लखनऊ: जनपद में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए करीब 5 महीने से महिलाएं धरने पर बैठीं हैं. लेकिन, किसी अधिकार ने उनकी सुध तक नहीं ली है. शिक्षक भर्ती प्रक्रिया (Up teachers recruitment) में चयनित 6800 अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी है. लेकिन, उन्हें नियुक्ति नहीं मिल रही हैं.
बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) की ओर से आयोजित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया (Up teachers recruitment) में 6800 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था. लेकिन, इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई. इसी के चलते 20 जून 2021 को पहली बार महिलाओं ने धरना प्रदर्शन किया था. उसके बाद भी मुख्यमंत्री योगी से महिलाओं की मुलाकात नहीं हुई थी.
महिलाओं का कहना है कि पहले चुनाव के नाम पर नियुक्ति प्रक्रिया को टालते रहे. अब चुनाव होने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. बता दें कि, चयनित अभ्यर्थियों की सूची जनवरी में जारी की गई थी. उसके बाद भी महिलाओं को धरने पर बैठे 5 महीने से ज्यादा का समय हो गया है. लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी या मंत्री ने ध्यान नहीं दिया. साथ ही महिलाओं ने पुलिस पर लाठी-डंडें मारने का आरोप भी लगाया है.
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लखनऊ बीकेटी की प्रदर्शनकारी प्रियंका यादव ने कहा कि शिक्षा मंत्री संदीप सिंह (Minister sandeep singh) से कई बार मुलाकात हुई. प्रियंका ने अपनी समस्या मंत्री जी के सामने रखी. लेकिन उसका कोई समाधान अभी तक नहीं हो पाया.
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education department) की तरफ से सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए 69000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी. साल 2018 में आवेदन की यह प्रक्रिया शुरू हुई. 2019 में परीक्षा अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की. उसके बाद जनवरी 2022 में आरक्षित श्रेणी के 6800 चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई. लेकिन अभी तक इन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है.वहीं, इसके चलते अभ्यर्थियों की तरफ से लगातार विरोध प्रदर्शन और धरना दिया जा रहा है.
अभ्यर्थियों की कहना है कि कई बार विभागीय अधिकारियों से मिल चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. सभी अभ्यर्थियों की मांग है कि जनवरी 2022 में जारी की गई सूची के अनुसार उन्हें नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाए.
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