लखनऊः कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के 3 महीने बाद एक बार फिर परिवहन विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं. रविवार की पूरी रात अभियान चलाकर लखनऊ की सीमा से जयपुर और बिहार से दिल्ली तक के लिए जाने वाली अवैध बसों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. सड़क पर अवैध बस के साथ सक्रिय हुए डग्गामार संचालकों के खिलाफ अधिकारियों की सक्रियता से अवैध वाहन संचालकों में हड़कंप गया है.
परिवहन आयुक्त के निर्देश पर 28 जून की रात से 29 जून के सुबह तक चले विशेष चेकिंग अभियान में परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अधिकारियों ने मोटर यान अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए 6 वाहनों को पीजीआई थाने में बंद कराया और 28 वाहनों का चालान कर दिया.
दिल्ली और जयपुर रूट की भी बसें शामिल
UPSRTC के साथ ज्वाइंट चेकिंग में प्रवर्तन की कार्रवाई के दौरान अनाधिकृत रूप से संचालित वाहनों में बैठे हुए यात्रियों को बसों से उतारकर परिवहन निगम की बसों से उनके गंतव्य स्थान को रवाना किया गया. जो बसें बंद की गईं उनमें बिहार से दिल्ली, गोरखपुर से दिल्ली और लखनऊ से जयपुर, जयपुर से लखीमपुर और लखनऊ से दिल्ली रूट की बसें शामिल हैं.
अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल
रोडवेज की तुलना में कम किराए के साथ ही लग्जरी बसों को देखकर यात्री इन्हीं बसों से अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाते हैं. कई बार डग्गामार वाहन चालकों के खिलाफ परिवहन विभाग की तरफ से कार्रवाई भी हुई और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल भी उठे.
सवाल ये कि हजारों किलोमीटर की यात्रा आराम से तय करने वाली बसें आखिर अधिकारियों की नजर से बच कैसे जाती हैं? आरोप यहां तक लगते रहे हैं कि अधिकारी कमीशन खाकर अवैध बसों को सड़क पर संचालित होने के लिए हरी झंडी दे देते हैं. फिलहाल लखनऊ की प्रवर्तन टीम ने विशेष अभियान में विशेष कार्रवाई करते हुए तमाम बसों को ठिकाने लगाया है.
इन अधिकारियों ने की कार्रवाई
प्रवर्तन कार्रवाई में संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विदिशा सिंह, संभागीय परिवहन अधिकारी संजीव गुप्ता, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी राघवेंद्र सिंह और सिद्धार्थ यादव, यात्री कार अधिकारी आशुतोष उपाध्याय और रवि त्यागी ने चेकिंग के दौरान इन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की.