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यूपी हिंदी संस्थान ने साहित्यकारों से मांगे आवेदन, पुरस्कार योजना में हो सकते हैं शामिल

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से साल 2019 के लिए साहित्यकारों से पुरस्कारों के लिए आवेदन मांगे गए हैं. बता दें कि पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से पुरस्कार योजना चलाई जा रही है.

यूपी हिंदी संस्थान
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Published : Dec 14, 2020, 1:58 AM IST

लखनऊ: यूपी हिंदी संस्‍थान ने प्रदेश के साहित्‍यकारों से वर्ष 2019 के लिये पुरस्‍कारों के आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं. इसके अलावा 38 प्रमुख विधाओं अथवा विषयों पर भी पुरस्‍कार प्रदान किए जाएंगे. उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान की ओर से साहित्‍यकारों के लिए पिछले कई वर्षों से पुरस्‍कार योजना चलाई जा रही है.

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान पुरस्‍कार योजना के तहत कुल 21 पुरस्‍कार प्रदान किये जाते हैं. इन पुरस्‍कारों की विस्‍तृत जानकारी आपको विस्‍तार से नीचे दी जाएगी. इसके अलावा 38 विधाओं व विषयों पर भी पुरस्कार दिए जाएंगे, जिसकी जानकारी विस्तार से दी जा रही है.

भारत भारती सम्‍मान: भारत भारती सम्‍मान पाने वाले साहित्‍कार को विगत वर्षों के दौरान की गयी साहित्यिक गतिविधियों के लिये 5 लाख रूपये का पुरस्‍कार प्रदान किया जाता है. यह पुरस्‍कार प्रतिवर्ष एक साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है.

लोहिया साहित्‍य सम्‍मान: उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान की ओर से प्रतिवर्ष लोहिया सम्‍मान किसी एक साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इसके तहत 4 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

हिंदी गौरव सम्‍मान: इसके तहत किसी एक साहित्‍यकार को सम्‍मानित किया जाता है और उसे 4 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

महात्‍मा गांधी साहित्‍य सम्‍मान: यह सम्मान प्रतिवर्ष एक साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इसके तहत 4 लाख रुपये की धनराशि पुरस्‍कार स्‍वरूप प्रदान की जाती है.

पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय सम्‍मान: यह सम्‍मान प्रतिवर्ष एक साहित्‍यकार को दिया जाता है. इसके तहत 4 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

अवंती बाई सम्‍मान: अवंती बाई सम्‍मान हर साल एक साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इसको पाने वाले साहित्‍यकार को 4 लाख रुपये की धनराशि प्राप्‍त होती है.

राजर्षि पुरुषोत्‍तम दास टंडन साहित्‍य सम्‍मान: राजर्षि पुरुषोत्‍तम दास टंडन साहित्‍य सम्‍मान प्रतिवर्ष एक संस्‍था को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार योजना के तहत 4 लाख रुपये धनराशि प्रदान की जाती है. यह पुरस्‍कार उस संस्‍था को मिलता है, जो पिछले 10 वर्षों से गैर हिंदी भाषी राज्‍यों अथवा विदेशों में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के काम में लगातार जुटी हुई होती हैं.

साहित्‍य भूषण सम्‍मान: यह पुरस्‍कार 10 साहित्‍यकारों को प्रदान किये जाते हैं. इस सम्‍मान के तहत प्रत्‍येक साहित्यकार को 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

लोक भूषण सम्‍मान: लोक भूषण सम्‍मान उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान पुरस्‍कार योजना के तहत प्रतिवर्ष 1 साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

कला भूषण सम्‍मान: कला भूषण सम्‍मान हर साल एक साहित्‍यकार को दिया जाता है. इस पुरस्‍कार के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि भी दी जाती है.

विज्ञान भूषण सम्‍मान: उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान की ओर से ऐसे साहित्‍यकारों को विज्ञान भूषण सम्‍मान से नवाजा जाता है, जो विज्ञान पर हिंदी साहित्‍य की रचना करते हैं. यह पुरस्‍कार हर साल केवल एक ही साहित्‍यकार को मिलता है. इसके तहत 2 लाख रुपये की धनराशि भी दी जाती है.

