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Lucknow Nagar Nigam : बैन के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल, नहीं रोक लगा पा रहे अधिकारी - स्वच्छता अभियान

केंद्र सरकार ने बीते वर्ष देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (Lucknow Nagar Nigam) लगाया था. इसके तहत करीब 19 चीजों पर रोक लगाई गई थी. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने उन सामानों की लिस्ट भी जारी की थी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 30, 2023, 5:40 PM IST

वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट

लखनऊ : स्वच्छता अभियान के अंतर्गत प्लास्टिक को उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन लखनऊ नगर निगम के अधिकारी प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. हर तरफ प्लास्टिक (Lucknow Nagar Nigam) का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है. इससे पॉल्यूशन भी बढ़ रहा है, लेकिन नगर निगम के अधिकारी प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन प्रदेश में बाजारों व दुकानों पर इसका उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है. नगर निगम के अधिकारियों की तरफ से समय-समय पर प्लास्टिक यूज के खिलाफ कार्रवाई के दावे किये जाते हैं, लेकिन धरातल पर सच्चाई कोसों दूर है. हर तरफ प्लास्टिक की न सिर्फ बिक्री हो रही है, बल्कि जमकर उपयोग भी हो रहा है. प्रदूषण नियंत्रण करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का काम किया गया था, लेकिन फिर भी इसका उपयोग किराना, सब्जी और अन्य दुकानों में खुलेआम होता हुआ नजर आता है.

धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल
धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल


उत्तर प्रदेश में जुलाई 2018 में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने योगी सरकार के अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की थी. जारी अध्यादेश में हुए प्रावधान के मुताबिक, 50 माइक्रॉन से पतली प्लास्टिक पर प्रतिबंध रहेगा. नियमों के अनुसार, यूपी में पहली बार प्रतिबंधित प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सख्त प्रावधान किए गए थे. इसके अंतर्गत एक महीने का कारावास या कम से कम एक हजार और अधिकतम दस हजार रुपये तक जुर्माना लगाने की बात कही गई थी. इसके अलावा प्रतिबंधित प्लास्टिक बैग बेचने, रखने और भंडारण का भी दोषी पाए जाने पर छह महीने की कारावास या कम से कम 10 हजार व अधिकतम 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी प्रतिबंधित प्लास्टिक के यूज और बिक्री पर समाजवादी पार्टी की सरकार और उससे पहले बसपा सरकार ने भी बैन करने का काम किया था, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं बढ़ पाई है.

पार्षद देवशर्मा उर्फ मुन्ना मिश्रा ने कहा...
पार्षद देवशर्मा उर्फ मुन्ना मिश्रा ने कहा...


नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात कहते हैं कि 'सभी नगर निकायों में प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ कार्यवाही के विषय निर्देश समय-समय पर जारी किए जाते रहे हैं. इस पर अभियान चलाकर कार्यवाही की जाती है. अगर कहीं पर नियमों का उल्लंघन हो रहा है. प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है तो अभियान चलाकर बड़े स्तर पर कार्रवाई कराई जाएगी.'

धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल
धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल

पार्षद देवशर्मा उर्फ मुन्ना मिश्रा कहते हैं 'मेयर के निर्देश के बाद प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई की गई है. प्रवर्तन दस्ते के माध्यम से प्रतिबंधित पॉलीथिन के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है. जल्द ही फिर कार्रवाई की जाएगी.'

यह भी पढ़ें : Single Use Plastic Ban: देशभर में आज से सिंगल-यूज प्लास्टिक बैन, ये 19 चीजें अब नहीं मिलेंगी

यह भी पढ़ें : सिंगल यूज ऑफ प्लास्टिक पर बैन, पेय पदार्थ कंपनियां तलाश रहीं प्लास्टिक स्ट्रॉ का विकल्प

वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट

लखनऊ : स्वच्छता अभियान के अंतर्गत प्लास्टिक को उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन लखनऊ नगर निगम के अधिकारी प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. हर तरफ प्लास्टिक (Lucknow Nagar Nigam) का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है. इससे पॉल्यूशन भी बढ़ रहा है, लेकिन नगर निगम के अधिकारी प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन प्रदेश में बाजारों व दुकानों पर इसका उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है. नगर निगम के अधिकारियों की तरफ से समय-समय पर प्लास्टिक यूज के खिलाफ कार्रवाई के दावे किये जाते हैं, लेकिन धरातल पर सच्चाई कोसों दूर है. हर तरफ प्लास्टिक की न सिर्फ बिक्री हो रही है, बल्कि जमकर उपयोग भी हो रहा है. प्रदूषण नियंत्रण करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का काम किया गया था, लेकिन फिर भी इसका उपयोग किराना, सब्जी और अन्य दुकानों में खुलेआम होता हुआ नजर आता है.

धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल
धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल


उत्तर प्रदेश में जुलाई 2018 में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने योगी सरकार के अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की थी. जारी अध्यादेश में हुए प्रावधान के मुताबिक, 50 माइक्रॉन से पतली प्लास्टिक पर प्रतिबंध रहेगा. नियमों के अनुसार, यूपी में पहली बार प्रतिबंधित प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सख्त प्रावधान किए गए थे. इसके अंतर्गत एक महीने का कारावास या कम से कम एक हजार और अधिकतम दस हजार रुपये तक जुर्माना लगाने की बात कही गई थी. इसके अलावा प्रतिबंधित प्लास्टिक बैग बेचने, रखने और भंडारण का भी दोषी पाए जाने पर छह महीने की कारावास या कम से कम 10 हजार व अधिकतम 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी प्रतिबंधित प्लास्टिक के यूज और बिक्री पर समाजवादी पार्टी की सरकार और उससे पहले बसपा सरकार ने भी बैन करने का काम किया था, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं बढ़ पाई है.

पार्षद देवशर्मा उर्फ मुन्ना मिश्रा ने कहा...
पार्षद देवशर्मा उर्फ मुन्ना मिश्रा ने कहा...


नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात कहते हैं कि 'सभी नगर निकायों में प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ कार्यवाही के विषय निर्देश समय-समय पर जारी किए जाते रहे हैं. इस पर अभियान चलाकर कार्यवाही की जाती है. अगर कहीं पर नियमों का उल्लंघन हो रहा है. प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है तो अभियान चलाकर बड़े स्तर पर कार्रवाई कराई जाएगी.'

धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल
धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल

पार्षद देवशर्मा उर्फ मुन्ना मिश्रा कहते हैं 'मेयर के निर्देश के बाद प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई की गई है. प्रवर्तन दस्ते के माध्यम से प्रतिबंधित पॉलीथिन के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है. जल्द ही फिर कार्रवाई की जाएगी.'

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