लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने नौ विभागीय अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है. गंभीर आर्थिक अनियमितता के आरोप में चेयरमैन ने एक लेखाकार और एक अवर अभियंता को बर्खास्त कर दिया. इसके अलावा अन्य पर विभागीय कार्रवाई की है. एक रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता, दो अधिशासी अभियंता, एक उपखंड अधिकारी समेत नौ कर्मचारी चेयरमैन की इस कार्रवाई में शामिल हैं.
पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बताया कि 'जिन पर कार्रवाई की गई है, उन बर्खास्त कर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने बिजली बिल के रूप में जमा हुए 53 लाख रुपए विभाग के खाते में जमा करने के बजाय हेरफेर कर आपस में ही बंदरबांट कर लिया. यह मामला अक्टूबर 2018 से 2019 के बीच का है. चेयरमैन ने बताया कि बलरामपुर में तैनात इन अधिकारियों ने लाखों का हेरफेर किया है. साल 2019 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी और जांच शुरू हुई थी. उन्होंने बताया कि जिन दो कार्मिकों को बर्खास्त किया गया है उनमें अवर अभियंता संजीव कुमार यादव और लेखाकार एमपी सिंह शामिल हैं. वहीं बलरामपुर में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात रहे ललित कुमार के पेंशन से 30 फीसद की कटौती के आदेश दिए गए हैं. अधिशासी अभियंता रमेश चंद्र की पेंशन में 50 फीसद की कटौती का आदेश जारी किया गया है. अधिशासी अभियंता बालकृष्ण को एडवर्स एंट्री देने के साथ दो वेतन वृद्धि स्थाई रूप से रोके जाने का आदेश किया गया है. उपखंड अधिकारी प्रशांत शेखर श्रीवास्तव को भी एडवर्स एंट्री दी गई है. सहायक अभियंता के मूल वेतन पर डिमोट करने का फैसला लिया गया है. कार्यालय सहायक रोकडिया नवल किशोर श्रीवास्तव, सुधांशु सिंह और पवन कुमार को एडवर्स एंट्री के साथ कार्यालय सहायक के मूल वेतन पर डिमोट करने के आदेश दिए गए हैं. चेयरमैन ने कहा कि कोई कर्मचारी वित्तीय अनियमितता कर निगम को नुकसान पहुंचाता है तो उसके खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई होगी.
बता दें इससे पहले भी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने भ्रष्टाचार के आरोप में कई अधिकारियों को बर्खास्त किया है. कई अब तक सस्पेंड हो चुके हैं. इसके अलावा तमाम रिटायर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों की पेंशन में कटौती की गई है. कई से रिकवरी भी हुई है. चेयरमैन के लगातार एक्शन से भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा है.