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डिजिटलाइजेशन की दिशा में पुलिस विभाग, थानों में फिर लगेंगे सीसीटवी कैमरे

उत्तर प्रदेश की पुलिस अब डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ने लगी है. पुलिस थानों में सीसीटवी कैमरे के साथ आधुनिक कम्यूटर लगाए गए हैं. थानों में अब फरियादियों की एफआईआर आनलाइन दर्ज की जा रही है. वहीं थानों के खराब हो चुके सीसीटीवी कैमरों को मरम्मत कराया जाएगा.

डिजिटलाइजेशन की दिशा में पुलिस विभाग.
डिजिटलाइजेशन की दिशा में पुलिस विभाग.
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Published : Nov 28, 2020, 2:33 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 1:12 PM IST

लखनऊः केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार विभागों में अब कागजों के कम से कम इस्तेमाल और कंप्यूटर के माध्यम से डिजिटाइजेशन पर जोर दे रही है. इससे पुलिस विभाग भी अछूता नहीं है. पुलिस विभाग के कार्यालय से लेकर थानों में बड़े पैमाने पर कंप्यूटर लगाए गए हैं. इन कंप्यूटर के माध्यम से ही विभाग के सारे कामकाज हो रहे हैं. वहीं अब फरियादियों की शिकायतों पर FIR भी कंप्यूटर से दर्ज की जा रही है. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी थाने में लगाए गए हैं. आधुनिकरण के इस असर से पुलिस को भी काफी ज्यादा फायदा हुआ है. क्योंकि अब पहले की अपेक्षा पुलिस वायरलेस पर ही नहीं बल्कि व्हाट्सएप, फेसबुक पर भी सक्रिय हैं.

डिजिटलाइजेशन की दिशा में पुलिस विभाग.
तेजी से हो रहा पुलिस विभाग में डिजिटलाइजेशनपुलिस विभाग में सीसीटीवी और डिजिटलाइजेशन की शुरुआत देर से हुई. सपा शासनकाल में ही बड़ी संख्या में विभाग में आधुनिकरण की दिशा में काम किए गए .थानों में जहां अपराध दर्ज करने की शुरुआत कंप्यूटर पर शुरू हुई. पुलिस थानों में सीसीटीएनएस के माध्यम से सीसीटीवी कैमरे भी जोड़े गए, जिससे कि थाने में होने वाली गतिविधि और फरियादियों पर नजर रखी जा सके. वही अब पुलिस व्हाट्सएप ,फेसबुक और ट्विटर पर सक्रिय है.फिर लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरेसपा शासनकाल में बड़ी संख्या में सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. लेकिन समय के साथ-साथ यह कैमरे बेकार हो गए क्योंकि इनकी कोई मरम्मत नहीं हुई. अब दृषिट योजना के तहत दोबारा से सीसीटीवी कैमरे पुलिस थानों में लगाए जाएंगे. क्योंकि कई बार फरियादी शिकायत करते हैं कि पुलिस ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की और उन्हें थाने से भगा दिया. ऐसे में यह कैमरे काफी मददगार होंगे.चालान के लिए पुलिस को दिए एक हजार फोनयातायात विभाग को हाईटेक बनाने के लिए अब उन्हें राजधानी में 1000 की संख्या में मोबाइल फोन दिए गए हैं. इन फोन के माध्यम से ही अब बड़ी तेजी से e-challan का काम किया जा रहा है. अगर ट्रैफिक पुलिसकर्मी को कोई भी व्यक्ति ऐसे जो ट्रैफिक नियमों को तोड़ता हुआ पाया जाता है उसके फोटो खींचकर ई चालान का काम किया जाता है.सीसीटीवी कैमरों की मदद से यातायात पुलिस का काम हुआ आसानराजधानी लखनऊ समेत बड़े शहरों में अब चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं. यह कमरे पूरी तरह से आधुनिक हैं. चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस अब इन कैमरों की मदद और ट्रैफिक सिग्नल की मदद से ही यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चला जा रही है. राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में अब इन कैमरों की मदद से नियमों को तोड़ने वाले वाहनों का चालान किया जा रहा है.पुलिस आधुनिकरण की दिशा में काम कर रही है. अब पुलिस एफआईआर भी एप के जरिये दर्ज हो रहे हैं. वहीं जो कैमरे पहले लगे हुए थे वह मरम्मत के अभाव में बेकार हो गए है. अब दृष्टि योजना के तहत दोबारा से कैमरे लगाने का काम शुरू होगा जिसकी सहमति शासन से मिल चुकी है.-डीके ठाकुर, पुलिस आयुक्त

