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एडवांस कंप्यूटिंग, एआई और रोबोटिक्स सीखेंगे आईआईटी मंडी में यूपी के छात्र

लखनऊ से हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी के लिए उत्तर प्रदेश के 100 विद्यार्थियों और 100 शिक्षकों का एक ग्रुप शुक्रवार को रवाना हुआ.

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Published : Jun 2, 2023, 11:06 PM IST

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के विद्यार्थी अब आईआईटी जैसे देश के प्रख्यात औद्योगिक शिक्षण संस्थानों से जुड़कर नए और रोजगारपरक विषयों का हिस्सा बन सकेंगे. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के 100 विद्यार्थियों और 100 शिक्षकों का एक ग्रुप शुक्रवार को लखनऊ से हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी के लिए रवाना हुआ. यह ग्रुप 5 जून से 5 जुलाई तक न्यू एज यानी मॉडर्न टेक्नोलॉजी वाले विषयों का अध्ययन करेगा. समर कोर्स का हिस्सा बने इन विद्यार्थियों को इस नए एज कोर्ट के माध्यम से देश और दुनिया में रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे तो वहीं अध्ययन करने वाले शिक्षक दूसरे विद्यार्थियों को इन कोर्सेज के जरिए लाभान्वित कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें प्रदेश में मास्टर ट्रेनर के तौर पर नियुक्त किया जाएगा. आईआईटी में शिक्षक और छात्र मिलकर एडवांस कम्प्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स पर प्रशिक्षण लेंगे. कौशल विकास मिशन के एमडी आंद्रा वामसी ने हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया. विश्व बैंक की मदद से माध्यमिक शिक्षा विभाग अपने बच्चों और शिक्षकों को मॉर्डन टेक्नोलॉजी सिखाने जा रहा है. आईटीआई और माध्यमिक शिक्षा में ऐसा पहली बार हुआ है जब शिक्षकों के अलावा छात्रों को भी प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है. इस प्रशिक्षण से अब स्कूली बच्चे भी हुनरमंद बनेंगे.

200 छात्र-शिक्षक का दल हुआ रवाना : इसके लिए आईआईटी के कौशल विकास मिशन और माध्यमिक शिक्षा के बीच एक एमओयू साइन हुआ था. इसके बाद छात्रों का चयन करने के लिए आईआईटी की ओर से एक ऑनलाइन परीक्षा कराई गई. पूरे प्रदेश से विज्ञान विषय से 12वीं पास छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया. इसके बाद मेरिट के आधार पर इनका चयन हुआ. इसमें लखनऊ से जुबली इंटर कॉलेज के 12वीं के छात्र जितेश, सिद्धार्थ और शिक्षक में जुबली के भौतिक विज्ञान के डॉ. अरविंद कुमार वर्मा चुने गए. उधर, माध्यमिक शिक्षा से 50 शिक्षक और 50 विद्यार्थियों को चुना गया, जबकि, आईटीआई से 50 शिक्षक और 50 छात्र चुने गए.

शिक्षक बनेंगे मास्टर ट्रेनर, शुरू होंगे नए कोर्स : कौशल विकास मिशन के एमडी अंद्रे वामसी की मानें तो 'प्रशिक्षण के बाद लौटने वाले शिक्षक मास्टर ट्रेनर बनेंगे और अन्य को सिखाने का काम करेंगे. प्रशिक्षण के बाद माध्यमिक शिक्षा और आईटीआई में इससे नए कोर्स की श्रृंखला को भी जोड़ा जा सकेगा. उधर, जिन छात्रों को ट्रेनिंग मिलेगी, उनके लिए रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे. उन्होंने बताया कि 'आने वाले समय में यूपी के विद्यार्थियों के लिए आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू जैसे संस्थानों से भी इसी तरह के समर कोर्सेज की शुरुआत की जाएगी. कौशल विकास मिशन के तहत इन तकनीकी संस्थाओं के साथ भी एमओयू करने की बातचीत चल रही है. कौशल विकास मिशन विभिन्न निजी कंपनियों के माध्यम से भी यूपी के विद्यार्थियों को नए तरह के कौशल से जोड़ने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में एचसीएल टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियों के साथ भी नए कोर्स शुरू करने के प्रस्ताव पर सहमति जल्द ही बनने वाली है.'

