लखनऊ : कोरोना की दूसरी लहर से लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं और बचाव का रास्ता ढूंढ रहे हैं. कोरोना महामारी से यूपी की राजधानी लखनऊ की स्थिति लगभग सभी जिलों से ज्यादा गंभीर है. इसी बीच राजधानी में खुलेआम बिक रही नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन का मामला सामने आया है. यूपी STF ने नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन की खेप के साथ एक आरोपी को दबोचा है. एसटीएफ उससे पूछताछ कर रही है. एसटीएफ का दावा है कि जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा.
दरअसल, लखनऊ के एक कारोबारी के परिवार में एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव निकला. हालत बिगड़ने पर कारोबारी ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगाने के लिए एक बिचौलिए के माध्यम से दवा कारोबारी से 25-25 हजार में चार रेमडेसिवीर इंजेक्शन खरीदे. रेमडेसिवीर इंजेक्शन पर किसी कंपनी का नाम नहीं लिखा था. जांच में रेमडेसिवीर इंजेक्शन नकली पाया गया. कारोबारी ने इसकी शिकायत STF के एक अफसर से की. उक्त अफसर ने एक टीम बनाकर पूरे मामले की पड़ताल करने के निर्देश दिए.
सूत्रों का दावा है कि छानबीन में एसटीएफ को नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचने वाले एक बड़े रैकेट की जानकारी मिली है. जो नकली इंजेक्शन का खेप बाजार में खपा रही है. सूत्रों का यहां तक दावा है कि एसटीएफ टीम ने नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद कर एक आरोपी को पकड़ लिया है. हालांकि, एसटीएफ अभी इस रैकेट के खुलासे में जल्दबाजी नहीं करना चाह रही है. फिलहाल एसटीएफ टीम कई लोगों से पूछताछ में जुटी है.
25-30 हजार में मिल रहा रेमडेसिवीर इंजेक्शन
राजधानी में रेमडेसिवीर इंजेक्शन 25 से 30 हजार रुपये में बिक रहा है. इसके बावजूद तीमारदार किसी भी कीमत पर खरीदने को तैयार हैं. रायबरेली रोड निवासी एक पीड़ित व्यवसायी की मानें तो उसने अपनी मां के लिए 25 हजार का इंजेक्शन बाजार से खरीदा. इसके अलावा राजाजीपुरम निवासी पीड़ित ने अपने पिता के लिए 25 हजार में इंजेक्शन खरीदी. कोरोना की दूसरी लहर में बाजार में रेमडेसिवीर की मांग बढ़ गई है. इंजेक्शन की असल कीमत 1200 से 1600 रुपये है, लेकिन कालाबाजारी में यह 25-30 हजार तक में बिक रहा है.
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सीएम ने STF को दिए थे निर्देश
रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए सीएम योगी ने एसटीएफ को नजर रखने के लिए लगाया था. इससे पहले एसटीएफ ने कानपुर और नोएडा में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की खेप पकड़ कर कई लोगों को गिरफ्तार किया था. अभी भी रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए एसटीएफ शिकंजा कस रही है.