पत्रकारिता भूषण सम्‍मान: पत्रकारिता भूषण सम्‍मान प्रत्‍येक वर्ष एक पत्रकार को प्रदान किया जाता है. ऐसे पत्रकार जिन्‍होंनें पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी है, वह इस पुरस्‍कार के लिये योग्‍य होते हैं. साथ ही उन्‍हें इस सम्‍मान के साथ 2 लाख रुपये की पुरस्‍कार राशि भी प्रदान की जाती है.

प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्‍मान: इसके तहत किसी एक ऐसे प्रवासी भारतीय को पुरस्‍कार प्रदान किया जाता है, जो विदेशों में रह कर हिंदी भाषा में साहित्‍य की रचना कर रहे हैं अथवा हिंदी के प्रचार-प्रसार में संलग्‍न हैं. यह पुरस्‍कार एक व्‍यक्ति को मिलता है और इस पुरस्‍कार के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

बाल साहित्य सम्मानः हिंदी भाषा में बाल साहित्‍य की रचना करने वाले बाल साहित्‍यकारों को बाल साहित्‍य भारती सम्‍मान प्रदान किया जाता है. यह पुरस्‍कार हर साल एक बाल साहित्‍यकार को मिलता है. इस पुरस्‍कार के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

हिंदी विदेश प्रसार सम्‍मान: यह पुरस्‍कार हर साल दो साहित्‍यकारों को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के तहत 5 लाख रुपये की धनराशि पुरस्‍कार पाने वाले प्रत्‍येक साहित्‍यकार को बराबर-बराबर दी जाती है.

सौहार्द सम्‍मान: यह पुरस्‍कार अपने साहित्‍य के जरिये देश-विदेश में सौहार्द की भावना पैदा करने वाले 15 व्‍यक्तियों को दिया जाता है. इस पुरस्‍कार योजना के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

विश्वविद्यालय स्‍तरीय सम्‍मान (प्रदेश स्‍तरीय): हर साल विश्‍वविद्यालय स्‍तरीय पुरस्‍कार प्रदान किये जाते हैं. ऐसे विश्‍वविद्यालय जो हिंदी भाषा को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्‍हें यह पुरस्‍कार मिलता है. यह पुरस्‍कार 2 व्‍यक्तियों को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के साथ 50 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

मधु लिमये स्‍मृति पुरस्‍कार: यह पुरस्‍कार मधु लिमये की स्‍मृति में दिया जाता है. यह पुरस्‍कार हर साल केवल 1 साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के तहत साहित्‍यकार को 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

विधि भूषण सम्‍मान: विधि के क्षेत्र में हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करने तथा साहित्यिक रचना करने वाले साहित्‍यकार को विधि भूषण सम्‍मान से सम्‍मानित किया जाता है. साथ ही 2 लाख रुपये की धनराशि भी हिंदी संस्‍थान की ओर से प्रदान की जाती है.

पंडित श्री नारायण चतुर्वेदी साहित्‍य सम्‍मान: यह पुरस्‍कार हर साल एक साहित्यकार को मिलता है. इस पुरस्‍कार योजना के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि भी प्रदान की जाती है.

पंडित बद्रीप्रसाद शिंगलू स्‍मृति सम्‍मान: यह पुरस्‍कार प्रतिवर्ष एक महिला साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इसके लिए महिला रचनाकार की कृति पिछले वर्ष में प्रकाशित हुई होनी चाहिए. इस पुरस्‍कार के लिये आयु संबंधी पात्रता 35 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. यह पुरस्‍कार किसी महिला साहित्‍यकार को जीवन में एक बार ही प्राप्‍त होता है. इस पुरस्‍कार के तहत 8 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

हरिवंश राय बच्‍चन युवा गीतकार सम्‍मान: हर साल हरिवंश राय बच्‍चन पुरस्‍कार भी प्रदान किया जाता है. यह एक राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार है. यह पुरस्‍कार गीतकार को प्रदान किया जाता है. गीतकार को हिंदी भाषा में लिखित पुस्‍तक पर प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के लिये आयु संबंधी पात्रता 18-40 वर्ष के बीच है. यह पुरस्‍कार हिंदी गजल, गीत, मुक्‍तक तथा छंद कविता विधा में लिखी किसी पुस्‍तक पर प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार योजना के तहत सम्‍मान पाने वाले गीतकार को 25 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

लखनऊ: यूपी हिंदी संस्‍थान ने प्रदेश के साहित्‍यकारों से वर्ष 2019 के लिये पुरस्‍कारों के आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं. इसके अलावा 38 प्रमुख विधाओं अथवा विषयों पर भी पुरस्‍कार प्रदान किए जाएंगे. उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान की ओर से साहित्‍यकारों के लिए पिछले कई वर्षों से पुरस्‍कार योजना चलाई जा रही है.

