लखनऊ: प्रदेश सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की 69,000 भर्ती मामले में जो कट ऑफ नियम बनाए हैं, उसका विरोध कर रहे शिक्षामित्र की फरियाद अब सुप्रीम कोर्ट सुनेगा. प्रदेश सरकार ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया था. परिणाम घोषित करने से 1 दिन पहले सरकार ने भर्ती कट ऑफ नियम की घोषणा करते हुए ऐलान किया कि उन्हीं शिक्षकों को भर्ती किया जाएगा, जो 60 और 65 प्रतिशत अंक हासिल करेंगे. इसका शिक्षामित्र विरोध कर रहे हैं.
शिक्षामित्रों का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने विशेष भर्ती अभियान के तहत भर्ती का अवसर दिया है. इस तरह के नियम से उन्हें भर्ती होने से रोका जा रहा है. सरकार के निर्देश के विरुद्ध शिक्षामित्रों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की तो कोर्ट ने सरकार के निर्णय को नियम विरुद्ध करार देते हुए 40 और 45 परसेंट का कटऑफ घोषित किया. प्रदेश सरकार ने इसका विरोध हाईकोर्ट में विशेष याचिका दाखिल कर किया.
याचिका की दो सदस्यीय खंडपीठ में सुनवाई हुई और 6 मई 2020 को कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार के पक्ष को सही मानते हुए कट ऑफ 60 और 65 को मान्यता दी. प्रदेश सरकार इसी आदेश के अनुक्रम में शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है, लेकिन इसके विरोध में अब शिक्षामित्रों ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शिक्षामित्रों की ओर से याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता गौरव यादव ने यह जानकारी दी है.
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गौरव यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार के बनाए नियम और हाईकोर्ट के दो सदस्य खंडपीठ के फैसले को लागू करने के विरोध में स्टे हासिल करने के लिए याचिका दाखिल की गई है. अभी ऑनलाइन याचिका दाखिल हुई है.