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कोरोना क्राइसिस में यूपी सरकार का बेहतरीन काम: RBI रिपोर्ट

कोरोना आपातकाल में यूपी ने दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे बेहतर काम किया है. अस्पताल, मेडिकल उपकरण, मास्क और वेंटिलेटर की व्यवस्था करने में यूपी नंबर वन रहा.

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सीएम योगी (फाइल फोटो).
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Published : Nov 6, 2020, 4:41 PM IST

Updated : Nov 6, 2020, 5:40 PM IST

लखनऊ: कोरोना आपातकाल में यूपी ने दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे बेहतर काम किया है. अस्पताल, मेडिकल उपकरण, मास्क और वेंटिलेटर की व्यवस्था करने में यूपी नंबर वन रहा. योगी सरकार ने प्रवासी श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों की सबसे ज्यादा मदद का रिकॉर्ड बनाया है. कोरोना आपदा के दौरान देश में यूपी के सबसे दमदार प्रदर्शन पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपनी मुहर लगाई है. आरबीआई ने अपनी स्टेट फाइनेंस रिपोर्ट में राज्यों के प्रदर्शन का खुलासा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोरोना में योगी के कार्यों की सराहना कर चुके हैं.

9 में से 8 मानकों पर खरा उतरा यूपी
कोरोना काल में बेहतर प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा तय की गई नौ कसौटियों में से आठ में उत्तर प्रदेश सरकार ने पहला स्थान हासिल किया है. रिपोर्ट में नौ में से आठ श्रेणियों में जगह बनाने वाला यूपी देश का एकमात्र राज्य है. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से यूपी सरकार ने हर मोर्चे पर मजबूत लड़ाई लड़ी है.

स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में यूपी नीचे से दूसरे नंबर पर
कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल की व्यवस्था करनी हो या नए मेडिकल उपकरण, मास्क और वेंटिलेटर का इंतजाम, यूपी सरकार ने सबसे तेज और प्रभावी तरीके से काम किया है. वह भी तब, जबकि स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में यूपी नीचे से दूसरे नंबर पर है. कम खर्च करके भी उत्तर प्रदेश सरकार ने जो कर दिखाया वह दूसरे राज्य नहीं कर पाए. यूपी में प्रति व्यक्ति मेडिकल खर्च 1065 है. वहीं 3808 रुपये प्रति व्यक्ति मेडिकल खर्च के साथ दिल्ली टॉप पर है.

हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में भी यूपी अव्वल
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सर्वाधिक खर्च कर उसे बेहतर बनाने वाले राज्यों की सूची में यूपी के बाद आंध्र प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य रहे हैं. कोरोना मरीजों के मुफ्त इलाज के मामले में यूपी के बाद पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु हैं. टेस्टिंग लैब बनाने के लिए कोरोना केयर फंड के मामले में यूपी के बाद उड़ीसा रहा.

राशन वितरण की कसौटी पर भी खरा उतरा उत्तर प्रदेश
इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सुविधा के मामले में यूपी त्रिपुरा और तमिलनाडु का नाम है. डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को एन-95 मास्क वितरण के मानक पर यूपी के बाद गुजरात, तमिलनाडु और चेन्नई रहे हैं. कोरोना की चपेट में आने वालों की मदद के मामले में यूपी के बाद अन्य 18 राज्य हैं. राशन वितरण की कसौटी पर उत्तर प्रदेश के बाद देश के 15 राज्यों को जगह मिली है. प्रवासी श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों की मदद के मामले में पहले नंबर पर यूपी के बाद 12 अन्य राज्य रहे हैं. मेडिकल स्टाफ के इंश्योरेंस कवरेज, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के इलाज की इंश्योरेंस स्कीम सुविधा देने की श्रेणी में केवल पश्चिम बंगाल-तमिलनाडु को जगह मिली है.

शराब और पेट्रोल ने दिया मुश्किल वक्त में सहारा
रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के कारण राज्यों के राजस्व में जबरदस्त कमी आई. मुश्किल वक्त में राज्यों की आर्थिक स्थिति को सबसे अधिक सहारा शराब और पेट्रोल ने दिया है. राज्यों की कमाई का मुख्य जरिया रहे स्टेट जीएसटी स्टांप ड्यूटी और केंद्र से मिलने वाले टैक्स में 70 फ़ीसदी तक गिरावट आई. ऐसे समय में पेट्रोल-डीजल और शराब ने बदहाल अर्थव्यवस्था को सहारा दिया. शराब और पेट्रोल में से राज्यों को औसत 25 से 35 फ़ीसदी तक आमदनी होती है. 19 राज्यों ने शराब के दाम औसतन 20 फ़ीसदी और 16 राज्यों ने पेट्रोल की कीमत एक से पांच रुपये तक बढ़ा कर काम चलाया है.