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान पुरस्‍कार योजना के तहत कुल 21 पुरस्‍कार प्रदान किये जाते हैं. इन पुरस्‍कारों की विस्‍तृत जानकारी आपको विस्‍तार से नीचे दी जाएगी. इसके अलावा 38 विधाओं व विषयों पर भी पुरस्कार दिए जाएंगे, जिसकी जानकारी विस्तार से दी जा रही है.

भारत भारती सम्‍मान: भारत भारती सम्‍मान पाने वाले साहित्‍कार को विगत वर्षों के दौरान की गयी साहित्यिक गतिविधियों के लिये 5 लाख रूपये का पुरस्‍कार प्रदान किया जाता है. यह पुरस्‍कार प्रतिवर्ष एक साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है.

लोहिया साहित्‍य सम्‍मान: उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान की ओर से प्रतिवर्ष लोहिया सम्‍मान किसी एक साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इसके तहत 4 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

हिंदी गौरव सम्‍मान: इसके तहत किसी एक साहित्‍यकार को सम्‍मानित किया जाता है और उसे 4 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

महात्‍मा गांधी साहित्‍य सम्‍मान: यह सम्मान प्रतिवर्ष एक साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इसके तहत 4 लाख रुपये की धनराशि पुरस्‍कार स्‍वरूप प्रदान की जाती है.

पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय सम्‍मान: यह सम्‍मान प्रतिवर्ष एक साहित्‍यकार को दिया जाता है. इसके तहत 4 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

अवंती बाई सम्‍मान: अवंती बाई सम्‍मान हर साल एक साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इसको पाने वाले साहित्‍यकार को 4 लाख रुपये की धनराशि प्राप्‍त होती है.

राजर्षि पुरुषोत्‍तम दास टंडन साहित्‍य सम्‍मान: राजर्षि पुरुषोत्‍तम दास टंडन साहित्‍य सम्‍मान प्रतिवर्ष एक संस्‍था को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार योजना के तहत 4 लाख रुपये धनराशि प्रदान की जाती है. यह पुरस्‍कार उस संस्‍था को मिलता है, जो पिछले 10 वर्षों से गैर हिंदी भाषी राज्‍यों अथवा विदेशों में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के काम में लगातार जुटी हुई होती हैं.

साहित्‍य भूषण सम्‍मान: यह पुरस्‍कार 10 साहित्‍यकारों को प्रदान किये जाते हैं. इस सम्‍मान के तहत प्रत्‍येक साहित्यकार को 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

लोक भूषण सम्‍मान: लोक भूषण सम्‍मान उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान पुरस्‍कार योजना के तहत प्रतिवर्ष 1 साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

कला भूषण सम्‍मान: कला भूषण सम्‍मान हर साल एक साहित्‍यकार को दिया जाता है. इस पुरस्‍कार के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि भी दी जाती है.

विज्ञान भूषण सम्‍मान: उत्तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान की ओर से ऐसे साहित्‍यकारों को विज्ञान भूषण सम्‍मान से नवाजा जाता है, जो विज्ञान पर हिंदी साहित्‍य की रचना करते हैं. यह पुरस्‍कार हर साल केवल एक ही साहित्‍यकार को मिलता है. इसके तहत 2 लाख रुपये की धनराशि भी दी जाती है.

पत्रकारिता भूषण सम्‍मान: पत्रकारिता भूषण सम्‍मान प्रत्‍येक वर्ष एक पत्रकार को प्रदान किया जाता है. ऐसे पत्रकार जिन्‍होंनें पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी है, वह इस पुरस्‍कार के लिये योग्‍य होते हैं. साथ ही उन्‍हें इस सम्‍मान के साथ 2 लाख रुपये की पुरस्‍कार राशि भी प्रदान की जाती है.

