ETV Bharat / state

ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम अपट्रान को देगा जमीन

author img

By

Published : Apr 5, 2022, 6:06 PM IST

ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सोमवार को संबंधित विभागों के साथ एक बैठक की. अपट्रान की गोमती बैराज के निकट की भूमि को नगर निगम इस प्रोजेक्ट के लिए देगा. मगर स्वामित्व नगर निगम का ही रहेगा.

etv bharat
ग्रीन कॉरिडोर के लिए नगर निगम प्रोजेक्ट को देगा अपट्रान की जमीन

लखनऊ: ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सोमवार को संबंधित विभागों के साथ एक बैठक की. बैठक में नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authorit) के बीच इस बात पर सहमति बनी कि अपट्रान की गोमती बैराज के निकट की भूमि को नगर निगम इस प्रोजेक्ट के लिए देगा. हालांकि स्वामित्व नगर निगम का ही रहेगा. एलडीए ने कहा कि इस भूमि से जो भी कमाई होगी, उसका हिस्सा नगर निगम को ही मिलेगा.

नगर निगम का गोमती बैराज (Municipal Corporation's Gomti Barrage) के बगल में सलेज फार्म था. अपट्रॉन इंडिया को अपना व्यवसाय करने के लिए सलेज फार्म की 2,17,931 वर्गफीट जमीन दफ्तर और वर्कशॉप बनाने के लिए लीज पर दी गई थी. कई प्रतिबंध के साथ यह लीज 23 मई 1985 को गई थी. अपट्रॉन इंडिया ने अपने व्यवसाय के लिए विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से 9.70 करोड़ का लोन लिया था. व्यवसाय में घाटा होने के कारण लोन की अदायगी नहीं की थी.

इसे भी पढे़ंः Lucknow smart city: 25 हजार की आबादी सीवर की समस्या से बेहाल, उफ! यह है हाल

लोन देने वाली वित्तीय संस्था आईआईएम ने आठ दिसंबर 2012 को अखबारों में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करते हुए अपट्रॉन इंडिया के भवन को अपने अधिकार में ले लिया था. इसके बाद आईएफसीआई ने भवन को बेचने के लिए 22 जनवरी 2013 को टेंडर निकाला दिया था. नगर निगम ने भवन बेचने की प्रक्रिया को रोकने के लिए आईएफसीआई को एक पत्र लिखा था लेकिन आईएफसीआई ने भूमि भवन को शालीमार कारपोरेशन लिमिटेड को बेच दिया था.

इस बिक्री के खिलाफ नगर निगम ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसका मामला निस्तारित किया जा चुका है. एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि इस बैठक में अपट्रान की जमीन का मसला हल हो गया है.

यह है ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट
आईआईएम रोड से किसान पथ तक बनने वाले 27 किमी ग्रीन कॉरिडोर को बनाने व संवारने का काम एलडीए वर्ष 2021 से कर रहा है. नवंबर 2021 से काम जमीन पर शुरू करना था लेकिन अब तक काम कागज पर ही चल रहा है. पहले चरण का काम आईआईएम रोड से लाल पुल तक होना है. यहां 140 मीटर तक बंधा एक तरफ बना है और दूसरा बनाने के लिए काम शुरू करने की तैयार है.

सरकारी जमीन का मुद्रीकरण करके प्रोजेक्ट को रफ्तार दी जाएगी. इसके लिए संबंधित विभागों से जमीनों काे चिह्नित करके पत्राचार किया जा रहा है. पहले चरण का काम आईआईएम रोड से लालपुल तक होना है. यहां 140 मीटर तक बंधा एक तरफ बना है और दूसरा बनाने के लिए काम शुरू करने की तैयारी है. यह बांध शुरू हो गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सोमवार को संबंधित विभागों के साथ एक बैठक की. बैठक में नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authorit) के बीच इस बात पर सहमति बनी कि अपट्रान की गोमती बैराज के निकट की भूमि को नगर निगम इस प्रोजेक्ट के लिए देगा. हालांकि स्वामित्व नगर निगम का ही रहेगा. एलडीए ने कहा कि इस भूमि से जो भी कमाई होगी, उसका हिस्सा नगर निगम को ही मिलेगा.

नगर निगम का गोमती बैराज (Municipal Corporation's Gomti Barrage) के बगल में सलेज फार्म था. अपट्रॉन इंडिया को अपना व्यवसाय करने के लिए सलेज फार्म की 2,17,931 वर्गफीट जमीन दफ्तर और वर्कशॉप बनाने के लिए लीज पर दी गई थी. कई प्रतिबंध के साथ यह लीज 23 मई 1985 को गई थी. अपट्रॉन इंडिया ने अपने व्यवसाय के लिए विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से 9.70 करोड़ का लोन लिया था. व्यवसाय में घाटा होने के कारण लोन की अदायगी नहीं की थी.

इसे भी पढे़ंः Lucknow smart city: 25 हजार की आबादी सीवर की समस्या से बेहाल, उफ! यह है हाल

लोन देने वाली वित्तीय संस्था आईआईएम ने आठ दिसंबर 2012 को अखबारों में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करते हुए अपट्रॉन इंडिया के भवन को अपने अधिकार में ले लिया था. इसके बाद आईएफसीआई ने भवन को बेचने के लिए 22 जनवरी 2013 को टेंडर निकाला दिया था. नगर निगम ने भवन बेचने की प्रक्रिया को रोकने के लिए आईएफसीआई को एक पत्र लिखा था लेकिन आईएफसीआई ने भूमि भवन को शालीमार कारपोरेशन लिमिटेड को बेच दिया था.

इस बिक्री के खिलाफ नगर निगम ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसका मामला निस्तारित किया जा चुका है. एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि इस बैठक में अपट्रान की जमीन का मसला हल हो गया है.

यह है ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट
आईआईएम रोड से किसान पथ तक बनने वाले 27 किमी ग्रीन कॉरिडोर को बनाने व संवारने का काम एलडीए वर्ष 2021 से कर रहा है. नवंबर 2021 से काम जमीन पर शुरू करना था लेकिन अब तक काम कागज पर ही चल रहा है. पहले चरण का काम आईआईएम रोड से लाल पुल तक होना है. यहां 140 मीटर तक बंधा एक तरफ बना है और दूसरा बनाने के लिए काम शुरू करने की तैयार है.

सरकारी जमीन का मुद्रीकरण करके प्रोजेक्ट को रफ्तार दी जाएगी. इसके लिए संबंधित विभागों से जमीनों काे चिह्नित करके पत्राचार किया जा रहा है. पहले चरण का काम आईआईएम रोड से लालपुल तक होना है. यहां 140 मीटर तक बंधा एक तरफ बना है और दूसरा बनाने के लिए काम शुरू करने की तैयारी है. यह बांध शुरू हो गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.