जबान से जुड़े छात्र-छात्राओं के साथ सभी वर्ग के लोगों की बेहतरी के लिए रोड मैप तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में चौधरी कैफुलवरा ने उर्दू को बढ़ावा देने के लिए तैयार की जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी.
गोरखपुर के वरिष्ठ समाजसेवी और उत्तरप्रदेश उर्दू अकादमी के नव मनोनीत अध्यक्ष चौधरी कैफुलवरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुझे इस उम्मीद से कुर्सी पर बिठाया है कि हम उनके विचारों पर खरे उतरेंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि पूरी कोशिश रहेगी कि उर्दू की तरक्की के लिए काम किया जाए. उर्दू के साथ होते सौतेले व्यवहार पर बोलते हुए चौधरी कैफुलवरा ने कहा कि लोग अपने बच्चों को कान्वेंट स्कूलों में भेजते है और उर्दू की तरक्की की बात करते है. उन्होंने कहा कि अगर यूपी में उर्दू के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा होता तो मुख्यमंत्री उन्हें यह कुर्सी नहीं देते.
उर्दू अकादमी की योजनाओं में पारदर्शिता से होगा काम
नव मनोनीत चेयरमैन कैफुलवरा ने कहा कि उत्तरप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा संचालित कार्यक्रम और योजनाएं उर्दू के उत्थान के लिए काफी है, लेकिन उनका संचालन बीते समय में सही से नहीं किया जा रहा था और जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं था, लेकिन अब सभी स्कीमों को सुचारू रूप से चलाया जाएगा और पारदर्शिता बरती जाएगी. उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति के लिए स्कूलों के प्रिंसिपलों से सीधे बात कर छात्रों की लिस्ट मंगाई जाएगी. जिसके बाद सीधे बच्चों तक पैसा भेजा जाएगा. चेयरमैन ने कहा कि छात्रवृत्ति दिए जाने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ावा किया जाएगा और जो बच्चें आर्थिक रूप से ज्यादा कमजोर है, लेकिन पढ़ाई में अच्छे है उनको ज्यादा से ज्यादा मदद दी जाएगी.
सिविल सर्विसेज के अलावा भी उर्दू अकादमी संचालित करेगा कोचिंग
चेयरमैन ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उर्दू अकादमी की अगर सभी स्कीमें सही ढंग से लागू की जाए तो उसी से उर्दू के चाहने वालो का भला हो जाएगा. उर्दू अकादमी के तहत संचालित होने वाली IAS कोचिंग सेंटर पर ध्यान दिया जाएगा. जिससे कुछ बच्चें वहां से भी निकलकर IAS, PCS बने. चौधरी कैफुल वरा ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि अब सिविल सर्विसेज के साथ और कॉर्सेस की कोचिंग भी उर्दू अकादमी कराए जिससे अलग-अलग क्षेत्र में उर्दू साहित्य से जुड़े छात्र चयनित होकर कुछ बने.
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