लखनऊ: 'पापा मैं फेल हो गया हूं, मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं,' सोशल मीडिया पर यह पोस्ट कर 11वीं में पढ़ने वाला छात्र आत्महत्या करने जा रहा था. जैसे ही उसने ट्वीटर पर यह पोस्ट शेयर की. यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम को इसका अलर्ट मिला. सोशल मीडिया टीम ने फौरन पीजीआई थाने को सूचना दी, जिससे छात्र की जान बचाई जा सके. छात्र को आत्महत्या से बचाए जाने पर परिजनों ने पुलिस टीम को धन्यवाद दिया.
यूपी पुलिस सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल के नोडल अफसर एडिशनल एसपी राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर पीजीआई थानांतर्गत तेलीबाग में रहने वाले छात्र ने शाम को एक पोस्ट डाला था. इसमें उसने लिखा था, 'मै 11वीं में फेल हो गया हूं, अब मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं.' जैसे ही इस पोस्ट की जानकारी ट्विटर ने डीजीपी मुख्यालय के सोशल मीडिया सेल को दी, तत्काल ट्विटर से छात्र के एकाउंट की डिटेल और लोकेशन पताकर लखनऊ पुलिस को सूचित किया गया.
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि डीजीपी मुख्यालय से सूचना मिलते ही छात्र की लोकेशन पर पीजीआई थाने में तैनात राजेंद्र प्रसाद यादव मौके पहुंचे और उन्होंने छात्र को आत्महत्या करने से बचा लिया. इसके साथ ही उसे घर ले जाकर उसके परिजनों के हवाले किया. इस दौरान छात्र की काउंसलिंग भी की गई. अपने 17 वर्षीय बच्चे को सकुशल पाकर परिजनों ने पुलिस को धन्यवाद दिया.
आत्महत्या करने वालों को कैसे बचाती है यूपी पुलिस: दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पर आत्महत्या संबंधी पोस्ट पर निगरानी करती है. इसके लिए बाकायदा टीम बनाई गई है. सोशल मीडिया पर अपनी जिंदगी की परेशानियों की व्यथा बताकर आत्महत्या करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं. इसको देखते हुए यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम ने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के साथ मिलकर इसकी शुरुआत की.
इसके अनुसार, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टि्वटर पर यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या किए जाने से संबंधित पोस्ट शेयर करता है तो कंपनी की तरफ से सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर के फोन नंबर और ईमेल आईडी पर एक अलर्ट भेजा जाता है. यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम 24 घंटे भेजे जाने वाले ऐसे अलर्ट पर नजर रखती है. इस दौरान जैसे ही ऐसी कोई जानकारी मिलती है तो पुलिस पहले आत्महत्या के बारे में सोच रहे व्यक्ति से बात करती है, उसकी काउंसलिंग करती है. इसी दौरान लोकेशन पताकर स्थानीय पुलिस को भी फौरन मौके पर रवाना कर दिया जाता है, जिससे ऐसा कोई कदम उठाने वाले लोगों को रोका जा सके.
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