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बिजली बिल संशोधन में झोल, निगोहां के बुजुर्ग की समस्या से सामने आई अधिकारियों के कारमाने की पोल - उपखंड अधिकारी निगोहां लखनऊ

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री समेत अधिकारी उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान कराने को लेकर लगातार कसीदे पढ़ रहे हैं. इसके बावजूद एक बुजुर्ग (62) पिछले चार माह से अपनी समस्या को लेकर दर दर भटक रहे हैं.

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Published : May 18, 2023, 5:29 PM IST

लखनऊ : लखनऊ निवासी 62 वर्षीय मजदूर किसान अपना बिल ठीक कराने को लेकर पिछले चार माह से उपखंड अधिकारी निगोहां से लेकर प्रबंध निदेशक और पाॅवर काॅर्पोरेशन के चेयरमैन तक अपनी गुहार लगा चुके हैं. इसके बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. बुजुर्ग अपने घर से इस चिलचिलाती धूप में 14 किलोमीटर निगोहां से साइकिल चलाकर बिजली दफ्तरों के दर्जनों चक्कर लगा चुके हैं. इसके अलावा मध्यांचल और शक्ति भवन की चौखट भी नापी, लेकिन अभीतक समस्या का हल नहीं निकला है.

बिजली बिल संशोधन में झोल.
बिजली बिल संशोधन में झोल.
मामला यह है कि उपभोक्ता अमर सिंह का बिजली बिल लगभग 82 हजार 222 का बन रहा था. जिस पर अमर सिंह विरोध कर रहा था. अमर सिंह का कहना है कि उनका बिजली का बिल इतना नहीं हो सकता है. कई माह तक दौड़ने के बाद बीते अप्रैल में उपभोक्ता का बिल सही किया गया. यह बिल बाद में 50 हजार 661 रुपये हुआ. उपभोक्ता के मन में यह बात खटक गई कि जब उनका बिल 82 हजार 221 से 50 हजार पहुंच सकता है तो जरूर कहीं कुछ गड़बड़ है. उपभोक्ता अमर सिंह ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा से मुलाकात कर पूरी बात बताई. बताया कि कार्यालय में एक बाबू ने कहा बिल कम हो सकता है. यह बात मन में खटक गई कि जरूर कुछ गड़बड़ है.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता की समस्या का समाधान तो अधिशासी अभियंता सेस -3 से बात करने के बाद हो गया और उपभोक्ता ने कहा कि कल वह अधिशासी अभियंता कार्यालय में पहुंचकर अब जो बिल बना है, उसका भुगतान एक साथ नहीं कर सकता, लेकिन बकाए का 25 फीसद तक पहली किस्त जमा कर देगा. सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक उपभोक्ता अपने बिजली बिल के समाधान के लिए चार माह से चक्कर लगाता रहा, जबकि उसका समाधान उपखंड कार्यालय में हो सकता था, ऐसा नहीं हुआ. यह बहुत गंभीर मामला है.



यह भी पढ़ें : हमें मुसलमानों का उतना वोट नहीं मिला पर दूरियां घटी हैं : मंत्री कपिल देव अग्रवाल

लखनऊ : लखनऊ निवासी 62 वर्षीय मजदूर किसान अपना बिल ठीक कराने को लेकर पिछले चार माह से उपखंड अधिकारी निगोहां से लेकर प्रबंध निदेशक और पाॅवर काॅर्पोरेशन के चेयरमैन तक अपनी गुहार लगा चुके हैं. इसके बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. बुजुर्ग अपने घर से इस चिलचिलाती धूप में 14 किलोमीटर निगोहां से साइकिल चलाकर बिजली दफ्तरों के दर्जनों चक्कर लगा चुके हैं. इसके अलावा मध्यांचल और शक्ति भवन की चौखट भी नापी, लेकिन अभीतक समस्या का हल नहीं निकला है.

बिजली बिल संशोधन में झोल.
बिजली बिल संशोधन में झोल.
मामला यह है कि उपभोक्ता अमर सिंह का बिजली बिल लगभग 82 हजार 222 का बन रहा था. जिस पर अमर सिंह विरोध कर रहा था. अमर सिंह का कहना है कि उनका बिजली का बिल इतना नहीं हो सकता है. कई माह तक दौड़ने के बाद बीते अप्रैल में उपभोक्ता का बिल सही किया गया. यह बिल बाद में 50 हजार 661 रुपये हुआ. उपभोक्ता के मन में यह बात खटक गई कि जब उनका बिल 82 हजार 221 से 50 हजार पहुंच सकता है तो जरूर कहीं कुछ गड़बड़ है. उपभोक्ता अमर सिंह ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा से मुलाकात कर पूरी बात बताई. बताया कि कार्यालय में एक बाबू ने कहा बिल कम हो सकता है. यह बात मन में खटक गई कि जरूर कुछ गड़बड़ है.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता की समस्या का समाधान तो अधिशासी अभियंता सेस -3 से बात करने के बाद हो गया और उपभोक्ता ने कहा कि कल वह अधिशासी अभियंता कार्यालय में पहुंचकर अब जो बिल बना है, उसका भुगतान एक साथ नहीं कर सकता, लेकिन बकाए का 25 फीसद तक पहली किस्त जमा कर देगा. सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक उपभोक्ता अपने बिजली बिल के समाधान के लिए चार माह से चक्कर लगाता रहा, जबकि उसका समाधान उपखंड कार्यालय में हो सकता था, ऐसा नहीं हुआ. यह बहुत गंभीर मामला है.



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