लखनऊ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार के शिक्षा अधिकरण अधिनियम 2021 का खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है. माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉ. आरपी मिश्रा का कहना है कि सरकार ने इस अधिनियम में पीड़ित पक्ष को अंतरिम राहत देने की कोई व्यवस्था नहीं की है.
डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि "किसी भी फैसले के खिलाफ स्टे नहीं मिलेगा. यानी अगर कोई गलत आदेश हुआ भी है तो यहां कोई राहत नहीं मिलने तक अंतिम फैसले तक इंतजार करना होगा. अगर किसी कारणवश शिक्षा अधिकरण के निर्णय के खिलाप जाना हो तो उच्च न्यायालय में जाने की व्यवस्था ही समाप्त कर दी गई है. सुनवाई सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय में होगी. ऐसी स्थिति में अनेक शिक्षक धनाभाव के कारण न्याय से वंचित रह जाएंगे."
21 को होगी महासंघ की बैठक
डॉ. आरपी मिश्रा ने बताया कि शिक्षक महासंघ इसको लेकर विरोध कर रहा है. आगामी 21 मार्च को एक बैठक भी आयोजित की जा रही है. इस बैठक में विरोध की आगे की रणनीति तय की जाएगी. आरपी मिश्रा का कहना है कि "सरकार को शिक्षा अधिकरण बनाने के बजाय उच्च न्यायालय की विशेष पीठ गठित कर लंबित मामलों का निस्तारण करना चाहिए. इससे अधिकरण स्थापित करने में होने वाले अनावश्यक खर्च और समय दोनों को बचाया जा सकता है."