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Republic Day: गणतंत्र दिवस की गाइडलाइन जारी, धूमधाम से मनेगी 26 जनवरी

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Published : Jan 23, 2021, 9:05 AM IST

हर साल की भांति इस साल भी पूरे प्रदेश में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. हालांकि इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह पूरे प्रदेश में सुव्यवस्थित एवं सादगी के साथ मनाया जाएगा. इसकी जानकारी मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार ने दी.

Republic Day
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लखनऊ : मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना वायरस से बचाव हेतु भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए 26 जनवरी, 2021 को गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस समारोह पूरे प्रदेश में सुव्यवस्थित एवं सादगी के साथ मनाया जायेगा. प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को भेजे गये दिशा-निर्देशों में उन्होंने समारोह की व्यवस्था में परामर्श देने के लिए एक कमेटी गठित किये जाने को कहा है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों, सरकारी विभागों, शैक्षिक संस्थाओं, जिला सैनिक कल्याण कार्यालय आदि के प्रतिनिधि शामिल होंगे. कार्यक्रम स्थानीय सहूलियत और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर मनाया जाय.

उन्होंने बताया कि प्रातः काल 8.30 बजे सरकारी भवनों पर झण्डा अभिवादन किया जायेगा और इस अवसर पर संविधान में उल्लिखित संकल्प के स्मरण तथा राष्ट्रगान के गायन की व्यवस्था की जायेगी. शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रध्वज प्रातः 10 बजे फहराया जायेगा. इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, धर्म-निरपेक्षता और साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना को मजबूत बनाने पर बल दिया जायेगा. जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि समस्त शिक्षण संस्थाओं में इस अवसर पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए, जिनमें राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ का सामूहिक गायन भी सम्मिलित हो. विद्यार्थियों को संक्षेप में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास बताया जाये और सशस्त्र सैन्यबलों के बलिदान को नमन करते हुए देश भक्तों के जीवन के प्रेरक-प्रसंग दोहराये जाएं, जिससे राष्ट्रीय चेतना विकसित हो. नाटक, विचार गोष्ठी तथा निबन्ध-लेखन की प्रतियोगितायें भी यथासम्भव आयोजित कराई जाय.

झण्डारोहण कार्यक्रम के तुरन्त बाद पुलिस परेड की जाय. परेड की सलामी वहां उपस्थित केन्द्रीय/प्रदेश सरकार के मा0 मंत्रीगण द्वारा ली जाय. यदि वे उपस्थित न हों, तो परेड की सलामी मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी द्वारा ली जाय. यदि विधान परिषद के मा0 सभापति या मा0 उपसभापति अथवा विधानसभा के मा0 अध्यक्ष या मा0 उपाध्यक्ष जिले में मौजूद हों, तो उनसे झण्डारोहण करने का अनुरोध किया जाय. परेड में जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा सैन्य बल कर्मियों की विधवाओं/अभिभावकों को भी ससम्मान आमंत्रित किया जाय.

दिन में शिक्षण संस्थाओं में खेलकूद, साइकिल रेस, दंगल आदि का आयोजन किया जाय. तीसरे प्रहर में एनसीसी, स्काउट और गाइड आदि का सम्मिलित रूट मार्च कराया जाय. अपराह्न में किसी खुले स्थान पर आम सभा का आयोजन किया जाय, जिसमें लोगों को तिरंगे झण्डे एवं गणतंत्र दिवस के गौरवशाली इतिहास तथा उसके महत्व के बारे में बताया जाय. जनसाधारण को विशेष रूप से स्मरण कराने की चेष्टा की जाय कि हमारे अगणित देशभक्तों तथा अमर बलिदानियों ने जीवन भर संघर्ष कर जो स्वाधीनता हासिल की है, वह अमूल्य है और उसकी रक्षा का अग्रेतर दायित्व हमारे ऊपर और नई पीढ़ी पर है.

गणतंत्र की मूल अवधारणाओं पर प्रकाश डालते हुए लोगों को प्रेरणा दी जाय कि देश व समाज का निर्माण प्रेम तथा सद्भावना से होता है, घृणा से नहीं, मेल-जोल से होता है, बैर-भाव से नहीं, एक दूसरे के धर्म का आदर करने से होता है, अनादर करने से नहीं. इस समारोह में यदि किसी स्वाधीनता संग्राम सेनानी, लोकसभा/राज्यसभा के मा0 सदस्य अथवा विधान परिषद/विधान सभा के मा0 सदस्य को बुलाया जाना सम्भव हो, तो उन्हें अवश्य आदरपूर्वक आमंत्रित किया जाय. बढ़ते हुए प्रदूषण तथा बढ़ती जनसंख्या से हमारी विकास यात्रा प्रभावित हो रही है. सुखी भविष्य के लिए स्वच्छ पर्यावरण तथा सीमित परिवार की आवश्यकता को रेखांकित किया जाय.

जनसाधारण को जन-सभाओं तथा गोष्ठियां द्वारा यह समझाने का प्रयास किया जाय कि राजनैतिक स्वाधीनता के बाद हमें आर्थिक स्वाधीनता तथा सामाजिक बराबरी के लिए अनेक कदम उठाने हैं. इस दिशा में शासन द्वारा किए रहे कार्यों के बारे में जनमानस को अवगत कराया जाय. विकास सम्बन्धी शासन की प्राथमिकताओं से जन मानस को अवगत कराते हुए उन्हें अपेक्षित योगदान के लिए प्रेरित किया जाय, साथ ही बेहतर वातावरण पैदा करके स्वच्छ प्रशासन देने के प्रयासों से आम जनता को अवगत कराया जाय.

दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार का लक्ष्य है, जन आकांक्षाओं की पूर्ति तथा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास. राज्य सरकार सभी वर्गों की उन्नति, कल्याण एवं सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित है. प्रदेश सरकार द्वारा प्रशासन में जन सहभागिता, जनता की समस्याओं का निराकरण, जनजातियों के विकास, पर्यावरण संतुलन, रोजगार कार्यक्रम, उत्तर प्रदेश कामगार एवं श्रमिक आयोग का गठन, स्वास्थ्य सुविधा एवं सुरक्षा, उद्योगों विकास, कौशल विकास, समाज कल्याण, महिला सुरक्षा, सशक्तीकरण एवं मिशन शक्ति, पुलिस सुधार, शहरी विकास, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, शिक्षा को प्रोत्साहन, असहायों एवं वृद्धों के कल्याण, विद्युतीकरण, किसानों के लिए ऋण मोचन एवं किसान सम्मान निधि व सिंचाई हेतु मुफ्त पानी देते हुए उनकी आय दोगुनी करने तथा एक जिला-एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) जैसे अनेक विकास परक एवं कल्याणकारी कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों के हित तथा राज्य के समग्र विकास के लिए संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों किया जा रहा है, जिनके सम्बन्ध में जन सभाओं में जनसाधारण को अवगत कराया जाये और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को प्राप्त करने का हर सम्भव प्रयास किया जाय.

सार्वजनिक संस्थाओं और पंचायतों के कार्यकर्ताओं तथा जन-कल्याण का कार्य करने वाली अन्य समितियों की सहायता से साक्षरता को बढ़ावा देने तथा सामाजिक कुरीतियों को दूर कर सामाजिक सामंजस्य से ओतप्रोत जन सहभागी समाज की स्थापना के विशेष प्रयास किये गए हैं. सभी धर्मों और सम्प्रदायों के लोग भारत के नागरिक हैं और उनमें शांति, पारस्परिक सद्भाव व एकता से ही राष्ट्र उन्नति कर सकता है, इसके लिये लोगों को प्रेरित और तैयार किया जाय, इसके साथ ही उन्हें कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करके अच्छा वातावरण बनाया जाय. गणतन्त्र दिवस के इस कार्यक्रम में अधिकतम जन सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाय.

लखनऊ : मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना वायरस से बचाव हेतु भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए 26 जनवरी, 2021 को गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस समारोह पूरे प्रदेश में सुव्यवस्थित एवं सादगी के साथ मनाया जायेगा. प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को भेजे गये दिशा-निर्देशों में उन्होंने समारोह की व्यवस्था में परामर्श देने के लिए एक कमेटी गठित किये जाने को कहा है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों, सरकारी विभागों, शैक्षिक संस्थाओं, जिला सैनिक कल्याण कार्यालय आदि के प्रतिनिधि शामिल होंगे. कार्यक्रम स्थानीय सहूलियत और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर मनाया जाय.

उन्होंने बताया कि प्रातः काल 8.30 बजे सरकारी भवनों पर झण्डा अभिवादन किया जायेगा और इस अवसर पर संविधान में उल्लिखित संकल्प के स्मरण तथा राष्ट्रगान के गायन की व्यवस्था की जायेगी. शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रध्वज प्रातः 10 बजे फहराया जायेगा. इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, धर्म-निरपेक्षता और साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना को मजबूत बनाने पर बल दिया जायेगा. जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि समस्त शिक्षण संस्थाओं में इस अवसर पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए, जिनमें राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ का सामूहिक गायन भी सम्मिलित हो. विद्यार्थियों को संक्षेप में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास बताया जाये और सशस्त्र सैन्यबलों के बलिदान को नमन करते हुए देश भक्तों के जीवन के प्रेरक-प्रसंग दोहराये जाएं, जिससे राष्ट्रीय चेतना विकसित हो. नाटक, विचार गोष्ठी तथा निबन्ध-लेखन की प्रतियोगितायें भी यथासम्भव आयोजित कराई जाय.

झण्डारोहण कार्यक्रम के तुरन्त बाद पुलिस परेड की जाय. परेड की सलामी वहां उपस्थित केन्द्रीय/प्रदेश सरकार के मा0 मंत्रीगण द्वारा ली जाय. यदि वे उपस्थित न हों, तो परेड की सलामी मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी द्वारा ली जाय. यदि विधान परिषद के मा0 सभापति या मा0 उपसभापति अथवा विधानसभा के मा0 अध्यक्ष या मा0 उपाध्यक्ष जिले में मौजूद हों, तो उनसे झण्डारोहण करने का अनुरोध किया जाय. परेड में जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा सैन्य बल कर्मियों की विधवाओं/अभिभावकों को भी ससम्मान आमंत्रित किया जाय.

दिन में शिक्षण संस्थाओं में खेलकूद, साइकिल रेस, दंगल आदि का आयोजन किया जाय. तीसरे प्रहर में एनसीसी, स्काउट और गाइड आदि का सम्मिलित रूट मार्च कराया जाय. अपराह्न में किसी खुले स्थान पर आम सभा का आयोजन किया जाय, जिसमें लोगों को तिरंगे झण्डे एवं गणतंत्र दिवस के गौरवशाली इतिहास तथा उसके महत्व के बारे में बताया जाय. जनसाधारण को विशेष रूप से स्मरण कराने की चेष्टा की जाय कि हमारे अगणित देशभक्तों तथा अमर बलिदानियों ने जीवन भर संघर्ष कर जो स्वाधीनता हासिल की है, वह अमूल्य है और उसकी रक्षा का अग्रेतर दायित्व हमारे ऊपर और नई पीढ़ी पर है.

गणतंत्र की मूल अवधारणाओं पर प्रकाश डालते हुए लोगों को प्रेरणा दी जाय कि देश व समाज का निर्माण प्रेम तथा सद्भावना से होता है, घृणा से नहीं, मेल-जोल से होता है, बैर-भाव से नहीं, एक दूसरे के धर्म का आदर करने से होता है, अनादर करने से नहीं. इस समारोह में यदि किसी स्वाधीनता संग्राम सेनानी, लोकसभा/राज्यसभा के मा0 सदस्य अथवा विधान परिषद/विधान सभा के मा0 सदस्य को बुलाया जाना सम्भव हो, तो उन्हें अवश्य आदरपूर्वक आमंत्रित किया जाय. बढ़ते हुए प्रदूषण तथा बढ़ती जनसंख्या से हमारी विकास यात्रा प्रभावित हो रही है. सुखी भविष्य के लिए स्वच्छ पर्यावरण तथा सीमित परिवार की आवश्यकता को रेखांकित किया जाय.

जनसाधारण को जन-सभाओं तथा गोष्ठियां द्वारा यह समझाने का प्रयास किया जाय कि राजनैतिक स्वाधीनता के बाद हमें आर्थिक स्वाधीनता तथा सामाजिक बराबरी के लिए अनेक कदम उठाने हैं. इस दिशा में शासन द्वारा किए रहे कार्यों के बारे में जनमानस को अवगत कराया जाय. विकास सम्बन्धी शासन की प्राथमिकताओं से जन मानस को अवगत कराते हुए उन्हें अपेक्षित योगदान के लिए प्रेरित किया जाय, साथ ही बेहतर वातावरण पैदा करके स्वच्छ प्रशासन देने के प्रयासों से आम जनता को अवगत कराया जाय.

दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार का लक्ष्य है, जन आकांक्षाओं की पूर्ति तथा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास. राज्य सरकार सभी वर्गों की उन्नति, कल्याण एवं सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित है. प्रदेश सरकार द्वारा प्रशासन में जन सहभागिता, जनता की समस्याओं का निराकरण, जनजातियों के विकास, पर्यावरण संतुलन, रोजगार कार्यक्रम, उत्तर प्रदेश कामगार एवं श्रमिक आयोग का गठन, स्वास्थ्य सुविधा एवं सुरक्षा, उद्योगों विकास, कौशल विकास, समाज कल्याण, महिला सुरक्षा, सशक्तीकरण एवं मिशन शक्ति, पुलिस सुधार, शहरी विकास, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, शिक्षा को प्रोत्साहन, असहायों एवं वृद्धों के कल्याण, विद्युतीकरण, किसानों के लिए ऋण मोचन एवं किसान सम्मान निधि व सिंचाई हेतु मुफ्त पानी देते हुए उनकी आय दोगुनी करने तथा एक जिला-एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) जैसे अनेक विकास परक एवं कल्याणकारी कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों के हित तथा राज्य के समग्र विकास के लिए संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों किया जा रहा है, जिनके सम्बन्ध में जन सभाओं में जनसाधारण को अवगत कराया जाये और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को प्राप्त करने का हर सम्भव प्रयास किया जाय.

सार्वजनिक संस्थाओं और पंचायतों के कार्यकर्ताओं तथा जन-कल्याण का कार्य करने वाली अन्य समितियों की सहायता से साक्षरता को बढ़ावा देने तथा सामाजिक कुरीतियों को दूर कर सामाजिक सामंजस्य से ओतप्रोत जन सहभागी समाज की स्थापना के विशेष प्रयास किये गए हैं. सभी धर्मों और सम्प्रदायों के लोग भारत के नागरिक हैं और उनमें शांति, पारस्परिक सद्भाव व एकता से ही राष्ट्र उन्नति कर सकता है, इसके लिये लोगों को प्रेरित और तैयार किया जाय, इसके साथ ही उन्हें कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करके अच्छा वातावरण बनाया जाय. गणतन्त्र दिवस के इस कार्यक्रम में अधिकतम जन सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाय.

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