लखनऊः विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन बाधित रही. विधान मंडल के बजट सत्र के दौरान बुधवार को विधान परिषद में कार्यवाही शुरू होते भारी हंगामा मच गया. मंगलवार को ध्वनिमत से कई विधेयक पारित कराए जाने के खिलाफ समाजवादी पार्टी के सदस्य वेल में आकर धरने पर बैठ गए. बसपा और कांग्रेस के सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े होकर सपा के समर्थन में दिखे. इस वजह से सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी.
वेल में सपा सदस्यों की नारेबाजी
सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह को सपा सदस्यों के लगातार वेल में बैठे रहने के कारण कार्यवाही को कई चरण में पांच घंटे 50 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा. सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, तो समाजवादी पार्टी के सदस्य राजेश यादव, राजपाल कश्यप, उदयवीर सिंह, आनन्द भदौरिया, संजय लाठर, अमित सिंह, परवेज, लीलावती कुशवाहा, राम सुन्दर दास निषाद, रमा निरंजन समेत अधिकांश सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. सपा सदस्य सभापति वापस जाओ, लोकतंत्र की हत्या बंद करो जैसे नारे लगा रहे थे.
सपा सदस्यों ने किया विरोध
वहीं शिक्षक दल, कांग्रेस, बसपा और निर्दल समूह के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर सपा सदस्यों के विरोध का समर्थन कर रहे थे. वेल में बैठे सपा सदस्यों का आरोप था कि कार्य परामर्शदात्री समिति में सभापति ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2021 को बुधवार को सदन में प्रस्तुत किये जाने पर सहमति दी थी. लेकिन सदन में कार्य एजेंडा की सूची में पहले स्थान पर मौजूद संबंधित विधेयक के स्थान पर क्रम संख्या से 2 से सात तक के विधेयकों को पारित कराया गया. इसके बाद अचानक उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक को भी पारित करने की घोषणा भी सभापति ने कर दी. जिसे सरकार ने प्रस्तुत ही नहीं किया था. ऐसे में उक्त विधेयक का पारित होना नियमों के विरूद्ध है.