लखनऊ: मुख्यमंत्री कार्यालय (लोकभवन) की सुरक्षा अब यूपी स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) करेगी. लोक भवन के तीनों गेट पर यूपी एसएसएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं. ये सभी जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं. अब तक लोक भवन की सुरक्षा में यूपी पुलिस और यूपी सचिवालय सुरक्षा के जवान तैनात थे.
हजरतगंज स्थित सीएम ऑफिस (लोकभवन) की निगरानी अब UPSSF (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) करेगी. इसके लिए UPSSF की एक यूनिट तैयार की गई है और लोकभवन में 52 जवानों को तैनात किया गया है. लोक भवन के तीनों गेट पर अत्याधुनिक हथियारों से लैस UPSSF के जवान पहरा देंगे. बुधवार को यूपीएसएसफ की एक यूनिट की तैनाती लोकभवन में की जा चुकी है.
डीसीपी सेंट्रल लखनऊ अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि लखनऊ पुलिस और पीएसी ने बुधवार को लोक भवन की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की थी. समीक्षा के बाद फैलसा किया गया था कि लोक भवन के तीनों एंट्री गेट की सुरक्षा यूपी एसएसएफ करेगी. इसे लेकर गुरुवार को यूपी एसएसएफ की एक यूनिट तैनात कर दी गई है. इसमें 8 सब इंस्पेक्टर और 48 कॉन्स्टेबल तैनात किए गए हैं. जो दो शिफ्टों में तैनात रहेंगे.
डीसीपी ने बताया कि लोकभवन में तैनात किए गए UPSSF के जवानों के पास एडवांस वर्जन यानी MP-5 गन हैं. वहीं स्कैनर भी मौजूद है. उन्होंने बताया कि इस फोर्स में यूपी पुलिस, आर्म्स फोर्स और PAC के जवानों को शामिल किया गया है. सभी को सीतापुर में 90 दिन की ट्रेनिंग भी दी गई थी.
विशेष स्थानों की निगरानी अब UPSSF के हाथ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राजधानी के प्रमुख स्थानों जैसे लोकभवन, विधानभवन, एयरपोर्ट, अदालत, मेट्रो स्टेशन और बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन किया है. इस फोर्स की 5 यूनिट तैयार हो चुकी हैं.
2020 में जारी हुआ था गठन का नोटिफिकेशन: सितंबर 2020 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी स्पेशल सुरक्षा बल (UPSSF) का गठन करने का नोटिफिकेशन जारी किया था. इस फोर्स को मेट्रो रेल, हवाई अड्डों, औद्योगिक संस्थानों, अदालतों, धार्मिक स्थानों, बैंकों वित्तीय संस्थानों और अन्य स्थानों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा. उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्युरिटी फोर्स (UPSSF) का नेतृत्व एडीजी स्तर के आईपीएस करेंगे. फिलहाल ADG PAC एस. प्रताप कुमार इसका नेतृत्व कर रहे हैं और इसका मुख्यालय लखनऊ में है.
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बिना वारंट के गिरफ्तार करने की अनुमति: शुरुआत में UPSSF के लिए पांच बटालियनों का गठन किया गया है. तलाशी अभियान चलाने या गिरफ्तारी के लिए इस फोर्स को मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट की आवश्यकता नहीं होगी. यानी विशेष परिस्थितियों में इस फोर्स को बिना वारंट गिरफ्तार करने की शक्ति होगी. यह शक्तियां राज्य सरकार की तरफ से बनाए गए नियमों के एक समूह के जरिए शासित होंगी.
क्यों हुआ था UPSSF का गठन: दरअसल, उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) का गठन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों के आधार हुआ है. HC ने दिसंबर 2019 में बिजनौर और मुजफ्फरनगर की अदालतों में गोलीबारी की घटनाओं को लेकर सिविल अदालतों में सुरक्षा पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. अदालत ने राज्य सरकार को अदालत परिसर में सुरक्षा के लिए एक विशेष बल गठन करने का निर्देश दिया था. 26 जून 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बल के गठन की घोषणा की, जिसे राज्य मंत्रिमंडल ने पारित किया था.
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