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पशुधन घोटाला मामला: उमेश शुक्ला की जमानत अर्जी खारिज, IPS अरविंद सेन व अन्य पर तय होगा आरोप

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Published : Sep 4, 2021, 10:26 PM IST

उत्तर प्रदेश के पशुधन घोटाले मामले में निरुद्ध सचिवालय के सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश कुमार शुक्ला की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज ने खारिज कर दी है. वहीं अदालत ने मामले में आरोपी आईपीएस अरविंद सेन व अन्य अभियुक्तों को आरोप पत्र प्रदान करते हुए, आरोप तय करने के लिए 9 सितंबर की तारीख तय कर दी है.

पशुधन घोटाला मामला
पशुधन घोटाला मामला

लखनऊ : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज रमाकांत प्रसाद ने पशुधन घोटाला मामले में निरुद्ध सचिवालय के सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश कुमार शुक्ला की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. शनिवार को इस मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन समेत अन्य अभियुक्त भी जेल से अदालत में हाजिर थे. अदालत में अरविंद सेन व अन्य अभियुक्तों को आरोप पत्र की प्रतियां प्रदान की गईं. साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर आरोप तय करने के लिए 9 सितंबर की तारीख तय की है.

क्या है मामला

दरअसल, अरविंद सेन पर पशुपालन विभाग में आपूर्ति के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपियों को बचाने के लिए 35 लाख रुपये लेने का आरोप है. 13 जून, 2020 को इस मामले की एफआईआर इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी. इस मामले में मोंटी गुर्जर, आशीष राय व उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 419, 471, 120बी, 406, 420, 467 व 468 के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत नामजद किया गया था.

इसमें कहा गया था कि अप्रैल 2018 में उनके छोटे भाई के दोस्त वैभव शुक्ला अपने साथी संतोष शर्मा के साथ इंदौर स्थित आवास पर आए और बताया कि पशुपालन के करीबी और उपनिदेशक पशुपालन एसके मित्तल आपको पार्टी हित में गेहूं, आटा, शक्कर और दाल की सप्लाई का ठेका देना चाहते हैं. ठेके के लिए आरोपियों ने मंजीत सिंह से 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की रिश्वत ली, लेकिन ठेका नहीं मिला. इसके बाद मंजीत भाटिया ने जब आरोपी पर दबाव बनाने लगा तो आशीष राय ने अरविंद सेन से मुलाकात की. अरविंद सेन ने मामला मैनेज करने के लिए 50 लाख रुपये मांगे, लेकिन डील 35 लाख में तय हुई, इसमें 5 लाख रुपये अरविंद सेन के खाते में जमा कराए गए और शेष पैसा बाद में नकद दिया गया.

इसे भी पढ़ें- UP Assembly Election 2022: योगी सरकार किसानों के लिए लाएगी 722 करोड़ की नयी योजना, मिलेंगे ये लाभ

सरकारी वकील अभितेश मिश्रा के मुताबिक विवेचना में आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन समेत चार अन्य अभियुक्तों का नाम भी प्रकाश में आया. इस मामले में कुल 15 अभियुक्त न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं. अभियुक्तों पर कुटरचित दस्तोवजों व छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर नौ करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए की ठगी करने का इल्जाम है.

लखनऊ : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज रमाकांत प्रसाद ने पशुधन घोटाला मामले में निरुद्ध सचिवालय के सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश कुमार शुक्ला की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. शनिवार को इस मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन समेत अन्य अभियुक्त भी जेल से अदालत में हाजिर थे. अदालत में अरविंद सेन व अन्य अभियुक्तों को आरोप पत्र की प्रतियां प्रदान की गईं. साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर आरोप तय करने के लिए 9 सितंबर की तारीख तय की है.

क्या है मामला

दरअसल, अरविंद सेन पर पशुपालन विभाग में आपूर्ति के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपियों को बचाने के लिए 35 लाख रुपये लेने का आरोप है. 13 जून, 2020 को इस मामले की एफआईआर इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी. इस मामले में मोंटी गुर्जर, आशीष राय व उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 419, 471, 120बी, 406, 420, 467 व 468 के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत नामजद किया गया था.

इसमें कहा गया था कि अप्रैल 2018 में उनके छोटे भाई के दोस्त वैभव शुक्ला अपने साथी संतोष शर्मा के साथ इंदौर स्थित आवास पर आए और बताया कि पशुपालन के करीबी और उपनिदेशक पशुपालन एसके मित्तल आपको पार्टी हित में गेहूं, आटा, शक्कर और दाल की सप्लाई का ठेका देना चाहते हैं. ठेके के लिए आरोपियों ने मंजीत सिंह से 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की रिश्वत ली, लेकिन ठेका नहीं मिला. इसके बाद मंजीत भाटिया ने जब आरोपी पर दबाव बनाने लगा तो आशीष राय ने अरविंद सेन से मुलाकात की. अरविंद सेन ने मामला मैनेज करने के लिए 50 लाख रुपये मांगे, लेकिन डील 35 लाख में तय हुई, इसमें 5 लाख रुपये अरविंद सेन के खाते में जमा कराए गए और शेष पैसा बाद में नकद दिया गया.

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सरकारी वकील अभितेश मिश्रा के मुताबिक विवेचना में आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन समेत चार अन्य अभियुक्तों का नाम भी प्रकाश में आया. इस मामले में कुल 15 अभियुक्त न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं. अभियुक्तों पर कुटरचित दस्तोवजों व छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर नौ करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए की ठगी करने का इल्जाम है.

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