लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल की नेत्र ओपीडी में बुधवार दोपहर को मरीजों और तीमारदारों ने हंगामा कर दिया. मरीजों का आरोप है कि ओपीडी से नेत्र रोग के डॉक्टर समय से पहले ही चले गए, जबकि मरीज आंखों में दवा डाले हुए बैठे रहे. वहां मौजूद कर्मचारियों ने किसी तरह से मरीजों को शांत कराया. उन्हें आश्वस्त किया कि अगले दिन ओपीडी में उन्हें प्राथमिकता पर दिखाया जाएगा. तब जाकर लोग शांत हुए.
डालीगंज की कुसुम सिंह के मुताबिक, वह सुबह बलरामपुर ओपीडी गई थीं. पहले तो पर्चा बनवाने में उन्हें करीब आधे घंटे लग गए. बाद में वह नेत्र ओपीडी कमरा नंबर 107 में पहुंचीं, जहां पर डॉक्टर ने देखा और दवा डालने के लिए भेज दिया. जब आंख में दवा डाले जाने का समय पूरा हो गया तो वह डॉक्टर के कमरे में गईं, वहां पर उन्हें डॉक्टर मौजूद नहीं मिले. यही हाल बहराइच जेहटा से आईं सफीकुन, फैजुल्लागंज की अमृता श्रीवास्तव, आलमबाग प्रेम नगर की सीतांजलि, निशातगंज की अमरीन समेत अन्य के साथ हुआ. काफी देर तक तो मरीज और तीमारदार डॉक्टर का इंतजार करते रहे. मरीजों का आरोप है कि कई बार पूछने पर भी कमरे में बैठे लोग डॉक्टर के आने के बारे में सही जानकारी नहीं दे सके. आरोप है कि कमरे से डॉक्टर डेढ़ बजे ही चले गए. जब किसी ने कोई सही जानकारी नहीं दी तो आक्रोशित तीमारदारों व मरीजों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस मामले में अस्पताल के निदेशक जीपी गुप्ता का कहना है कि 'हंगामे की जानकारी नहीं है. यदि डॉक्टर ओपीडी में समय से पहले कमरे से चले गए तो इस मामले में पूछताछ की जाएगी.'
अब मरीजों को मिलेगी अस्पताल में यह सुविधा : बलरामपुर अस्पताल में दिल के गंभीर मरीजों को इलाज मिलेगा. एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की सुविधा भी मरीजों को मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए अस्पताल में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप) मॉडल पर कैथ लैब स्थापित की जाएगी. इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है. अभी केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान में दिल के मरीजों की एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की सुविधा है. इन अस्पतालों में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. ऐसे में इन अस्पतालों में मरीजों का जबरदस्त दबाव है. मरीजों को जांच व इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मरीजों को समय पर इलाज हासिल करने में अड़चन आ रही है. दिल का दौरा पड़ने या दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों को बलरामपुर अस्पताल में इलाज मिलेगा.
अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि 'पीपीपी मॉडल पर कैथ लैब स्थापित की जाएगी. उन्होंने बताया कि डायलिसिस यूनिट की भांति कैथ लैब का संचालन होगा. विशेषज्ञ डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ प्राइवेट संस्था के होंगे. अस्पताल प्रशासन को स्थान, बिजली, पानी समेत दूसरे संसाधन जुटाने होंगे. उन्होंने बताया कि अभी आठ बेड का कॉर्डियक आईसीयू का संचालन हो रहा है. हार्ट अटैक समेत दिल की दूसरी बीमारी का पता लगाने के लिए खून की टॉप्टी समेत जांच की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी. इससे बड़े मेडिकल संस्थानों से मरीजों का दबाव भी कम होगा.'
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