यह भी पढ़ें : मेरठ के शख्स ने 1962 में बनाई थी हस्त निर्मित फोटो स्टेट मशीन, आज भी करती है काम, जानिए खासियत

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के विद्यार्थी अब आईआईटी जैसे देश के प्रख्यात औद्योगिक शिक्षण संस्थानों से जुड़कर नए और रोजगारपरक विषयों का हिस्सा बन सकेंगे. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के 100 विद्यार्थियों और 100 शिक्षकों का एक ग्रुप शुक्रवार को लखनऊ से हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी के लिए रवाना हुआ. यह ग्रुप 5 जून से 5 जुलाई तक न्यू एज यानी मॉडर्न टेक्नोलॉजी वाले विषयों का अध्ययन करेगा. समर कोर्स का हिस्सा बने इन विद्यार्थियों को इस नए एज कोर्ट के माध्यम से देश और दुनिया में रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे तो वहीं अध्ययन करने वाले शिक्षक दूसरे विद्यार्थियों को इन कोर्सेज के जरिए लाभान्वित कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें प्रदेश में मास्टर ट्रेनर के तौर पर नियुक्त किया जाएगा. आईआईटी में शिक्षक और छात्र मिलकर एडवांस कम्प्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स पर प्रशिक्षण लेंगे. कौशल विकास मिशन के एमडी आंद्रा वामसी ने हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया. विश्व बैंक की मदद से माध्यमिक शिक्षा विभाग अपने बच्चों और शिक्षकों को मॉर्डन टेक्नोलॉजी सिखाने जा रहा है. आईटीआई और माध्यमिक शिक्षा में ऐसा पहली बार हुआ है जब शिक्षकों के अलावा छात्रों को भी प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है. इस प्रशिक्षण से अब स्कूली बच्चे भी हुनरमंद बनेंगे.

200 छात्र-शिक्षक का दल हुआ रवाना : इसके लिए आईआईटी के कौशल विकास मिशन और माध्यमिक शिक्षा के बीच एक एमओयू साइन हुआ था. इसके बाद छात्रों का चयन करने के लिए आईआईटी की ओर से एक ऑनलाइन परीक्षा कराई गई. पूरे प्रदेश से विज्ञान विषय से 12वीं पास छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया. इसके बाद मेरिट के आधार पर इनका चयन हुआ. इसमें लखनऊ से जुबली इंटर कॉलेज के 12वीं के छात्र जितेश, सिद्धार्थ और शिक्षक में जुबली के भौतिक विज्ञान के डॉ. अरविंद कुमार वर्मा चुने गए. उधर, माध्यमिक शिक्षा से 50 शिक्षक और 50 विद्यार्थियों को चुना गया, जबकि, आईटीआई से 50 शिक्षक और 50 छात्र चुने गए.

शिक्षक बनेंगे मास्टर ट्रेनर, शुरू होंगे नए कोर्स : कौशल विकास मिशन के एमडी अंद्रे वामसी की मानें तो 'प्रशिक्षण के बाद लौटने वाले शिक्षक मास्टर ट्रेनर बनेंगे और अन्य को सिखाने का काम करेंगे. प्रशिक्षण के बाद माध्यमिक शिक्षा और आईटीआई में इससे नए कोर्स की श्रृंखला को भी जोड़ा जा सकेगा. उधर, जिन छात्रों को ट्रेनिंग मिलेगी, उनके लिए रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे. उन्होंने बताया कि 'आने वाले समय में यूपी के विद्यार्थियों के लिए आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू जैसे संस्थानों से भी इसी तरह के समर कोर्सेज की शुरुआत की जाएगी. कौशल विकास मिशन के तहत इन तकनीकी संस्थाओं के साथ भी एमओयू करने की बातचीत चल रही है. कौशल विकास मिशन विभिन्न निजी कंपनियों के माध्यम से भी यूपी के विद्यार्थियों को नए तरह के कौशल से जोड़ने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में एचसीएल टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियों के साथ भी नए कोर्स शुरू करने के प्रस्ताव पर सहमति जल्द ही बनने वाली है.'

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