प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्‍मान: इसके तहत किसी एक ऐसे प्रवासी भारतीय को पुरस्‍कार प्रदान किया जाता है, जो विदेशों में रह कर हिंदी भाषा में साहित्‍य की रचना कर रहे हैं अथवा हिंदी के प्रचार-प्रसार में संलग्‍न हैं. यह पुरस्‍कार एक व्‍यक्ति को मिलता है और इस पुरस्‍कार के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

बाल साहित्य सम्मानः हिंदी भाषा में बाल साहित्‍य की रचना करने वाले बाल साहित्‍यकारों को बाल साहित्‍य भारती सम्‍मान प्रदान किया जाता है. यह पुरस्‍कार हर साल एक बाल साहित्‍यकार को मिलता है. इस पुरस्‍कार के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

हिंदी विदेश प्रसार सम्‍मान: यह पुरस्‍कार हर साल दो साहित्‍यकारों को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के तहत 5 लाख रुपये की धनराशि पुरस्‍कार पाने वाले प्रत्‍येक साहित्‍यकार को बराबर-बराबर दी जाती है.

सौहार्द सम्‍मान: यह पुरस्‍कार अपने साहित्‍य के जरिये देश-विदेश में सौहार्द की भावना पैदा करने वाले 15 व्‍यक्तियों को दिया जाता है. इस पुरस्‍कार योजना के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

विश्वविद्यालय स्‍तरीय सम्‍मान (प्रदेश स्‍तरीय): हर साल विश्‍वविद्यालय स्‍तरीय पुरस्‍कार प्रदान किये जाते हैं. ऐसे विश्‍वविद्यालय जो हिंदी भाषा को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्‍हें यह पुरस्‍कार मिलता है. यह पुरस्‍कार 2 व्‍यक्तियों को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के साथ 50 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

मधु लिमये स्‍मृति पुरस्‍कार: यह पुरस्‍कार मधु लिमये की स्‍मृति में दिया जाता है. यह पुरस्‍कार हर साल केवल 1 साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के तहत साहित्‍यकार को 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

विधि भूषण सम्‍मान: विधि के क्षेत्र में हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करने तथा साहित्यिक रचना करने वाले साहित्‍यकार को विधि भूषण सम्‍मान से सम्‍मानित किया जाता है. साथ ही 2 लाख रुपये की धनराशि भी हिंदी संस्‍थान की ओर से प्रदान की जाती है.

पंडित श्री नारायण चतुर्वेदी साहित्‍य सम्‍मान: यह पुरस्‍कार हर साल एक साहित्यकार को मिलता है. इस पुरस्‍कार योजना के तहत 2 लाख रुपये की धनराशि भी प्रदान की जाती है.

पंडित बद्रीप्रसाद शिंगलू स्‍मृति सम्‍मान: यह पुरस्‍कार प्रतिवर्ष एक महिला साहित्‍यकार को प्रदान किया जाता है. इसके लिए महिला रचनाकार की कृति पिछले वर्ष में प्रकाशित हुई होनी चाहिए. इस पुरस्‍कार के लिये आयु संबंधी पात्रता 35 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. यह पुरस्‍कार किसी महिला साहित्‍यकार को जीवन में एक बार ही प्राप्‍त होता है. इस पुरस्‍कार के तहत 8 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

हरिवंश राय बच्‍चन युवा गीतकार सम्‍मान: हर साल हरिवंश राय बच्‍चन पुरस्‍कार भी प्रदान किया जाता है. यह एक राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार है. यह पुरस्‍कार गीतकार को प्रदान किया जाता है. गीतकार को हिंदी भाषा में लिखित पुस्‍तक पर प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार के लिये आयु संबंधी पात्रता 18-40 वर्ष के बीच है. यह पुरस्‍कार हिंदी गजल, गीत, मुक्‍तक तथा छंद कविता विधा में लिखी किसी पुस्‍तक पर प्रदान किया जाता है. इस पुरस्‍कार योजना के तहत सम्‍मान पाने वाले गीतकार को 25 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है.

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