लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के वर्तमान में 115 डिपो हैं. अब जर्जर हो चुके डिपो को नए सिरे से बनाने की परिवहन निगम में तैयारी की है. कार्यशालाओं को अत्याधुनिक किया जा रहा है. बसों की मरम्मत से लेकर कार्यशाला के पुनर्निर्माण के लिए बजट भी आवंटित किया गया है. कार्यशालाओं का कायाकल्प हो रहा है. अब परिवहन निगम की कार्यशालाओं को डेवलप करने का काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) करेगा. आठ डिपो एनएचएआई को सौंपे जाएंगे. यह डिपो उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम नहीं बनाएगा, बल्कि एनएचएआई बनाएगा. उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया है कि आठ डिपो का निर्माण परिवहन निगम के बजाय एनएचएआई करेगा. यह सभी डिपो अत्याधुनिक होंगे.
उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम की बात करें तो वर्तमान में परिवहन निगम के 20 रीजन हैं जिनमें हर रीजन की अपनी रीजनल कार्यशाला है. इसके अलावा सभी रीजन के कुल 115 डिपो हैं. कार्यशाला में बसों की मरम्मत और रखरखाव के साथ बसों से जुड़े अन्य काम होते हैं. परिवहन निगम में कार सेक्शन को मिलाकर 115 डिपो वर्तमान में संचालित है. यह सभी डिपो जर्जर हो चुके हैं. लिहाजा, इन सभी डिपो को फिर से रिनोवेट किया जा रहा है. कार्यशाला की दीवारों के साथ ही अत्याधुनिक उपकरण वर्कशॉप में लगाए जा रहे हैं. सीसीटीवी से सभी वर्कशॉप को लैस किया जाएगा. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी लगातार डिपो को अत्याधुनिक बनाए जाने पर जोर दे रहे हैं. अब उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी कहा है कि सभी कार्यशाला में बसों का बेहतर मेंटेनेंस हो सके. मेंटेनेंस पर नजर रखी जा सके, इसके लिए कार्यशाला को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है. जर्जर कार्यशालाओं को मेंटेन किया जा रहा है. इसके अलावा परिवहन मंत्री ने बताया कि अब आठ वर्कशॉप को अत्याधुनिक बनाने का काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया करेगी.
परिवहन निगम के परिक्षेत्र. क्या कहते हैं अधिकारी : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (आईटी) यजुवेंद्र कुमार का कहना है कि अभी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) की ओर से फाइनल लिस्ट नहीं आई है. अगले हफ्ते तक कंफर्म हो जाएगा कि किन आठ डिपो का निर्माण एनएचएआई की तरफ से किया जाएगा.
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