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नई कास्ट डाटा बुक तैयार कर रहा यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन, नियामक आयोग में जल्द दाखिल होगा प्रस्ताव

नई कास्ट डाटाबुक को उपयोगी और उपभोक्ता हित में बनाए जाने पर पाॅवर काॅरपोरेशन के अधिकारी एक्सपर्ट से विचार-विमर्श कर रहे हैं. उसके आधार पर प्रस्तावित कास्ट डाटा बुक में जरूरी संशोधन कर उसे आयोग में दाखिल किया जाएगा.

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Published : May 15, 2023, 11:06 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन और बिजली कंपनियों की तरफ से आने वाले समय में बिजली कनेक्शन और उपभोक्ता सामग्री की दरों के आधार पर नई कॉस्ट डाटा बुक तैयार करने का प्लान है. बता दें, बीती 25 जनवरी को विद्युत नियामक आयोग में नई कॉस्ट डाटा बुक को लेकर चेयरमैन आरपी सिंह की अध्यक्षता में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक हुई थी. इसके बाद कनेक्शन की दरों में प्रस्तावित 15 से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी के प्रस्ताव को आयोग ने पाॅवर काॅरपोरेशन को वापस भेजते हुए उसे और तर्कसंगत बनाने का निर्देश दिया था. आदेश दिया था कि पाॅवर काॅरपोरेशन व उपभोक्ता परिषद इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर पहले आपस में विचार विमर्श कर लें और जो भी उपभोक्ता हित में हो और ऊर्जा निगमों सहित प्रदेश के उपभोक्ताओं के हितों को आगे बढ़ाने में सहायक हो उसको नई कॉस्ट डाटा बुक में शामिल करते हुए आयोग के सामने ले आए. पाॅवर काॅरपोरेशन और उपभोक्ता परिषद के बीच सोमवार को आपस में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई.

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि नई कॉस्ट डाटाबुक में किसानों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि वर्तमान में सब्सिडी के आधार पर किसानों को ट्रांसफार्मर की सुविधा नहीं मिल पा रही है. इसलिए दूसरे राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी 16 केवीए के ट्रांसफार्मर भी थ्री फेज खरीदे जाएं. पांच हॉर्स पाॅवर से लेकर सात हॉर्स पाॅवर वाले उपभोक्ताओं को इन कैपेसिटी के ट्रांसफार्मर अभी विभाग में थ्री फेज न खरीदे जाने की वजह से 25 केवीए का ट्रांसफार्मर का खर्च उठाना पडता है, जो ठीक नहीं है. अब जो नई कॉस्ट डाटाबुक बनाई जाए उसमें जीएसटी की दरों को शामिल न किया जाए. जीएसटी की दरों को नियमानुसार क्षेत्रीय अभियंता अपने स्तर से उसमें शामिल करें. क्षेत्रीय अभियंता कहीं डबल कहीं ट्रिपल जीएसटी वसूलते हैं.

उपभोक्ता परिषद ने यह भी कहा क्योंकि वर्तमान में नया कनेक्शन देने का अभियान चल रहा है. इसलिए खास तौर पर एक किलोवाॅट से पांच किलोवाॅट तक के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं और किसानों की कनेक्शन की दरों को पहले की ही तरह रखा जाए. ऐसा प्रस्ताव बनाए जाने से कनेक्शन अभियान और जोर पकड़ेगा. उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग की तरफ से 2014 में पारित एक आदेश भी पाॅवर काॅरपोरेशन को सौंपा. जिसमें जब वर्ष 2014 में पाॅवर काॅरपोरेशन कनेक्शन दो अभियान चला रहा था. उसी बीच कॉस्ट डाटा बुक की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था. जिसे विद्युत नियामक आयोग ने पाॅवर काॅरपोरेशन को वापस कर दिया था. एक तरफ पाॅवर काॅरपोरेशन कनेक्शन दो अभियान चला रहा है और दूसरी तरफ दरों में बढ़ोतरी की बात कर रहा है. इससे उपभोक्ताओं के साथ आपसी विश्वसनीयता पर सवाल उठेगा. इसलिए दरों को कम किया जाए. उसी आधार पर वर्तमान में भी दरों में कम किए जाने की जरूरत है.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि समय-समय पर प्राधिकरण बिजली कंपनियों के निचले स्तर के अभियंताओं को निर्देश देते हैं कि यह कनेक्शन नियम विरुद्ध है या अन्य कोई आदेश इस पर प्राधिकरण को यदि कोई आपत्ति है तो वह आयोग के सामने आए और कानून में रिविजिट की मांग करें, लेकिन वह किसी क्षेत्रीय अभियंता को अपने स्तर से निर्देश न दें, यह भी प्रावधान किया जाए. उपभोक्ता परिषद ने कहा कि वर्तमान में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें ही कॉस्ट डेटा बुक में दी जाएं. पाॅवर काॅरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि उपभोक्ताओं और विभाग के हित में नई कॉस्ट डाटाबुक को इस आधार पर तैयार किया जा रहा है कि किसी भी उपभोक्ता का उत्पीडन न होने पाए. बिजली कंपनियों का भी कोई नुकसान ना हो. नई कॉस्ट डाटाबुक को आपसी चर्चा के आधार पर जो भी जरूरी संशोधन होगा उसके आधार पर संशोधन कर जल्द ही विद्युत नियामक आयोग में प्रस्तावित कॉस्ट डाटा बुक को दाखिल किया जाएगा. आगे विद्युत नियामक आयोग को फैसला लेना होगा और फिर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड सब कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी.


यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव के सपनों पर अमेठी में फिरा पानी, निकाय चुनाव 2023 में मुख्य मुकाबले में ही नहीं दिखी सपा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन और बिजली कंपनियों की तरफ से आने वाले समय में बिजली कनेक्शन और उपभोक्ता सामग्री की दरों के आधार पर नई कॉस्ट डाटा बुक तैयार करने का प्लान है. बता दें, बीती 25 जनवरी को विद्युत नियामक आयोग में नई कॉस्ट डाटा बुक को लेकर चेयरमैन आरपी सिंह की अध्यक्षता में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक हुई थी. इसके बाद कनेक्शन की दरों में प्रस्तावित 15 से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी के प्रस्ताव को आयोग ने पाॅवर काॅरपोरेशन को वापस भेजते हुए उसे और तर्कसंगत बनाने का निर्देश दिया था. आदेश दिया था कि पाॅवर काॅरपोरेशन व उपभोक्ता परिषद इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर पहले आपस में विचार विमर्श कर लें और जो भी उपभोक्ता हित में हो और ऊर्जा निगमों सहित प्रदेश के उपभोक्ताओं के हितों को आगे बढ़ाने में सहायक हो उसको नई कॉस्ट डाटा बुक में शामिल करते हुए आयोग के सामने ले आए. पाॅवर काॅरपोरेशन और उपभोक्ता परिषद के बीच सोमवार को आपस में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई.

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि नई कॉस्ट डाटाबुक में किसानों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि वर्तमान में सब्सिडी के आधार पर किसानों को ट्रांसफार्मर की सुविधा नहीं मिल पा रही है. इसलिए दूसरे राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी 16 केवीए के ट्रांसफार्मर भी थ्री फेज खरीदे जाएं. पांच हॉर्स पाॅवर से लेकर सात हॉर्स पाॅवर वाले उपभोक्ताओं को इन कैपेसिटी के ट्रांसफार्मर अभी विभाग में थ्री फेज न खरीदे जाने की वजह से 25 केवीए का ट्रांसफार्मर का खर्च उठाना पडता है, जो ठीक नहीं है. अब जो नई कॉस्ट डाटाबुक बनाई जाए उसमें जीएसटी की दरों को शामिल न किया जाए. जीएसटी की दरों को नियमानुसार क्षेत्रीय अभियंता अपने स्तर से उसमें शामिल करें. क्षेत्रीय अभियंता कहीं डबल कहीं ट्रिपल जीएसटी वसूलते हैं.

उपभोक्ता परिषद ने यह भी कहा क्योंकि वर्तमान में नया कनेक्शन देने का अभियान चल रहा है. इसलिए खास तौर पर एक किलोवाॅट से पांच किलोवाॅट तक के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं और किसानों की कनेक्शन की दरों को पहले की ही तरह रखा जाए. ऐसा प्रस्ताव बनाए जाने से कनेक्शन अभियान और जोर पकड़ेगा. उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग की तरफ से 2014 में पारित एक आदेश भी पाॅवर काॅरपोरेशन को सौंपा. जिसमें जब वर्ष 2014 में पाॅवर काॅरपोरेशन कनेक्शन दो अभियान चला रहा था. उसी बीच कॉस्ट डाटा बुक की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था. जिसे विद्युत नियामक आयोग ने पाॅवर काॅरपोरेशन को वापस कर दिया था. एक तरफ पाॅवर काॅरपोरेशन कनेक्शन दो अभियान चला रहा है और दूसरी तरफ दरों में बढ़ोतरी की बात कर रहा है. इससे उपभोक्ताओं के साथ आपसी विश्वसनीयता पर सवाल उठेगा. इसलिए दरों को कम किया जाए. उसी आधार पर वर्तमान में भी दरों में कम किए जाने की जरूरत है.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि समय-समय पर प्राधिकरण बिजली कंपनियों के निचले स्तर के अभियंताओं को निर्देश देते हैं कि यह कनेक्शन नियम विरुद्ध है या अन्य कोई आदेश इस पर प्राधिकरण को यदि कोई आपत्ति है तो वह आयोग के सामने आए और कानून में रिविजिट की मांग करें, लेकिन वह किसी क्षेत्रीय अभियंता को अपने स्तर से निर्देश न दें, यह भी प्रावधान किया जाए. उपभोक्ता परिषद ने कहा कि वर्तमान में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें ही कॉस्ट डेटा बुक में दी जाएं. पाॅवर काॅरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि उपभोक्ताओं और विभाग के हित में नई कॉस्ट डाटाबुक को इस आधार पर तैयार किया जा रहा है कि किसी भी उपभोक्ता का उत्पीडन न होने पाए. बिजली कंपनियों का भी कोई नुकसान ना हो. नई कॉस्ट डाटाबुक को आपसी चर्चा के आधार पर जो भी जरूरी संशोधन होगा उसके आधार पर संशोधन कर जल्द ही विद्युत नियामक आयोग में प्रस्तावित कॉस्ट डाटा बुक को दाखिल किया जाएगा. आगे विद्युत नियामक आयोग को फैसला लेना होगा और फिर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड सब कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी.


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