लखनऊ : लगातार आम आदमी का बजट बिगड़ता जा रहा है, चाहे सब्जियां हो या फिर अनाज. खेत से किचन तक पहुंचने की प्रक्रिया में इनके दाम जमीन से आसमान तक पहुंच जाते हैं. खेत से लेकर मंडी व लोगों तक पहुंचने में सब्जियों और अनाज के दाम कई गुना बढ़ जाते हैं. आइये जानते हैं 3 मार्च को क्या रहे सब्जियों के दाम.
उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो यहां पर मंडी समितियों में किसान के सामान पर 2.5 परसेंट लिया जाता था और आढ़ती भी अपना 2.5 परसेंट लेता है, यानी समान का कुल दाम का 5 प्रतिशत दाम अपने आप बढ़ जाता है. किसानों को सहूलियत देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडी समिति के 2.5 प्रतिशत को कम करके 1.5 प्रतिशत कर दिया है. यानी कि किसानों को अब कुल दाम का 5 प्रतिशत की जगह 4 प्रतिशत ही देना होता है. इसके बावजूद खेत से निकलने वाला सामान जब आम जनता के किचन तक पहुंचता है तो उसका दाम आसमान तक पहुंच जाता है. मंडी समितियों में किसान के अनाज को बड़े और थोक विक्रेता व्यापारियों को बेचा जाता है और उनके साथ-साथ फुटकर व्यापारी भी सामान लेकर जाते हैं जो अपने ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा और साथ-साथ सामान को बेचने की पैकेजिंग के साथ सामान का दाम वसूल करते हैं.
ऐसे बढ़ जाते हैं दाम : मंडी के आढ़ती एसपी यादव से बातचीत करते हुए बताया कि किसान जब अपने सामान को लेकर मंडी पहुंचता है तो वह उसमें खेत में लगने वाले दाम, लेबर का पैसा और मंडी तक लाने का शुल्क सभी जोड़कर यहां पहुंचाता है, यहां पर किसानों से आढ़ती ढाई परसेंट लेते हैं और मंडी समिति डेढ़ परसेंट लेती है, जिसके बाद सामान के दाम बढ़ने लगते हैं.
सब्जियों के भाव प्रति किलो (मंडी भाव)
टमाटर- 8
मटर- 22
नीम्बू- 80
बैंगन- 12
गाजर- 9
सेम- 30
शिमला मिर्च- 25
धनिया- 30
बंद गोभी 10
भिडी- 60
अदरक-40
लौकी- 30
प्याज-18
खीरा- 15
कद्दू- 20
फूल गोभी-10
आलू नया- 7
आलू पुराना-9
पालक-20
करेला-40
तोरई- 50
लहसुन- 60
परवल-80
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