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बिजली विभाग की लापरवाही, उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी ब्याज को लिखा 'शून्य'

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने पिछले पांच सालों से बिजली उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी को सिस्टम में शून्य फीड किया है. मामले पर पावर कॉरपोरेशन का कहना है कि यह गलती से हुआ है, इसमें सुधार हो रहा है.

बिजली विभाग की लापरवाही
बिजली विभाग की लापरवाही
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Published : Jul 6, 2020, 10:33 AM IST

लखनऊ: प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को जमा सिक्योरिटी पर ब्याज नहीं देने के उद्देश्य से पावर कॉरपोरेशन ने सिस्टम में कंज्यूमर्स सिक्योरिटी ही शून्य कर दी. पिछले पांच सालों से पावर कॉरपोरेशन गुप्त तरीके से सिक्योरिटी धनराशि को जीरो फीड कर रहा है. मामला संज्ञान में आने पर अब पावर कॉरपोरेशन के डायरेक्टर, कामर्शियल इसे गलती करार रहे हैं.


बता दें कि प्रत्येक बिजली कनेक्शन के साथ आवेदक को कनेक्शन के समय निश्चित सिक्योरिटी धनराशि जमा करनी होती है. वाणिज्यिक उपभोक्ता 1000 रुपये और घरेलू 350 रुपये प्रति किलोवाट सिक्योरिटी जमा करते हैं. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन इसी सिक्योरिटी पर प्रतिवर्ष बैंक दर पर ब्याज देता है.

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सिक्योरिटी में चल रहे खेल को सामने ला दिया है. उनके मुताबिक विद्युत विभाग ने लगभग 50 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी को ऑनलाइन सिस्टम में शून्य फीड कर दिया है. यह काम बीते पांच साल से लगातार किया जा रहा है. उपभोक्ता परिषद ने कॉरपोरेशन पर आरोप लगाया कि अधिकारियों ने ऐसा जान-बूझकर किया, जिससे वह उपभोक्ताओं को ब्याज देने से बच सकें.

232 करोड़ मिलना है ब्याज
मामले में निदेशक वाणिज्य एके श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसा गलती से हुआ है और इसमें सुधार किया जाएगा. कार्य से संबंधित फाइल चल रही है और सिक्योरिटी जल्द ही दोबारा से सही कर दी जाएगी. हालांकि निदेशक यह नहीं बता सके कि पांच से चल रहे इस काम में अब तक विभाग ने क्या सुधार किया? प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की वर्ष 2019-20 में कुल जमा सिक्योरिटी लगभग 3678 करोड़ है. साथ ही सभी उपभोक्ताओं को लगभग 232 करोड़ का ब्याज मिलना है.

लखनऊ: प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को जमा सिक्योरिटी पर ब्याज नहीं देने के उद्देश्य से पावर कॉरपोरेशन ने सिस्टम में कंज्यूमर्स सिक्योरिटी ही शून्य कर दी. पिछले पांच सालों से पावर कॉरपोरेशन गुप्त तरीके से सिक्योरिटी धनराशि को जीरो फीड कर रहा है. मामला संज्ञान में आने पर अब पावर कॉरपोरेशन के डायरेक्टर, कामर्शियल इसे गलती करार रहे हैं.


बता दें कि प्रत्येक बिजली कनेक्शन के साथ आवेदक को कनेक्शन के समय निश्चित सिक्योरिटी धनराशि जमा करनी होती है. वाणिज्यिक उपभोक्ता 1000 रुपये और घरेलू 350 रुपये प्रति किलोवाट सिक्योरिटी जमा करते हैं. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन इसी सिक्योरिटी पर प्रतिवर्ष बैंक दर पर ब्याज देता है.

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सिक्योरिटी में चल रहे खेल को सामने ला दिया है. उनके मुताबिक विद्युत विभाग ने लगभग 50 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी को ऑनलाइन सिस्टम में शून्य फीड कर दिया है. यह काम बीते पांच साल से लगातार किया जा रहा है. उपभोक्ता परिषद ने कॉरपोरेशन पर आरोप लगाया कि अधिकारियों ने ऐसा जान-बूझकर किया, जिससे वह उपभोक्ताओं को ब्याज देने से बच सकें.

232 करोड़ मिलना है ब्याज
मामले में निदेशक वाणिज्य एके श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसा गलती से हुआ है और इसमें सुधार किया जाएगा. कार्य से संबंधित फाइल चल रही है और सिक्योरिटी जल्द ही दोबारा से सही कर दी जाएगी. हालांकि निदेशक यह नहीं बता सके कि पांच से चल रहे इस काम में अब तक विभाग ने क्या सुधार किया? प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की वर्ष 2019-20 में कुल जमा सिक्योरिटी लगभग 3678 करोड़ है. साथ ही सभी उपभोक्ताओं को लगभग 232 करोड़ का ब्याज मिलना है.

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