लखनऊ: कोरोना आपातकाल में यूपी ने दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे बेहतर काम किया है. अस्पताल, मेडिकल उपकरण, मास्क और वेंटिलेटर की व्यवस्था करने में यूपी नंबर वन रहा. योगी सरकार ने प्रवासी श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों की सबसे ज्यादा मदद का रिकॉर्ड बनाया है. कोरोना आपदा के दौरान देश में यूपी के सबसे दमदार प्रदर्शन पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपनी मुहर लगाई है. आरबीआई ने अपनी स्टेट फाइनेंस रिपोर्ट में राज्यों के प्रदर्शन का खुलासा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोरोना में योगी के कार्यों की सराहना कर चुके हैं.

9 में से 8 मानकों पर खरा उतरा यूपी
कोरोना काल में बेहतर प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा तय की गई नौ कसौटियों में से आठ में उत्तर प्रदेश सरकार ने पहला स्थान हासिल किया है. रिपोर्ट में नौ में से आठ श्रेणियों में जगह बनाने वाला यूपी देश का एकमात्र राज्य है. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से यूपी सरकार ने हर मोर्चे पर मजबूत लड़ाई लड़ी है.

स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में यूपी नीचे से दूसरे नंबर पर
कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल की व्यवस्था करनी हो या नए मेडिकल उपकरण, मास्क और वेंटिलेटर का इंतजाम, यूपी सरकार ने सबसे तेज और प्रभावी तरीके से काम किया है. वह भी तब, जबकि स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में यूपी नीचे से दूसरे नंबर पर है. कम खर्च करके भी उत्तर प्रदेश सरकार ने जो कर दिखाया वह दूसरे राज्य नहीं कर पाए. यूपी में प्रति व्यक्ति मेडिकल खर्च 1065 है. वहीं 3808 रुपये प्रति व्यक्ति मेडिकल खर्च के साथ दिल्ली टॉप पर है.

हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में भी यूपी अव्वल
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सर्वाधिक खर्च कर उसे बेहतर बनाने वाले राज्यों की सूची में यूपी के बाद आंध्र प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य रहे हैं. कोरोना मरीजों के मुफ्त इलाज के मामले में यूपी के बाद पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु हैं. टेस्टिंग लैब बनाने के लिए कोरोना केयर फंड के मामले में यूपी के बाद उड़ीसा रहा.

राशन वितरण की कसौटी पर भी खरा उतरा उत्तर प्रदेश
इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सुविधा के मामले में यूपी त्रिपुरा और तमिलनाडु का नाम है. डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को एन-95 मास्क वितरण के मानक पर यूपी के बाद गुजरात, तमिलनाडु और चेन्नई रहे हैं. कोरोना की चपेट में आने वालों की मदद के मामले में यूपी के बाद अन्य 18 राज्य हैं. राशन वितरण की कसौटी पर उत्तर प्रदेश के बाद देश के 15 राज्यों को जगह मिली है. प्रवासी श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों की मदद के मामले में पहले नंबर पर यूपी के बाद 12 अन्य राज्य रहे हैं. मेडिकल स्टाफ के इंश्योरेंस कवरेज, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के इलाज की इंश्योरेंस स्कीम सुविधा देने की श्रेणी में केवल पश्चिम बंगाल-तमिलनाडु को जगह मिली है.

शराब और पेट्रोल ने दिया मुश्किल वक्त में सहारा
रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के कारण राज्यों के राजस्व में जबरदस्त कमी आई. मुश्किल वक्त में राज्यों की आर्थिक स्थिति को सबसे अधिक सहारा शराब और पेट्रोल ने दिया है. राज्यों की कमाई का मुख्य जरिया रहे स्टेट जीएसटी स्टांप ड्यूटी और केंद्र से मिलने वाले टैक्स में 70 फ़ीसदी तक गिरावट आई. ऐसे समय में पेट्रोल-डीजल और शराब ने बदहाल अर्थव्यवस्था को सहारा दिया. शराब और पेट्रोल में से राज्यों को औसत 25 से 35 फ़ीसदी तक आमदनी होती है. 19 राज्यों ने शराब के दाम औसतन 20 फ़ीसदी और 16 राज्यों ने पेट्रोल की कीमत एक से पांच रुपये तक बढ़ा कर काम चलाया है.

Last Updated : Nov 6, 2020, 5:40 PM IST
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