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कांग्रेस का पीएम मोदी पर तंज, कहा- अपनी वैक्सीन बाहर भेज विदेश में फैला रहे हाथ

भारत में कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर कांग्रेस ने सीधे-सीधे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि देश की वैक्सीन विदेश भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को खतरे में डाल दिया.

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा
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Published : Jun 7, 2021, 12:07 AM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने मोदी सरकार पर तंज किया है. उन्होंने कहा है कि हमारे देश वासियों और देश के बच्चों को लगने वाली वैक्सीन दुनिया के 72 देशों को क्यों बांटी गई. अब उसी वैक्सीन को लाने के लिए तमाम राष्ट्रों के सामने हम हाथ जोड़कर अनुनय-विनय कर रहे हैं.

अराधना मिश्रा ने कहा कि अमेरिका की उप राष्ट्रपति और भारतीय मूल की कमला हैरिस से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन पर वार्ता की. वार्ता के बाद इसे कूटनीतिक विजय बताते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत को कोविड-19 की वैक्सीन देने की बात कही है. आराधना मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि अमेरिका, दुनिया के लगभग 19 देशों को कोविड-19 के टीके दे रहा है. भारत, कनाडा, मैक्सिको और कोरिया को लगभग 70 लाख टीके की खुराक दे रहा है. इस तरह भारत को बहुत कम टीके मिल रहे हैं.

पढ़ें- यूपी में पक रही सियासी खिचड़ी, राधा मोहन ने अब विधानसभा अध्यक्ष से की मुलाकात

क्यों अन्य देशों को भेजी अपनी वैक्सीन

कांग्रेस विधान मण्डल दल की नेता ने कहा है कि दुःख होता है, एक भारतीय होने के नाते मैं विदेश के संबंधों पर भरपूर समर्थन सरकार को देती हूं, किन्तु सवाल उठता है कि हमारे देश वासियों और देश के बच्चों को लगने वाली वैक्सीन दुनिया के 72 देशों को क्यों बांटी गई. अब उसी वैक्सीन को लाने के लिए तमाम राष्ट्रों के सामने हाथ जोड़कर अनुनय विनय कर रहे हैं. वह भी तब, जब भारत के विदेश मंत्री एक सप्ताह तक अमेरिका में कैम्प कर रहे थे. क्या तब भी अमेरिका के राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री से बात करने को तैयार नहीं हुए. जो उन्हें अमेरिका की उपराष्ट्रपति से बात करनी पड़ी.

आराधना मिश्रा ने कहा कि शायद कहीं न कहीं कूटनीतिक तनाव अवश्य है कि प्रधानमंत्री ने जो अमेरिका में जाकर तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चुनाव प्रचार किया था. अहमदाबाद में उनका प्रचार किया था. एक साधारण कार्यकर्ता की तरह नारा लगाया था कि 'अबकी बार - ट्रंप सरकार'

देश को चुकानी पड़ रही है लापरवाही की कीमत

अराधना मिश्रा ने कहा है कि ट्रंप का प्रचार भारत की स्थापित विदेश नीति से पलायन था. देश के प्रधानमंत्री रहे पं. जवाहर लाल नेहरू, स्व. इन्दिरा गांधी, स्व. राजीव गांधी व स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत की विदेश नीति का पूरी तरह से पालन किया था. भारत किसी भी देश के अंतर्राष्ट्रीय मामलों में या वहां के चुनाव में दखल नहीं देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इससे बचना चाहिए था. ऐसा करके उन्होंने भारत का अहित किया है और आज उसकी कीमत देश को चुकानी पड़ रही है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने मोदी सरकार पर तंज किया है. उन्होंने कहा है कि हमारे देश वासियों और देश के बच्चों को लगने वाली वैक्सीन दुनिया के 72 देशों को क्यों बांटी गई. अब उसी वैक्सीन को लाने के लिए तमाम राष्ट्रों के सामने हम हाथ जोड़कर अनुनय-विनय कर रहे हैं.

अराधना मिश्रा ने कहा कि अमेरिका की उप राष्ट्रपति और भारतीय मूल की कमला हैरिस से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन पर वार्ता की. वार्ता के बाद इसे कूटनीतिक विजय बताते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत को कोविड-19 की वैक्सीन देने की बात कही है. आराधना मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि अमेरिका, दुनिया के लगभग 19 देशों को कोविड-19 के टीके दे रहा है. भारत, कनाडा, मैक्सिको और कोरिया को लगभग 70 लाख टीके की खुराक दे रहा है. इस तरह भारत को बहुत कम टीके मिल रहे हैं.

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क्यों अन्य देशों को भेजी अपनी वैक्सीन

कांग्रेस विधान मण्डल दल की नेता ने कहा है कि दुःख होता है, एक भारतीय होने के नाते मैं विदेश के संबंधों पर भरपूर समर्थन सरकार को देती हूं, किन्तु सवाल उठता है कि हमारे देश वासियों और देश के बच्चों को लगने वाली वैक्सीन दुनिया के 72 देशों को क्यों बांटी गई. अब उसी वैक्सीन को लाने के लिए तमाम राष्ट्रों के सामने हाथ जोड़कर अनुनय विनय कर रहे हैं. वह भी तब, जब भारत के विदेश मंत्री एक सप्ताह तक अमेरिका में कैम्प कर रहे थे. क्या तब भी अमेरिका के राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री से बात करने को तैयार नहीं हुए. जो उन्हें अमेरिका की उपराष्ट्रपति से बात करनी पड़ी.

आराधना मिश्रा ने कहा कि शायद कहीं न कहीं कूटनीतिक तनाव अवश्य है कि प्रधानमंत्री ने जो अमेरिका में जाकर तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चुनाव प्रचार किया था. अहमदाबाद में उनका प्रचार किया था. एक साधारण कार्यकर्ता की तरह नारा लगाया था कि 'अबकी बार - ट्रंप सरकार'

देश को चुकानी पड़ रही है लापरवाही की कीमत

अराधना मिश्रा ने कहा है कि ट्रंप का प्रचार भारत की स्थापित विदेश नीति से पलायन था. देश के प्रधानमंत्री रहे पं. जवाहर लाल नेहरू, स्व. इन्दिरा गांधी, स्व. राजीव गांधी व स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत की विदेश नीति का पूरी तरह से पालन किया था. भारत किसी भी देश के अंतर्राष्ट्रीय मामलों में या वहां के चुनाव में दखल नहीं देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इससे बचना चाहिए था. ऐसा करके उन्होंने भारत का अहित किया है और आज उसकी कीमत देश को चुकानी पड़ रही है.

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