लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में चयन के बाद पुलिस वैरिफिकेशन के चक्कर में अब अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं फंसेंगी. प्रदेश सरकार ने इसके लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है. खास बात यह है कि सबसे पहले इसका फायदा राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों को मिलेगा. शासन ने 2019 बैच के पीसीएस अफसरों को पहले नियुक्ति देने और फिर उनका पुलिस वैरिफिकेशन कराने का फैसला लिया है. शासन की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्थियों का सत्यापन पहले की तरह ही कराया जाएगा, लेकिन सत्यापन के चक्कर में नियुक्ति की प्रक्रिया को लंबित नहीं रखा जाएगा.
नियुक्ति प्रक्रिया में आएगी तेजी
प्रदेश में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति से पहले उनके पुलिस वैरिफिकेशन की व्यवस्था थी. इस चक्कर में महीनों नियुक्तियां फंसी रहती थीं. जिसका खामियाजा अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ता था. अब योगी सरकार ने इस व्यवस्था में बदलाव किया है. इसकी शुरुआत पीसीएस-2019 बैच के साथ की जा रही है. इसमें चयनित 304 अभ्यर्थियों की सूची शासन को भेजी गई थी. जिसके बाद शासन ने संबंधित विभागों को इनकी सूची भेज कर, इन्हें औपबंधिक नियुक्ति पत्र जारी करते हुए उसकी प्रति कार्मिक विभाग और राज्य लोक सेवा आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. इस नयी व्यवस्था से सरकारी नौकरियों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आएगी.
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6 महीने में कराना होगा वैरिफिकेशन
ऐसा नहीं है कि इस नई व्यवस्था के तहत पुलिस वैरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से समाप्त कर दी गई हो. बस इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है. पहले जहां पुलिस वैरिफिकेशन कराने के बाद नियुक्ति प्रदान की जाती थी, वहीं अब नियुक्ति प्रदान करने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन की अनिवार्यता नहीं रहेगी. इस प्रक्रिया को नियुक्ति के 6 महीने के भीतर पूरा करना होगा.