लखनऊ : बिजली बचाने के मकसद से दुनियाभर में 'अर्थ आवर डे' मनाया जाता है. अर्थ ऑवर वर्ल्ड वाइड फंड (WWF) का एक अभियान है. हर साल मार्च महीने के अंतिम शनिवार को अर्थ आवर-डे मनाया जाता है. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर शनिवार को राजभवन ने अर्थ आवर-डे में सहभाग करते हुए रात 8.30 बजे से 9.30 बजे तक गैर जरूरी बिजली बंद कर सहयोग किया.
ऊर्जा की बचत और पर्यावरण संरक्षण उद्देश्य
राज्यपाल ने अपने संदेश में बताया कि अर्थ आवर डे (Earth Hour Day), वर्ल्ड वाइड फंड (World Wide Fund For Nature) का एक अभियान है. इसका मकसद ऊर्जा की बचत और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करना है. वर्ल्ड वाइड फंड का उद्देश्य प्रकृति को होने वाले नुकसान को रोकना और इंसान के भविष्य को बेहतर बनाना है. अर्थ आवर में दुनियाभर के नागरिकों से न सिर्फ एक घंटे के लिए गैरजरूरी लाइट्स को बंद रखने की अपील की जाती है बल्कि सौर ऊर्जा को भी अपनाने की सलाह भी दी जाती है.
मार्च के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है अर्थ ऑवर डे
उल्लेखनीय है कि मार्च माह के अन्तिम शनिवार को अर्थ आवर-डे पर विश्व के 175 से अधिक देशों द्वारा पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण की दृृष्टि से एक घण्टा अनावश्यक लाइट बंद कर सहयोग दिया जाता है.
2007 में हुई थी अर्थ आवर की शुरुआत
अर्थ आवर की शुरुआत वर्ष 2007 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से हुई थी. धीरे-धीरे यह दुनियाभर में पॉपुलर हो गया. 2008 में 35 देशों ने अर्थ आवर डे में हिस्सा लिया. अब अर्थ आवर डे में 178 देश शामिल हो गए हैं.
अर्थ आवर की जरूरत क्या है ?
सवाल है कि हमें क्यों इसका हिस्सा बनना चाहिए. इस अभियान में एक घंटे के लिए बिजली बचा लेने से कोई बड़ा बदलाव तो नहीं हो जाएगा. लेकिन एक दिन के लिए की गई कोशिश और लोगों की एकजुटता में यह सन्देश देने की कोशिश करते हैं कि बिजली बचाएं. कोशिश करें कि क्लाइमेट में तेजी से हो रहे बदलाव के प्रति लोगों को जागरूक करें.