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मौसम विज्ञान विभाग डायरेक्टर महापात्रा बोले- उत्तर प्रदेश की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए करेंगे योगदान

भारत मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि वेदर क्लाइमेट इंफॉर्मेशन को भागीदार बनाना उनका लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वे लोग भी योगदान करेंगे.

निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा
निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा
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Published : Nov 3, 2022, 10:34 AM IST

लखनऊ: भारत मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ उत्तर प्रदेश सरकार को ज्यादा से ज्यादा वेदर और क्लाइमेट सर्विस प्रदान की जाए. उत्तर प्रदेश में जितनी आपदा आती हैं उनका अच्छे से निरीक्षण किया जाए, पूर्वानुमान किया जाए, जिससे जानमाल का जो नुकसान हो रहा है उसे कम किया जाए. इसके साथ-साथ अभी कोई ऐसा सेक्टर नहीं बचा है, जहां वेदर और क्लाइमेट का इस्तेमाल नहीं होता है. उत्तर प्रदेश में जो इस समय सोशियो इकोनामिक प्रोग्रेस चल रही है, इसमें वेदर क्लाइमेट इंफॉर्मेशन को भागीदार बनाना उनका लक्ष्य है. इसको भागीदार बनाकर उत्तर प्रदेश की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वे लोग भी योगदान करेंगे.

निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि मौसम व जलवायु की जो जानकारी वे लोग देते रहते हैं. उसमें वे लोग प्रयासरत है कि इसे जनता के बीच अच्छी तरह से पहुंचा सकें. उसके लिए उत्तर प्रदेश के अंतर्गत जो वेदर से संबंधित इंस्ट्रूमेंट हैं उनको और बढ़ाना चाहिए. इसकी मॉडलिंग और फोरकास्टिंग को और बढ़ाना होगा.

निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा से बातचीत.

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री का निर्देश, शत्रु संपत्ति से अतिक्रमण हटाने को चलाएं अभियान

वेदर व क्लाइमेट का प्रयोग आज सभी सेक्टरों में जैसे पावर सेक्टर, विमानपत्तन सेक्टर, कृषि सेक्टर, टूरिज्म सेक्टर और गैर परंपरागत ऊर्जा क्षेत्रों में हो रहा है. उसके लिए हम उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश और भारत मौसम विज्ञान विभाग मिलकर ऑब्जरवेशन सिस्टम को बढ़ाएंगे. भारत मौसम विज्ञान उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर उत्तर प्रदेश के आर्थिक क्षेत्र में विकास करने के लिए भी प्रयासरत है.


लखनऊ: भारत मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ उत्तर प्रदेश सरकार को ज्यादा से ज्यादा वेदर और क्लाइमेट सर्विस प्रदान की जाए. उत्तर प्रदेश में जितनी आपदा आती हैं उनका अच्छे से निरीक्षण किया जाए, पूर्वानुमान किया जाए, जिससे जानमाल का जो नुकसान हो रहा है उसे कम किया जाए. इसके साथ-साथ अभी कोई ऐसा सेक्टर नहीं बचा है, जहां वेदर और क्लाइमेट का इस्तेमाल नहीं होता है. उत्तर प्रदेश में जो इस समय सोशियो इकोनामिक प्रोग्रेस चल रही है, इसमें वेदर क्लाइमेट इंफॉर्मेशन को भागीदार बनाना उनका लक्ष्य है. इसको भागीदार बनाकर उत्तर प्रदेश की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वे लोग भी योगदान करेंगे.

निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि मौसम व जलवायु की जो जानकारी वे लोग देते रहते हैं. उसमें वे लोग प्रयासरत है कि इसे जनता के बीच अच्छी तरह से पहुंचा सकें. उसके लिए उत्तर प्रदेश के अंतर्गत जो वेदर से संबंधित इंस्ट्रूमेंट हैं उनको और बढ़ाना चाहिए. इसकी मॉडलिंग और फोरकास्टिंग को और बढ़ाना होगा.

निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा से बातचीत.

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वेदर व क्लाइमेट का प्रयोग आज सभी सेक्टरों में जैसे पावर सेक्टर, विमानपत्तन सेक्टर, कृषि सेक्टर, टूरिज्म सेक्टर और गैर परंपरागत ऊर्जा क्षेत्रों में हो रहा है. उसके लिए हम उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश और भारत मौसम विज्ञान विभाग मिलकर ऑब्जरवेशन सिस्टम को बढ़ाएंगे. भारत मौसम विज्ञान उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर उत्तर प्रदेश के आर्थिक क्षेत्र में विकास करने के लिए भी प्रयासरत है.


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