लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार अब भूलेख पोर्टल में संशोधन (government is amend Bhulekh portal) करने जा रही है. खतौनी देखने से ही अब किसान की पूरी जमीन का ब्यौरा सामने आ जाएगा, जिससे जमीन की खरीद-फरोख्त में किसी भी तरह के धोखाधड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी. राजस्व विभाग अब खतौनी में कई तरह के बदलाव करने जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत राजधानी के मोहनलालगंज तहसील से होने जा रही है. जिसके लिए तीन तहसील कर्मी ट्रेनिंग भी ले चुके हैं.
राजस्व विभाग ने जमीनों की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी रोकने के लिए नई खतौनी में कई तरह के बदलाव करने की तैयारी की है. विभाग की योजना अमल में आते ही नई खतौनी में दाखिल खारिज के बाद खरीदार का नाम सीधे बायीं ओर उसकी हिस्सेदारी के साथ स्पष्ट नजर आएगा, जबकि भूमि विक्रेता किसान के अंश से उतनी जमीन स्वतः कम हो जाएगी. यही नहीं भूलेख पोर्टल पर किसान के नाम पूरे प्रदेश में दर्ज भूमि का विवरण आसानी से देखा जा सकेगा. खामियों को दूर करने के लिए राजस्व विभाग मौजूदा खतौनी में आधा दर्जन अतिरिक्त कालम जोड़ने जा रहा है. नए जोड़े जा रहे कालमों में भूमि से सम्बन्धित किसी तरह का वाद न्यायालय में लम्बित है तो उसकी जानकारी दर्शायी जाएगी. भूमि के बंधक होने की स्थिति में उसकी जानकारी भी अंकित की जाएगी. इसके अतिरिक्त खातेदार द्वारा दिया जाने वाला भू-राजस्व भी खतौनी में बढ़ाए जा रहे कालम में अंकित जाएगा. इस तरह भूमि के खरीदार को धोखा देने की गुंजाइश नहीं रहेगी. साथ ही भूमि स्वामी अपने हिस्से से अधिक जमीन की बिक्री नहीं कर पाएगा.
तहसीलदार मोहनलालगंज आनंद तिवारी (Tehsildar Mohanlalganj Anand Tiwari) ने बताया कि किसान को अब खतौनी देखते ही अपनी भूमि की सही जानकारी हो जाएगी कि आखिर उनके पास कितनी जमीन है. खतौनी में सभी खाताधारकों का अंश निर्धारित कर दिया जाएगा. भूलेख पोर्टल में संशोधन किया जा रहा है. अब नई खतौनी व्यवस्था के अंतर्गत काम चल रहा है. इसकी शुरुआत मोहनलालगंज तहसील से होनी है. इस पर कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग पूरी होते ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी.