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यूपी की रोडवेज बसों में नई ई-टिकटिंग व्यवस्था लागू करने की तैयारी, सभी तरह के कार्डों से मिलेगा टिकट

उत्तर प्रदेश रोडवेज बसों में अब नई ई-टिकटिंग मशीनों के जरिए यात्रियों को टिकट मिलेगा. परिवहन निगम प्रबंधन ने कैशलेस यात्रा के लिए मशीनों की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है. इन मशीनों में सभी तरह के स्मार्ट कार्ड, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भुगतान की व्यवस्था होगी.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम
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Published : Nov 6, 2021, 5:29 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश रोडवेज बसों में अब नई ई-टिकटिंग मशीनों के जरिए यात्रियों को टिकट मिल सकेगा. कैशलेस यात्रा के लिए परिवहन निगम प्रबंधन ने इन आधुनिक एंड्रायड ई-टिकटिंग मशीनों की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है. इन मशीनों में सभी तरह के कार्ड से भुगतान की व्यवस्था होगी, चाहे वह बैंकों के स्मार्ट कार्ड हों या फिर क्रेडिट या डेबिट कार्ड. इससे बसों की टिकटिंग व्यवस्था और बेहतर होगी.

यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों की मानें तो जल्द ही ई-टिकटिंग मशीनें आ जाएंगी. इसके बाद मशीनों के संचालन संबंधी जरूरी प्रक्रिया पूरी होते ही बस परिचालकों को उपलब्ध करा दिया जाएगा. गौरतलब है कि यूपी रोडवेज के लखनऊ और गाजियाबाद रीजन को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में बीते कई महीनों से यात्रियों को मैनुअल टिकट दिए जा रहे हैं. मैनुअल टिकटिंग व्यवस्था के चलते परिवहन निगम को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिससे उसकी आय प्रभावित हो रही है. इसको देखते हुए परिवहन निगम प्रबंधन ने नई ई-टिकटिंग मशीनों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी. इस टेंडर प्रक्रिया के पूरी होने के बाद अब ई-टिकटिंग मशीनों की खरीद का रास्ता साफ हो गया है.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम
स्मार्ट कार्ड के जरिए सेकेंडो में कार्ड रीड कर लेगी ई-टिकटिंग मशीन-
उत्तर प्रदेश रोडवेज बस
उत्तर प्रदेश रोडवेज बस
नई ई-टिकटिंग मशीन अत्याधुनिक तकनीकी से लैस है. इसके चलते यह मशीन तेजी से कार्ड को रीड कर लेगी. इसकी तकनीक, मोबाइल तकनीक से भी तेज है. इससे पहले उपयोग की जा रही मशीनों और नई ई-टिकटिंग मशीनों में यह एक बड़ा अंतर देखने को मिलेगा. वर्तमान में उपयोग की जा रही मशीनों में कार्ड रीडिंग की भारी समस्या थी. ऐसे में यात्रियों को कार्ड की बजाय टिकट का नकद भुगतान करना पड़ता था. कार्ड खराब तो यात्री से होगी वसूली-अत्याधुनिक तकनीकी से लैस ई-टिकटिंग मशीन कार्ड के संपर्क में आते ही उसे रीड कर लेगी. ऐसे में कार्ड खराब या अवैध होने पर ही यात्रियों से नकद भुगतान लिया जाएगा. वहीं परिचालक भी कार्ड से पेमेंट करने वाले यात्रियों को मना नहीं कर सकेंगे. फिर भी अगर वो ऐसा करते हैं तो उन पर कार्रवाई का भी प्रावधान होगा. इस व्यवस्था से निगम की छवि बेहतर हो सकेगी. यह भी पढ़ें- जिन्ना काे लेकर अपने बयान पर कायम अखिलेश, बोले- 'जो कहा था सही कहा था'

ऑनलाइन सेवाओं के लिए नई कंपनी का चयन-

परिवहन निगम की ऑनलाइन सेवाओं के संचालन के लिए नई कंपनी के चयन की प्रक्रिया भी चल रही है. इसके लिए तीन कंपनियां सामने आई हैं. इनमें पूर्व में निगम की ऑनलाइन सेवाओं का काम देख रही ट्राइमैक्स कंपनी को खरीदने वाली मुंबई की ई-बिक्स कंपनी है. इसके अलावा दिल्ली-जयपुर व नोएडा-अहमदाबाद की कंपनी भी शामिल है. परिवहन निगम की ऑनलाइन सेवाओं के लिए जिस कंपनी को चयनित किया जाएगा उसे ही ऑनलाइन टिकट बुकिंग, एमएसटी व कार्ड बनाने के साथ अन्य काम भी सौंपे जाएंगे. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इसके लिए कंपनी की चयन प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा.

13 हजार 500 मशीनों की होगी खरीद-

परिवहन निगम की करीब 12 हजार बसों के लिए तकरीबन 13 हजार 500 ई-टिकटिंग मशीनें खरीदी जा रही हैं. परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक आईटी अनघ मिश्र का कहना है कि इस महीने के अंत तक सभी ई-टिकटिंग मशीनें आ जाएंगी. संचालन की प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन मशीनों को रोडवेज के हर रीजन्स में भेज दी जाएंगी.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश रोडवेज बसों में अब नई ई-टिकटिंग मशीनों के जरिए यात्रियों को टिकट मिल सकेगा. कैशलेस यात्रा के लिए परिवहन निगम प्रबंधन ने इन आधुनिक एंड्रायड ई-टिकटिंग मशीनों की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है. इन मशीनों में सभी तरह के कार्ड से भुगतान की व्यवस्था होगी, चाहे वह बैंकों के स्मार्ट कार्ड हों या फिर क्रेडिट या डेबिट कार्ड. इससे बसों की टिकटिंग व्यवस्था और बेहतर होगी.

यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों की मानें तो जल्द ही ई-टिकटिंग मशीनें आ जाएंगी. इसके बाद मशीनों के संचालन संबंधी जरूरी प्रक्रिया पूरी होते ही बस परिचालकों को उपलब्ध करा दिया जाएगा. गौरतलब है कि यूपी रोडवेज के लखनऊ और गाजियाबाद रीजन को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में बीते कई महीनों से यात्रियों को मैनुअल टिकट दिए जा रहे हैं. मैनुअल टिकटिंग व्यवस्था के चलते परिवहन निगम को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिससे उसकी आय प्रभावित हो रही है. इसको देखते हुए परिवहन निगम प्रबंधन ने नई ई-टिकटिंग मशीनों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी. इस टेंडर प्रक्रिया के पूरी होने के बाद अब ई-टिकटिंग मशीनों की खरीद का रास्ता साफ हो गया है.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम
स्मार्ट कार्ड के जरिए सेकेंडो में कार्ड रीड कर लेगी ई-टिकटिंग मशीन-
उत्तर प्रदेश रोडवेज बस
उत्तर प्रदेश रोडवेज बस
नई ई-टिकटिंग मशीन अत्याधुनिक तकनीकी से लैस है. इसके चलते यह मशीन तेजी से कार्ड को रीड कर लेगी. इसकी तकनीक, मोबाइल तकनीक से भी तेज है. इससे पहले उपयोग की जा रही मशीनों और नई ई-टिकटिंग मशीनों में यह एक बड़ा अंतर देखने को मिलेगा. वर्तमान में उपयोग की जा रही मशीनों में कार्ड रीडिंग की भारी समस्या थी. ऐसे में यात्रियों को कार्ड की बजाय टिकट का नकद भुगतान करना पड़ता था. कार्ड खराब तो यात्री से होगी वसूली-अत्याधुनिक तकनीकी से लैस ई-टिकटिंग मशीन कार्ड के संपर्क में आते ही उसे रीड कर लेगी. ऐसे में कार्ड खराब या अवैध होने पर ही यात्रियों से नकद भुगतान लिया जाएगा. वहीं परिचालक भी कार्ड से पेमेंट करने वाले यात्रियों को मना नहीं कर सकेंगे. फिर भी अगर वो ऐसा करते हैं तो उन पर कार्रवाई का भी प्रावधान होगा. इस व्यवस्था से निगम की छवि बेहतर हो सकेगी. यह भी पढ़ें- जिन्ना काे लेकर अपने बयान पर कायम अखिलेश, बोले- 'जो कहा था सही कहा था'

ऑनलाइन सेवाओं के लिए नई कंपनी का चयन-

परिवहन निगम की ऑनलाइन सेवाओं के संचालन के लिए नई कंपनी के चयन की प्रक्रिया भी चल रही है. इसके लिए तीन कंपनियां सामने आई हैं. इनमें पूर्व में निगम की ऑनलाइन सेवाओं का काम देख रही ट्राइमैक्स कंपनी को खरीदने वाली मुंबई की ई-बिक्स कंपनी है. इसके अलावा दिल्ली-जयपुर व नोएडा-अहमदाबाद की कंपनी भी शामिल है. परिवहन निगम की ऑनलाइन सेवाओं के लिए जिस कंपनी को चयनित किया जाएगा उसे ही ऑनलाइन टिकट बुकिंग, एमएसटी व कार्ड बनाने के साथ अन्य काम भी सौंपे जाएंगे. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इसके लिए कंपनी की चयन प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा.

13 हजार 500 मशीनों की होगी खरीद-

परिवहन निगम की करीब 12 हजार बसों के लिए तकरीबन 13 हजार 500 ई-टिकटिंग मशीनें खरीदी जा रही हैं. परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक आईटी अनघ मिश्र का कहना है कि इस महीने के अंत तक सभी ई-टिकटिंग मशीनें आ जाएंगी. संचालन की प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन मशीनों को रोडवेज के हर रीजन्स में भेज दी जाएंगी.

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