लखनऊः उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET)-2021 पेपर लीक कांड में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय की गिरफ्तारी हो गई है. अब जांच के घेरे में कई बड़े अफसर और सफेदपोश भी हैं. एसटीएफ टीम की नजर पर्चा छापने वाली एजेन्सी आरएसएम लि. के मालिक राय अनूप प्रसाद के पॉलिटिकल कनेक्शन पर है. सचिव से लेकर प्रिंटिंग प्रेस के मालिक का मोबाइल फोन और उससे जुड़े नम्बर खंगाल रहे हैं. हर वो नम्बर सर्विलांस पर है, जिनसे इन लोगों ने 26-27 नवम्बर की रात और 28 नवम्बर को परीक्षा शुरू होने से पहले तक बात की थी.
एसटीएफ ने बताया कि अब तक करीब 800 मोबाइल नम्बर सर्विलांस पर लिये जा चुके हैं. इनमें, कई नम्बर अब बंद आ रहे हैं. ऐसे नम्बरों को भी खंगाला जा रहा है. सूत्रों की मानें तो, अभी तक सचिव से लेकर सॉल्वर तक जो भी गिरफ्तारियों हुई हैं वह सिर्फ मोहरें हैं. जिन नेटवर्किंग के साथ इस खेल को अंजाम देने की कोशिश की जा रही थी, उससे साफ है कि इसके पीछे कोई बड़ा मास्टर माइंड है.
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) बीती 28 नवम्बर यानी रविवार को कराई जानी थी, लेकिन पेपर लीक होने के कारण इसे कैंसिल कर दिया गया. करीब 21 लाख अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था. पेपर लीक होने के कारण योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई है. चुनावी माहौल में मुद्दा तलाश रहे विपक्ष को बैठे बिठाए मसाला मिल गया. योगी सरकार पर जमकर हमला किए गए. इन हालातों में योगी भी इस मामले पर भड़के हुए हैं. साफ कर दिया है कि इस कांड में शामिल किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा.
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एक दिन पहले बुलाए गए 80 सॉल्वर
एसटीएफ की अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि सॉल्वर गैंग को यह पूरी तरह से पता था कि पेपर लीक हो जाएगा. ऐसे में सरगना सत्य प्रकाश और उसके तीन अन्य साथियों ने पहले ही पूरी नेटवर्क तैयार कर लिया था. इसीलिए परीक्षा से 1-2 दिन पहले ही सॉल्वर बुला लिए गए थे. सॉल्वर टैक्सी, फ्लाइट, ट्रेन से कैसे पहुंचेंगे ? कहां रुकेंगे ? कैसे कहां सॉल्वर बैठाना है ? जिसकी जगह पर बैठाया जा रहा है उससे पूरा पेमेंट परीक्षा के बाद कैसे लेना है? यह सब पहले से तय कर लिया गया था.
प्रयागराज, बागपत, शामली, लखनऊ, शाहजहांपुर, मेरठ, वाराणसी, बाराबंकी, अयोध्या, बरेली में सबसे अधिक सॉल्वर बुलाये गये थे. बिहार व दिल्ली में एक कोचिंग के अलावा दो स्कूलों से भी शिक्षकों को बुलाया गया था. इन्हें सॉल्वर बनने के लिए सबसे ज्यादा 60 से 70 हजार रुपये दिए गए. जबकि, अन्य को 25 से 30 हजार रुपये दिए गए.
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