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'शादीशुदा महिलाओं को होनी चाहिए अपने अधिकारों की जानकारी' - uttar pradesh news

उप्र राज्य महिला आयोग ने राइट ऑफ मैरिड वूमेन विषय पर एक कार्यशाला आयोजित हुई. इसमें राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने शादीशुदा महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बताया.

राइट ऑफ मैरिड वूमेन विषय पर कार्यशाला
राइट ऑफ मैरिड वूमेन विषय पर कार्यशाला
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Published : Dec 29, 2021, 8:47 PM IST

लखनऊ: उप्र राज्य महिला आयोग (Up State Commission For Women) में बुधवार को राइट ऑफ मैरिड वूमेन (Rights of Married women) विषय पर एक कार्यशाला आयोजित हुई. इस कार्यक्रम का आयोजन उप्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम की अध्यक्षता में किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य मात्र इतना है कि सभी शादीशुदा महिलाएं अपने हक को जानें, पहचानें. क्योंकि ज्यादातर जब भी कोई महिला घरेलू हिंसा की शिकार होती है तो वह खुद पर हो रहे अत्याचार को रोकने की पहल नहीं कर पाती है. वह कहीं न कहीं घर परिवार के चक्कर में पिसती जाती है. कार्यशाला का शुभांरम्भ आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम, उपाध्यक्ष (द्वय) सुषमा सिंह, अंजु चौधरी, सदस्य सचिव अर्चना गहरवार, भगीरथ वर्मा, एचजेएस विशेष कार्याधिकारी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया.

अपने अधिकारों के बारे में हों जागरुक

विमला बाथम ने कहा जब भी कोई पुरुष पहली बार किसी महिला पर आक्रोशित होते हैं या पहली बार हाथ उठाता है तो उसी समय महिला को उसे टोकना या समझाना चाहिए. अगर पुरुष नहीं मानता है तो तुरंत अपने घर परिवार में बताएं. अगर घरवाले भी नहीं समझते हैं तो महिला आयोग और 1090 वूमेन पावर लाइन पर शिकायत दर्ज कराएं लेकिन, कभी अत्याचार न सहें. महिलाओं को अपने अधिकार के बारे में जागरूक होना जरूरी है.

राइट ऑफ मैरिड वूमेन विषय पर कार्यशाला का आयोजन.
राइट ऑफ मैरिड वूमेन विषय पर कार्यशाला का आयोजन.

इसे भी पढ़ें- महिला आयोग की अध्यक्ष बोलीं- कोरोना काल के बाद घरेलू हिंसा में आई कमी

भारतीय दण्ड संहिता के सम्बन्ध में दी गई जानकारी

जागरूकता कार्यक्रम में भगीरथ वर्मा एचजेएस विशेष कार्याधिकारी द्वारा विवाहित महिलाओं के अधिकार विषय से सम्बन्धित विभिन्न कानूनों की विस्तृत जानकारी दी गयी. इसमें घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013, महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकार गिरफ्तार एवं बंदी, महिलाओं के अधिकार विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण, रख-रखाव तथा कल्याण अधिनियम 2007, महिलाओं के विरूद्ध अन्य अपराधों से सम्बन्धित विभिन्न भारतीय दण्ड संहिता के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी दी गई.

मासिक बैठक का भी हुआ आयोजन

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में उप्र राज्य महिला आयोग के पदाधिकारियों की मासिक बैठक का आयोजन किया गया. अध्यक्ष विमला बाथम ने मासिक बैठक में बीते महीने में आयोग पदाधिकारियों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मिशन-शक्ति के अन्तर्गत पोषण पंचायत कार्यक्रम और जागरूकता शिविर एवं महिला जनसुनवाई के कार्यों की समीक्षा की गई. बैठक में आयोग द्वारा आगामी महीने में किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श किया गया. सदस्य सचिव अर्चना गहरवार ने इस बैठक की सदस्यता की.

लखनऊ: उप्र राज्य महिला आयोग (Up State Commission For Women) में बुधवार को राइट ऑफ मैरिड वूमेन (Rights of Married women) विषय पर एक कार्यशाला आयोजित हुई. इस कार्यक्रम का आयोजन उप्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम की अध्यक्षता में किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य मात्र इतना है कि सभी शादीशुदा महिलाएं अपने हक को जानें, पहचानें. क्योंकि ज्यादातर जब भी कोई महिला घरेलू हिंसा की शिकार होती है तो वह खुद पर हो रहे अत्याचार को रोकने की पहल नहीं कर पाती है. वह कहीं न कहीं घर परिवार के चक्कर में पिसती जाती है. कार्यशाला का शुभांरम्भ आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम, उपाध्यक्ष (द्वय) सुषमा सिंह, अंजु चौधरी, सदस्य सचिव अर्चना गहरवार, भगीरथ वर्मा, एचजेएस विशेष कार्याधिकारी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया.

अपने अधिकारों के बारे में हों जागरुक

विमला बाथम ने कहा जब भी कोई पुरुष पहली बार किसी महिला पर आक्रोशित होते हैं या पहली बार हाथ उठाता है तो उसी समय महिला को उसे टोकना या समझाना चाहिए. अगर पुरुष नहीं मानता है तो तुरंत अपने घर परिवार में बताएं. अगर घरवाले भी नहीं समझते हैं तो महिला आयोग और 1090 वूमेन पावर लाइन पर शिकायत दर्ज कराएं लेकिन, कभी अत्याचार न सहें. महिलाओं को अपने अधिकार के बारे में जागरूक होना जरूरी है.

राइट ऑफ मैरिड वूमेन विषय पर कार्यशाला का आयोजन.
राइट ऑफ मैरिड वूमेन विषय पर कार्यशाला का आयोजन.

इसे भी पढ़ें- महिला आयोग की अध्यक्ष बोलीं- कोरोना काल के बाद घरेलू हिंसा में आई कमी

भारतीय दण्ड संहिता के सम्बन्ध में दी गई जानकारी

जागरूकता कार्यक्रम में भगीरथ वर्मा एचजेएस विशेष कार्याधिकारी द्वारा विवाहित महिलाओं के अधिकार विषय से सम्बन्धित विभिन्न कानूनों की विस्तृत जानकारी दी गयी. इसमें घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013, महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकार गिरफ्तार एवं बंदी, महिलाओं के अधिकार विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण, रख-रखाव तथा कल्याण अधिनियम 2007, महिलाओं के विरूद्ध अन्य अपराधों से सम्बन्धित विभिन्न भारतीय दण्ड संहिता के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी दी गई.

मासिक बैठक का भी हुआ आयोजन

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में उप्र राज्य महिला आयोग के पदाधिकारियों की मासिक बैठक का आयोजन किया गया. अध्यक्ष विमला बाथम ने मासिक बैठक में बीते महीने में आयोग पदाधिकारियों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मिशन-शक्ति के अन्तर्गत पोषण पंचायत कार्यक्रम और जागरूकता शिविर एवं महिला जनसुनवाई के कार्यों की समीक्षा की गई. बैठक में आयोग द्वारा आगामी महीने में किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श किया गया. सदस्य सचिव अर्चना गहरवार ने इस बैठक की सदस्यता की.

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