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बिजली विभाग के इस आईएएस ने खत्म कर दी नेताओं की नेतागिरी, भ्रष्ट अधिकारियों को भी दिए झटके - प्राविधिक शिक्षा विभाग

यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज अपनी बेदाग और कड़क कार्यशैली के जाने जाते हैं. बिजली विभाग में तमाम सुधार के लिए आईएएस एम. देवराज को याद किया जाता रहेगा.

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Published : Jul 28, 2023, 11:02 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक आईएएस ने विभाग के मुखिया के तौर पर ऐसे काम किए जो ऊर्जा विभाग के इतिहास में पहले कभी नहीं हुए. इस आईएएस का नाम है एम देवराज. गुरुवार को योगी सरकार ने पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला प्राविधिक शिक्षा के प्रमुख सचिव पद पर कर दिया. ऊर्जा विभाग के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संगठन के नेताओं की नेतागिरी ठिकाने लगा दी. साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर ऐसे कड़े एक्शन लिए जैसे पहले कभी नहीं लिए गए थे. कई भ्रष्ट अफसरों को बर्खास्त कर दिया. वहीं सस्पेंशन की झड़ी लगा दी. गुरुवार को जब एम. देवराज के ट्रांसफर का आदेश आया तो बिजली विभाग के तमाम नेताओं और कर्मचारियों के चेहरे खिल गए.

यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला.
यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला.
उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन का दायित्व अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सीनियर आईएएस आशीष गोयल को सौंपी है. अब तक पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन रहे एम. देवराज को अब प्राविधिक शिक्षा विभाग में सुधार करने की जिम्मेदारी दी गई है. ऊर्जा विभाग के चेयरमैन रहते इस आईएएस के आगे किसी की भी नहीं चली. जमीन पर उतरकर उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में सुधार करने की पहल की. लगभग एक लाख करोड़ के घाटे में चल रहे इस विभाग को पटरी पर लाने के तमाम प्रयास किए.
यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला.
यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला.



भ्रष्टाचार पर लगाया अंकुश : पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन रहते आईएएस एम. देवराज ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में कोई कोताही नहीं की. सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का सबसे ज्यादा पालन ऊर्जा विभाग में ही हुआ. यहां पर आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों को तो नौकरी से बर्खास्त ही कर दिया और दर्जनों की संख्या में अवर अभियंताओं, उपखंड अधिकारियों, अधिशासी अभियंताओं और अधीक्षण अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया. कर्मचारियों पर कार्रवाई की तो कोई गिनती ही नहीं रही. सिर्फ यही नहीं भ्रष्टाचार करके जो अधिकारी या कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके थे उन पर भी चेयरमैन ने कड़ा एक्शन लेते हुए रिकवरी के आदेश दिए. कई सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों की पेंशन में भी कटौती कर डाली.




यह भी पढ़ें : इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर पर 50 लाख का जुर्माना, गंदगी पर मंडलायुक्त ने जताई नाराजगी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक आईएएस ने विभाग के मुखिया के तौर पर ऐसे काम किए जो ऊर्जा विभाग के इतिहास में पहले कभी नहीं हुए. इस आईएएस का नाम है एम देवराज. गुरुवार को योगी सरकार ने पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला प्राविधिक शिक्षा के प्रमुख सचिव पद पर कर दिया. ऊर्जा विभाग के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संगठन के नेताओं की नेतागिरी ठिकाने लगा दी. साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर ऐसे कड़े एक्शन लिए जैसे पहले कभी नहीं लिए गए थे. कई भ्रष्ट अफसरों को बर्खास्त कर दिया. वहीं सस्पेंशन की झड़ी लगा दी. गुरुवार को जब एम. देवराज के ट्रांसफर का आदेश आया तो बिजली विभाग के तमाम नेताओं और कर्मचारियों के चेहरे खिल गए.

यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला.
यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला.
उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन का दायित्व अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सीनियर आईएएस आशीष गोयल को सौंपी है. अब तक पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन रहे एम. देवराज को अब प्राविधिक शिक्षा विभाग में सुधार करने की जिम्मेदारी दी गई है. ऊर्जा विभाग के चेयरमैन रहते इस आईएएस के आगे किसी की भी नहीं चली. जमीन पर उतरकर उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में सुधार करने की पहल की. लगभग एक लाख करोड़ के घाटे में चल रहे इस विभाग को पटरी पर लाने के तमाम प्रयास किए.
यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला.
यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का तबादला.



भ्रष्टाचार पर लगाया अंकुश : पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन रहते आईएएस एम. देवराज ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में कोई कोताही नहीं की. सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का सबसे ज्यादा पालन ऊर्जा विभाग में ही हुआ. यहां पर आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों को तो नौकरी से बर्खास्त ही कर दिया और दर्जनों की संख्या में अवर अभियंताओं, उपखंड अधिकारियों, अधिशासी अभियंताओं और अधीक्षण अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया. कर्मचारियों पर कार्रवाई की तो कोई गिनती ही नहीं रही. सिर्फ यही नहीं भ्रष्टाचार करके जो अधिकारी या कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके थे उन पर भी चेयरमैन ने कड़ा एक्शन लेते हुए रिकवरी के आदेश दिए. कई सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों की पेंशन में भी कटौती कर डाली.




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