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ट्रायल सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार उठाएगी सकारात्मक कदम

यूपी में ट्रायल सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार सकारात्मक कदम उठाएगी. इसका राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को भरोसा दिया है. न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय खंडपीठ ने राम निवास उर्फ ननकन की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Dec 7, 2020, 8:15 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार ने भरोसा दिया है कि वह जघन्य अपराधों में कोविड-19 महामारी के कारण रुके हुए ट्रायल को सुचारू रूप से चलाना सुनिशचित करने के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाने जा रही है. सरकार की ओर से दिए गए इस आश्वासन पर न्यायालय ने सरकार को जानकारी देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी.

न्यायालय ने जाहिर की थी चिंता
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय खंडपीठ ने राम निवास उर्फ ननकन की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने इस बात पर चिंता जाहिर की थी कि कोविड-19 महामारी के कारण जघन्य अपराधों के ट्रायल आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. न्यायालय ने प्रश्न उठाया था कि कोरोना महामारी के कारण एक आपराधिक मामले का ट्रायल आगे न बढ़ पाने के बावजूद क्या अभियुक्त को जेल में रखना उचित है.

सोमवार को सरकारी वकील ने न्यायालय को बताया कि विधि विभाग द्वारा इस सम्बंध में सकारात्मक कदम उठाया जाना प्रस्तावित है. अगली सुनवाई पर वह उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दे सकेंगे. इस पर न्यायालय ने कहा कि अगली सुनवाई पर बताएं कि इस सम्बंध में क्या आवश्यक कदम उठाए गए, जिससे जघन्य अपराधों के ट्रायल समयबद्ध तरीके से व सुचारू रूप से चलते रहें.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार ने भरोसा दिया है कि वह जघन्य अपराधों में कोविड-19 महामारी के कारण रुके हुए ट्रायल को सुचारू रूप से चलाना सुनिशचित करने के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाने जा रही है. सरकार की ओर से दिए गए इस आश्वासन पर न्यायालय ने सरकार को जानकारी देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी.

न्यायालय ने जाहिर की थी चिंता
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय खंडपीठ ने राम निवास उर्फ ननकन की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने इस बात पर चिंता जाहिर की थी कि कोविड-19 महामारी के कारण जघन्य अपराधों के ट्रायल आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. न्यायालय ने प्रश्न उठाया था कि कोरोना महामारी के कारण एक आपराधिक मामले का ट्रायल आगे न बढ़ पाने के बावजूद क्या अभियुक्त को जेल में रखना उचित है.

सोमवार को सरकारी वकील ने न्यायालय को बताया कि विधि विभाग द्वारा इस सम्बंध में सकारात्मक कदम उठाया जाना प्रस्तावित है. अगली सुनवाई पर वह उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दे सकेंगे. इस पर न्यायालय ने कहा कि अगली सुनवाई पर बताएं कि इस सम्बंध में क्या आवश्यक कदम उठाए गए, जिससे जघन्य अपराधों के ट्रायल समयबद्ध तरीके से व सुचारू रूप से चलते रहें.

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