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लॉकडाउन से प्रभावित पांच लाख स्ट्रीट वेंडरों को मिलेगा 10 हजार का लोन - उत्तर प्रदेश समाचार

यूपी सरकार कोरोना और लॉकडाउन से प्रभावित सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों को 10-10 हजार रुपये का कर्ज देगी. इसका लाभ प्रदेश के करीब पांच लाख स्ट्रीट वेंडरों को मिलेगा.

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5 लाख को स्ट्रीट वेंडरों को मिलेगा 10,000 रुपये का लोन.
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Published : Oct 12, 2020, 10:31 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स की मदद करने जा रही है. लॉकडाउन से प्रभावित हुए इनके रोजगार को पुनः पटरी पर लाने के लिए सरकार स्ट्रीट वेंडरों को 10-10 हजार रुपये का ऋण देगी. सरकार द्वारा यह लोन बिना किसी गारन्टी के दिया जाएगा. पीएम स्वनिधि योजना के तहत राज्य सरकार यह ऋण पटरी दुकानदारों को देगी. माना जा रहा है कि सीएम योगी इस योजना की जल्द ही शुरुआत कर सकते हैं, जिसका लाभ प्रदेश के करीब पांच लाख स्ट्रीट वेंडरों को मिलेगा.

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5 लाख को स्ट्रीट वेंडरों को मिलेगा 10,000 रुपये का लोन.
दरअसल, कोरोना के दौरान छोटे बड़े सभी व्यवसायियों के रोजगार पर असर पड़ा है, लेकिन रेहड़ी, ठेला और पटरी दुकानदारों के रोजगार पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है. ऐसा पटरी दुकानदारों का घर चलाना दूभर हो गया था. इसी दौरान उनकी वह छोटी पूंजी भी टूट गई और रोजगार ठप पड़ गया. ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम स्वनिधि योजना की घोषणा की गई है. इस योजना के तहत देश भर में करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को लाभ दिया जाएगा, जिससे यूपी के करीब पांच लाख पटरी दुकानदार लाभान्वित होंगे.


ऋण लेने वाले दुकानदारों को एक साल में यह धनराशि वापस करने का मौका दिया जाएगा. व्यापारी को कोई गारंटी नहीं देनी होगी और न ही किसी प्रकार से वसूली के लिए उन पर दबाव बनाया जाएगा. इस योजना में जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है. समय पर चुकता करने वाले को सरकार ब्याज में छूट भी देगी. सरकार के सूत्रों का कहना है कि इसकी तैयारी कर ली गई है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही इस योजना की शुरुआत कर सकते हैं.

ऐसे लोगों का कराया जा रहा पंजीकरण
नगर विकास विभाग में पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स का डाटा तैयार किया जा रहा है. राजधानी लखनऊ में भी सभी वार्डों में कैम्प लगाकर ऐसे व्यापारियों का पंजीकरण कराया गया है. इस तैयार डाटा के आधार पर प्रदेश भर के पटरी दुकानदारों को शुरुआती स्तर पर यह ऋण दिया जाएगा. वहीं अच्छे रिकॉर्ड वाले दुकानदारों को भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर इससे अधिक का भी ऋण दिया जा सकता है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना काल के दौरान प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने से लेकर एमएसएमई सेक्टर की लाखों इकाइयों को ऋण वितरित कर चुकी है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स की मदद करने जा रही है. लॉकडाउन से प्रभावित हुए इनके रोजगार को पुनः पटरी पर लाने के लिए सरकार स्ट्रीट वेंडरों को 10-10 हजार रुपये का ऋण देगी. सरकार द्वारा यह लोन बिना किसी गारन्टी के दिया जाएगा. पीएम स्वनिधि योजना के तहत राज्य सरकार यह ऋण पटरी दुकानदारों को देगी. माना जा रहा है कि सीएम योगी इस योजना की जल्द ही शुरुआत कर सकते हैं, जिसका लाभ प्रदेश के करीब पांच लाख स्ट्रीट वेंडरों को मिलेगा.

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5 लाख को स्ट्रीट वेंडरों को मिलेगा 10,000 रुपये का लोन.
दरअसल, कोरोना के दौरान छोटे बड़े सभी व्यवसायियों के रोजगार पर असर पड़ा है, लेकिन रेहड़ी, ठेला और पटरी दुकानदारों के रोजगार पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है. ऐसा पटरी दुकानदारों का घर चलाना दूभर हो गया था. इसी दौरान उनकी वह छोटी पूंजी भी टूट गई और रोजगार ठप पड़ गया. ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम स्वनिधि योजना की घोषणा की गई है. इस योजना के तहत देश भर में करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को लाभ दिया जाएगा, जिससे यूपी के करीब पांच लाख पटरी दुकानदार लाभान्वित होंगे.


ऋण लेने वाले दुकानदारों को एक साल में यह धनराशि वापस करने का मौका दिया जाएगा. व्यापारी को कोई गारंटी नहीं देनी होगी और न ही किसी प्रकार से वसूली के लिए उन पर दबाव बनाया जाएगा. इस योजना में जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है. समय पर चुकता करने वाले को सरकार ब्याज में छूट भी देगी. सरकार के सूत्रों का कहना है कि इसकी तैयारी कर ली गई है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही इस योजना की शुरुआत कर सकते हैं.

ऐसे लोगों का कराया जा रहा पंजीकरण
नगर विकास विभाग में पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स का डाटा तैयार किया जा रहा है. राजधानी लखनऊ में भी सभी वार्डों में कैम्प लगाकर ऐसे व्यापारियों का पंजीकरण कराया गया है. इस तैयार डाटा के आधार पर प्रदेश भर के पटरी दुकानदारों को शुरुआती स्तर पर यह ऋण दिया जाएगा. वहीं अच्छे रिकॉर्ड वाले दुकानदारों को भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर इससे अधिक का भी ऋण दिया जा सकता है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना काल के दौरान प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने से लेकर एमएसएमई सेक्टर की लाखों इकाइयों को ऋण वितरित कर चुकी है.

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