लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जगतगुरू रामभद्राचार्य ने चित्रकूट में स्थापित किए गए जगतगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय को उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन देने का निर्णय लिया, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने विधान मंडल में विधेयक पेश करके राज्य विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता प्रदान कर दी है. अब उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजनों के उच्च शिक्षा के लिये डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय सहित दो विश्वविद्यालय हो गये हैं, जिनके माध्यम से दिव्यांगजनों को शिक्षित बनाकर सशक्त किया जा सकेगा. राज्य मंत्री ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाईं.
मंत्री ने कहा कि 'शादी प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत दिव्यांग दम्पत्ति को शादी प्रोत्साहन योजना के तहत 35 हजार रुपये की धनराशि दी जाती थी, लेकिन दिव्यांग दम्पत्ति को शादी पंजीकरण करना आवश्यक था, जिससे दिव्यांगजनों पर अतिरिक्त व्यय भार पड़ रहा था. अब दिव्यांग दम्पत्ति को शादी प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त करने के लिये रजिस्ट्रेशन की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है, राज्य दिव्यांग आयुक्त के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं का निस्तारण लखनऊ स्थित कार्यालय से किया जा रहा है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर मोबाइल कोर्ट के माध्यम से विभिन्न जनपदों में राज्य दिव्यांग आयुक्त दिव्यांगजनों की समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं. गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी में मोबाइल कोर्ट के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं को सुना जा रहा है. ये व्यवस्था दिव्यांगजनों के लिए उपयोगी साबित हो रही है.'
मंत्री ने कहा कि 'लखनऊ के डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में छात्राओं की बढ़ती हुई संख्या को ध्यान में रखकर 48 करोड़ रुपये की लागत से नए महिला छात्रावास का निर्माण किया जा रहा है. महिला छात्रावास बन जाने से प्रदेश भर की दिव्यांग छात्राओं को और अधिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. बीटेक, बीबीए, एमसीए में अध्ययनरत कुल 112 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट सेल के माध्यम से विभिन्न कॉरपोरेट कम्पनियों में प्लेसमेंट कराकर एक बड़ी शुरूआत की गई है. भविष्य में भी इस तरह के प्रयास करके छात्र-छात्राओं को नौकरियों से जोड़ा जायेगा.' उन्होंने कहा कि '16 विशेष विद्यालयों को अपनी उच्च स्तरीय शिक्षण एवं प्रशिक्षण व्यवस्था सहित कैम्पस की उच्च स्तर प्रबन्ध प्रणाली के लिये वित्तीय वर्ष 2022-23 आईएसओ 90012015 प्रमाणीकरण प्रदान किया गया है. इन विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था की गई है. कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए बजट में इस वर्ष अतिरिक्त 435 करोड़ की व्यवस्था की गई है. अन्य कार्यों के लिये 167 करोड़ की बजट में वृद्धि की गई है. शिक्षण संस्थानों में अध्ययन कर रहे अन्य पिछड़े वर्ग के गरीब छात्र व छात्राओं के लिये आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऐसे छात्रावासों के अनुरक्षण के लिए विशेष प्रयास कर 1.25 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था पहली बार करायी गई है.'
उन्होंने कहा कि 'छात्रों को छात्रवृत्ति मार्च में मिलने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. अब छात्रवृत्ति की उपलब्धता दिसम्बर माह में ही कर दी जाएगी. शादी अनुदान योजना के अन्तर्गत अन्य पिछड़े वर्ग के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं को 20 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है.'