लखनऊ : भारत 2047 में जब आजादी का अमृत महोत्सव मनाये और आजादी के स्वर्ण काल में प्रवेश करे तब तक भारत सांस्कृतिक रूप से, शैक्षिक रूप से, आर्थिक रूप से व सामरिक रूप से विश्व गुरु बने, बल्कि विश्व गुरु बनने के साथ श्रेष्ठ ताकतों में से एक हो. विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत हो और भारत पूरी दुनिया का नेतृत्व कर सके, ऐसा भारत हमें अगले 25 सालों के अंदर बनाना है. यह बात उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कही. वह सोमवार को भारतेन्दु नाट्य अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में उत्तर प्रदेश एवं सिक्किम राज्य के मध्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
इस अवसर पर सिक्किम राज्य तथा उत्तर प्रदेश के बीच सांस्कृतिक व पर्यटक आदान-प्रदान के लिए सहभागिता बढ़ाने के लिए एक एमओयू साइन हुआ. वहीं भारतेन्दु कला पत्रिका का विमोचन व ‘मास्टर इन ड्रमैटिक्स आर्ट’ पाठ्यक्रम का सत्र का शुभारंभ कार्यक्रम भी आयोजित हुआ. इस अवसर पर दोनों प्रान्तों के प्रमुख लोक नृत्यों जैसे उत्तर प्रदेश का ढेंढ़िया, मयूर व सिक्किम प्रान्त का फूला छिद्दोम्सा व हिंहीक्षम का आयोजन भी किया गया. कार्यक्रम में भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह, विशेष सचिव संस्कृति अमरनाथ उपाध्याय, सिक्किम के संस्कृति सचिव बसंत लामा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि 'सिक्किम और उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने विभिन्न कला, विभिन्न भाषा के माध्यम से जिस तरह से आपसी सामंजस्य बैठाया है, उसी को आगे बढ़ाने के लिए दोनों प्रांतों के बीच में सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर एमओयू हुआ है. इस एमओयू के माध्यम से सिक्किम जैसे पूर्वोत्तर के सुदूर राज्यों में भी उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, लोकनृत्य, भाषा व पर्यटन के बारे में वहां के लोग जान सकेंगे. वहां के पर्यटन रीति रिवाज व संस्कृति के बारे में उत्तर प्रदेश के लोग भी जान सकेंगे कि वहां के लोगों का रहन सहन व संस्कृति क्या है.' इस अवसर पर सिक्किम के संस्कृति सचिव बसंत लामा ने एमओयू हस्ताक्षर के बाद कहा कि 'इस समझौते से दोनों प्रदेशों के कल्चरल एक्टिविटिज को मजबूती मिलेगी. इससे दोनों प्रदेशों के लोग एक-दूसरे के सांस्कृतिक विविधता से परिचित होंगे, साथ ही इसका आदान-प्रदान भी होगा. उन्होंने कहा कि दोनों प्रदेश 10-10 महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विविधता वाले स्थलों का चिन्हांकन करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति की दृष्टि से बढ़ावा देंगे.'
इस अवसर पर भारतेंदु नाट्य अकादमी में मास्टर इन ड्रमैटिक्स आर्ट सत्र का शुभारंभ किया गया. इसका संचालन भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के माध्यम से किया. पर्यटन मंत्री ने कहा कि भारत की आजादी में विभिन्न प्रान्तों के बलिदानी वीर सपूतों ने एकजुट होकर प्रयास किया और भारत को आजादी दिलाई. इन विषमताओं के बावजूद भारत आज भी एक है और उसे वर्तमान विषमताओं जैसे सामाजिक विषमता, आर्थिक विषमता इत्यादि से आजादी लेनी है. उन्होंने आगे कहा कि इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराकर सांस्कृतिक विविधता को आज गांव तक पहुंचाया जाएगा. हमारा प्रयास है कि अवध की संस्कृति बृज तक जाए, बृज की संस्कृति पूर्वांचल तक जाए व पूर्वांचल की संस्कृति अवध व बृज तक पहुंचे.'