लखनऊः केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार विभागों में अब कागजों के कम से कम इस्तेमाल और कंप्यूटर के माध्यम से डिजिटाइजेशन पर जोर दे रही है. इससे पुलिस विभाग भी अछूता नहीं है. पुलिस विभाग के कार्यालय से लेकर थानों में बड़े पैमाने पर कंप्यूटर लगाए गए हैं. इन कंप्यूटर के माध्यम से ही विभाग के सारे कामकाज हो रहे हैं. वहीं अब फरियादियों की शिकायतों पर FIR भी कंप्यूटर से दर्ज की जा रही है. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी थाने में लगाए गए हैं. आधुनिकरण के इस असर से पुलिस को भी काफी ज्यादा फायदा हुआ है. क्योंकि अब पहले की अपेक्षा पुलिस वायरलेस पर ही नहीं बल्कि व्हाट्सएप, फेसबुक पर भी सक्रिय हैं.

डिजिटलाइजेशन की दिशा में पुलिस विभाग.
तेजी से हो रहा पुलिस विभाग में डिजिटलाइजेशनपुलिस विभाग में सीसीटीवी और डिजिटलाइजेशन की शुरुआत देर से हुई. सपा शासनकाल में ही बड़ी संख्या में विभाग में आधुनिकरण की दिशा में काम किए गए .थानों में जहां अपराध दर्ज करने की शुरुआत कंप्यूटर पर शुरू हुई. पुलिस थानों में सीसीटीएनएस के माध्यम से सीसीटीवी कैमरे भी जोड़े गए, जिससे कि थाने में होने वाली गतिविधि और फरियादियों पर नजर रखी जा सके. वही अब पुलिस व्हाट्सएप ,फेसबुक और ट्विटर पर सक्रिय है.फिर लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरेसपा शासनकाल में बड़ी संख्या में सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. लेकिन समय के साथ-साथ यह कैमरे बेकार हो गए क्योंकि इनकी कोई मरम्मत नहीं हुई. अब दृषिट योजना के तहत दोबारा से सीसीटीवी कैमरे पुलिस थानों में लगाए जाएंगे. क्योंकि कई बार फरियादी शिकायत करते हैं कि पुलिस ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की और उन्हें थाने से भगा दिया. ऐसे में यह कैमरे काफी मददगार होंगे.चालान के लिए पुलिस को दिए एक हजार फोनयातायात विभाग को हाईटेक बनाने के लिए अब उन्हें राजधानी में 1000 की संख्या में मोबाइल फोन दिए गए हैं. इन फोन के माध्यम से ही अब बड़ी तेजी से e-challan का काम किया जा रहा है. अगर ट्रैफिक पुलिसकर्मी को कोई भी व्यक्ति ऐसे जो ट्रैफिक नियमों को तोड़ता हुआ पाया जाता है उसके फोटो खींचकर ई चालान का काम किया जाता है.सीसीटीवी कैमरों की मदद से यातायात पुलिस का काम हुआ आसानराजधानी लखनऊ समेत बड़े शहरों में अब चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं. यह कमरे पूरी तरह से आधुनिक हैं. चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस अब इन कैमरों की मदद और ट्रैफिक सिग्नल की मदद से ही यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चला जा रही है. राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में अब इन कैमरों की मदद से नियमों को तोड़ने वाले वाहनों का चालान किया जा रहा है.पुलिस आधुनिकरण की दिशा में काम कर रही है. अब पुलिस एफआईआर भी एप के जरिये दर्ज हो रहे हैं. वहीं जो कैमरे पहले लगे हुए थे वह मरम्मत के अभाव में बेकार हो गए है. अब दृष्टि योजना के तहत दोबारा से कैमरे लगाने का काम शुरू होगा जिसकी सहमति शासन से मिल चुकी है.-डीके ठाकुर, पुलिस आयुक्त
Last Updated : Dec 1, 2020, 1:12 PM IST
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