लखनऊ: आप अगर दोपहिया वाहनों के डीलर खरीदारों को बीआईएस मानक के हेलमेट उपलब्ध नहीं कराएंगे, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चन्द्रभूषण सिंह (Uttar Pradesh Transport Commissioner Chandra Bhushan Singh) ने सभी परिवहन उपायुक्त, संभागीय परिवहन अधिकारियों और सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिया है. कहा है कि सभी दो पहिया वाहनों के चालकों को बीआईएस मानक के हेलमेट पहनना अनिवार्य करने के लिए डीलर व दो पहिया वाहन निर्माता की तरफ से ग्राहकों को वाहन की डिलीवरी के समय बीआईएस मानक के अनुरूप हेलमेट उपलब्ध करना सुनिश्चित कराएं.
साथ ही पंजीयन अधिकारी वाहनों के पंजीकरण से पूर्व हेलमेट आपूर्ति का प्रमाण पत्र अवश्य चेक करें. इस संबंध में डीलर्स का औचक निरीक्षण कराना भी सुनिश्चित करें. कोई डीलर दिए गए निर्देशों का अनुपालन न कर रहा हो तो उसके ट्रेड सर्टिफिकेट के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए. परिवहन आयुक्त ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी दो पहिया वाहनों का पंजीयन करने से पूर्व पोर्टल पर हेलमेट संबंधी प्रपत्र अपलोड करने का भलीभांति परीक्षण और पुष्टि करने के बाद ही वाहनों का पंजीयन कराएं. सभी दो पहिया डीलर दो पहिया वाहनों की बिक्री करते समय ग्राहक को हेलमेट की आपूर्ति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें.
परिवहन आयुक्त ने कहा है कि इस संबंध में पूर्व में भी विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किए थे, लेकिन इनका अनुपालन सुनिश्चित नहीं कराया गया. इस संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि वर्तमान में डीलर और दो पहिया वाहन निर्माता ग्राहकों को दो पहिया वाहन डिलीवरी के समय बीआईएस मानक के अनुरूप हेलमेट की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्युदर में कमी लाने का है. सड़क सुरक्षा की दृष्टि से दो पहिया चालकों को गुणवत्तापूर्ण हेलमेट पहनना अनिवार्य है.
बता दें कि हेलमेट से होने वाली दुर्घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. घटिया क्वालिटी का हेलमेट पहनने पर अगर कोई हादसा होता है तो सिर में चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है. यह हेलमेट किसी काम के नहीं होते हैं, लेकिन अगर बीआईएस मार्क हेलमेट होता है तो सिर की सुरक्षा होती है जिससे हादसे के बावजूद जान बच सकती है. यही वजह है कि परिवहन विभाग ने बीआईएस मार्क हेलमेट के लिए डीलरों को निर्देशित किया है.