लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के आवाह्न पर प्रदेश के निकाय कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं. आगामी 28 अक्टूबर को महासंघ ने आंदोलन के दूसरे चरण की घोषणा की है. इससे पहले 14 अक्टूबर को प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया गया था. कर्मचारियों की पीड़ा से अवगत कराने एवं हस्तक्षेप करने के लिए महासंघ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट के लिए पत्र लिखकर समय मांगा है.
आश्वासन के बाद भी समाधान न होने से नाराजगी
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि महासंघ ने 7-8 नवंबर 2019 को अपने प्रांतीय अधिवेशन में उपस्थित प्रदेश सरकार के मंत्रियों व नगर विकास विभाग को 30 सूत्रीय मांग पत्र देकर समय रहते समाधान कराने का अनुरोध किया था, लेकिन आज तक लंबित समस्याओं के समाधान के लिए विभाग द्वारा कोई बैठक नहीं की गई है.
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि 20 फरवरी 2019 को हुई बैठक पर कोई निर्णय ही नहीं लिया गया, जबकि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कार्मिक द्वारा 1 मार्च 2019 की बैठक में नगर विकास विभाग को निर्देशित भी किया गया. लंबित मांगों के समाधान के लिए रक्षा मंत्री द्वारा भी पांच सितंबर 2019 को प्रमुख सचिव और मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर समाधान के लिए अनुरोध किया गया था. महासंघ द्वारा इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री को अवगत कराते हुए पत्र दिया गया है.
17 नवंबर व 2 दिसंबर को भी आंदोलन घोषित
प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि इन सब परिस्थितियों में समस्याओं के समाधान न होने की दशा में इन्डियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के आवाह्न पर 14 अक्टूबर को स्थानीय निकाय के कर्मचारी देशव्यापी आंदोलन में शामिल थे. वहीं अब कर्मचारी शासन को आंदोलन की नोटिस भेज कर पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की घोषणा कर आंदोलित हैं. द्वितीय चरण में 28 अक्टूबर को प्रदेश की सभी इकाइयों पर धरना प्रदर्शन कर ध्यानाकर्षण कराएंगे. 17 नवंबर व 2 दिसंबर को घोषित आंदोलन को भी सफल बनाने का निर्णय लिया गया है.